बजट 2016-17 में की गई महत्वपूर्ण घोषणाएं The Important Announcements In The Budget 2016-17

कृषि एवं किसानों के कल्याण पर व्यापक रूप से ध्यान केन्द्रित

  • किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी की जायेगी।
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 28.5 लाख हेक्‍टेयर भूमि ‍पर सिंचाई सुविधा शुरू की जायेगी।
  • 89 सिंचाई परियोजनाओं को फास्‍ट ट्रैक किया जायेगा, जिनके लिए अगले पांच वर्षों के दौरान 86,500 करोड़ रुपये की आवश्‍यकता होगी। इनमें से 23 परियोजनाओं को 31 मार्च 2017 से पहले पूरा किया जायेगा।
  • नाबार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की आरंभिक राशि के साथ समर्पित दीर्घकालि‍क सिंचाई कोष बनाया जायेगा।
  • सिंचाई पर बाजार उधारी सहित कुल परिव्‍यय 12,157 करोड़ रुपये है।
  • 6,000 करोड़ रुपये की लागत पर बहुपक्षीय वित्‍त पोषण के साथ सतत भूजल प्रबंधन से जुड़े प्रमुख कार्यक्रम का प्रस्‍ताव किया गया है।
  • वर्षा सिंचित क्षेत्रों में पांच लाख फार्म तालाबों एवं कुओं तथा जैविक उर्वरक के उत्‍पादन के लिए 10 लाख कम्‍पोस्‍ट गड्ढ़ों का निर्माण किया जायेगा।
  • मार्च 2017 तक 14 करोड़ कृषि जोतों को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड प्रदान किये जायेंगे।
  • मृदा एवं बीज परीक्षण की सुविधाओं के साथ उर्वरक कंपनियों के 2,000 आदर्श खुदरा केन्‍द्र अगले तीन वर्षों के दौरान खोले जाएंगे।
  • एकीकृत कृषि विपणन ई-प्‍लेटफॉर्म को 14 अप्रैल, 2016 को डॉ. अम्‍बेडकर के जन्‍मदिन पर राष्‍ट्र को समर्पित किया जायेगा।

वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) पर 27,000 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे, जिसमें राज्‍य का हिस्‍सा भी शामिल है। पीएमजीएसवाई को पूरा करने की लक्षित अवधि को दो साल घटाकर वर्ष 2019 कर दिया गया है, जबकि पहले इसे वर्ष 2021 तक पूरा करना था।

वर्ष 2016-17 में नौ लाख करोड़ रुपये कृषि ऋण के रूप में प्रदान किये जाएंगे।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अनाजों की ऑनलाइन खरीदारी करेगा। इसके तहत समुचित पंजीकरण और खरीद की निगरानी करने से पारदर्शिता आयेगी और किसानों को सहूलियत होगी।

पशु स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम ‘पशुधन संजीवनी’ शुरू किया जायेगा। ‘नकुल स्‍वास्‍थ्‍य पत्र’ जारी किये जाएंगे।

ग्रामीण क्षेत्र

  • 14वें वित्‍त आयोग की अनुशंसाओं के अनुसार ग्राम पंचायतों एवं नगर पालिकाओं को 2.87 लाख करोड़ रुपए की अनुदान सहायता दी जाएगी। इसका अर्थ यह हुआ कि प्रति ग्राम पंचायत 81 लाख रुपए एवं प्रति नगर पालिका 21 करोड़ रुपए अनुदान सहायता दी जाएगी।
  • सूखाग्रस्‍त एवं ग्रामीण समस्‍याग्रस्‍त क्षेत्रों के प्रत्‍येक प्रखंड को दीनदयाल अंत्‍योदय मिशन के तहत सहायता दी जाएगी।
  • 300 रुरबन कलस्‍टर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास केंद्रों को सहायता देंगे।
  • सभी गांवों में 1 मई 2018 तक बिजली पहुंचा दी जाएगी।
  • अगले 3 वर्षों में लगभग 6 करोड़ परिवारों को शामिल करने के लिए ग्रामीण भारत के लिए एक नई डिजिटल साक्षरता मिशन योजना प्रारंभ की जाएगी।
  • संशोधित राष्‍ट्रीय भूमि रिकॉर्डों कार्यक्रम के जरिए भूमि रिकॉर्डों का आधुनिकीकरण।
  • राष्‍ट्रीय ग्राम स्‍वराज कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा।
  • सरकारी सब्सिडियों एवं लाभों की लक्षित आपूर्ति जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे गरीबों एवं हकदारों तक पहुंच सकें।
  • आधार संरचना का उपयोग करते हुए वित्‍तीय एवं अन्‍य सब्सिडियों आदि की लक्षित आपूर्ति के लिए नया कानून।
  • उर्वरक में डीबीटी को प्रायोगिक आधार पर प्रारंभ किया जाएगा।
  • देश में कुल 5.35 लाख उचित दर दुकानों में से 3 लाख दुकानों को मार्च 2017 तक ऑटोमेट किया जाएगा।

मुद्रा – 2016-17 में 1,80,000 करोड़ रुपए का ऋण लक्ष्‍य।


सामाजिक क्षेत्र

  • गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्‍शन मुहैया कराने के लिए व्‍यापक अभियान प्रारंभ किया जाएगा। 2016-17 में 1.5 करोड़ गरीब परिवार लाभान्वित होंगे। कुल 5 करोड़ बीपीएल परिवारों को शामिल करने के लिए यह योजना 2 वर्ष और जारी रहेगी। परिवार की महिला सदस्‍य के नाम पर एलपीजी कनेक्‍शन दिए जाएंगे।
  • नई स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना प्रारंभ की जाएगी। प्रति परिवार 1 लाख रुपए और वरिष्‍ठ नागरिकों को अतिरिक्‍त 30 हजार रुपए तक के स्‍वास्‍थ्‍य कवर प्रदान किए जाएंगे।
  • 2016-17 में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत 3,000 स्‍टोर खोले जाएंगे।
  • राष्‍ट्रीय डायलिसिस सेवा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। डायलिसिस उपकरणों के कुछ विशेष हिस्‍सों को कर छूट दी जाएगी।
  • अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमियों के लिए एक नई आर्थिक प्रणाली का गठन किया जाएगा। एमएसएमई मंत्रालय में एससी/एसटी हब का निर्माण किया जाएगा।

शिक्षा

  • जिन जिलों में अभी तक नवोदय विद्यालय नहीं है, वहां पर 62 नए नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे।
  • विश्‍व स्‍तरीय शिक्षण एवं अनुसंधान संस्‍थानों के रूप में उभरने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के 10-10 संस्‍थानों को एक सक्षमकारी नियामकीय ढांचा मुहैया कराया जाएगा।
  • एक हजार करोड़ रुपए के प्रारंभिक पूंजी आधार के साथ उच्‍चतर शिक्षा वित्‍त पोषण एजेंसी की स्‍थापना की जाएगी।
  • शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों, मार्क्‍स-शीट, पुरस्‍कारों इत्‍यादि के लिए डिजिटल डिपोजिटरी की स्‍थापना की जायेगी।

कौशल

  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 1500 बहु कौशल प्रशिक्षण संस्‍थान स्‍थापित किये जायेंगे।
  • उद्योग जगत एवं शिक्षाविदों के साथ भागीदारी कर राष्‍ट्रीय कौशल विकास प्रमाणन बोर्ड स्‍थापित किया जायेगा।
  • ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के जरिये 2200 कॉलेजों, 300 स्‍कूलों, 500 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों तथा 50 व्‍यावसायिक प्रशिक्षण केन्‍द्रों में उद्यमिता शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।

रोजगार सृजन

  • भारत सरकार ईपीएफओ में नामांकन कराने वाले सभी नये कर्मचारियों के लिए रोजगार के प्रथम तीन वर्षों के दौरान 8.33 प्रतिशत का ईपीएस अंशदान अदा करेगी। यह उन सभी कर्मचारियों पर लागू होगा जिनका मासिक वेतन 15000 रुपये है।
  • आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजेएए को संशोधित किया जा रहा है, ताकि रोजगार सृजन से जुड़े प्रोत्‍साहनों का दायरा बढ़ सके।
  • राष्‍ट्रीय कैरियर सेवा प्‍लेटफॉर्म के साथ राज्‍य रोजगार कार्यालयों को जोड़ा जायेगा।
  • छोटी एवं मझोली दुकानों को स्‍वैच्छिक आधार पर सप्‍ताह में सातों दिन खुले रखने की इज़ाजत दी जायेगी। रिटेल क्षेत्र में नये रोजगार।

बुनियादी ढांचा, निवेश, बैंकिंग, बीमा इत्यादि क्षेत्रों में उपाय

  • वर्ष 2016-17 में सड़कों और रेलवे के पूंजीगत व्‍यय पर 2,18,000 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। इसमें शामिल हैं –     पीएमजीएसवाई के लिए 27000 करोड़ रुपये
  1. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के लिए 55,000 करोड़ रुपये
  2. एनएचएआई बांडों के लिए 15,000 करोड़ रुपये
  3. रेलवे के लिए 1,21,000 करोड़ रुपये
  • बगैर उपयोग एवं कम इस्‍तेमाल वाली हवाई पट्टियों को एएआई बहाल करेगा और इसमें राज्‍य सरकारों के साथ भी भागीदारी होगी।
  • परमिट प्रणाली को समाप्‍त कर सड़क परिवहन क्षेत्र (यात्री खंड) को खोला जाएगा। इससे गरीब एवं मध्‍यम वर्ग लाभान्‍वित होंगे, नये निवेश को प्रोत्‍साहन मिलेगा, स्‍टार्टअप उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा एवं नये रोजगार सृजित होंगे। यह एक प्रमुख सुधार है।
  • बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए जन उपयोगिता (विवादों का निपटारा) विधेयक पेश किया जायेगा और पारदर्शिता से समझौता किये बगैर पीपीपी करारों पर नये सिरे से बातचीत के लिए दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे।
  • एफडीआई नीति में बदलाव।
  • किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए भारत में उत्‍पादित और विनिर्मित खाद्य पदार्थों के विपणन में एफआईपीबी के जरिए शत-प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी जाएगी। इससे खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग को प्रोत्‍साहन मिलने के साथ-साथ नए रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी।
  • रणनीतिक विनिवेश के लिए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी गई है और उनकी जल्‍द ही घोषणा की जाएगी।
  • केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की निजी इकाइयों का नई परियोजनाओं में निवेश के लिए संसाधन जुटाने के उद्देश्‍य से विनिवेश किया जा सकता है।
  • वित्‍तीय क्षेत्र में वित्‍तीय कंपनियों के वियोजन पर एक व्‍यापक कोड़ को अधिनियमित किया जाएगा। बैंक दिवालिया और दिवालियापन कानून के साथ इस कोड़ से बड़ा क्रमबद्ध खाली स्‍थान की भरपाई होगी। यह एक बड़ा सुधार करने वाला कदम है।‍
  • परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों को मजबूत बनाने के लिए सारफेसी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। इससे बैंक को विवादित परिसंपत्तियों से निपटने में मदद मिलेगी।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों – (ए) सार्वजनिक क्षेत्रों के  बैंकों का पुन: पूंजीकरण, (बी) सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों की मजबूती के लिए रोड़ मैप की घोषणा की जाएगी, (सी) आईडीबीआई बैंक में सरकार की इक्विटी को 49 प्रतिशत को घटाने पर विचार, (डी) न्‍यायालय के मामलों की कम्‍प्‍युटरीकृत प्रोसेसिंग के साथ डीआरटी को मजबूत किया जाएगा।
  • पारदर्शिता, जवाबदेही और निपुणता में सुधार लाने के लिए सामान्‍य बीमा कंपनियों को स्‍टॉक एक्‍सचेंजों में सूचीबद्ध किया जाएगा।
  • गैर-कानूनी जमावर्ती योजनाओं से निपटने के लिए व्‍यापक केन्‍द्रीय कानून तैयार किया जाएगा।

राज्‍यों और जिलों को जोड़ने के लिए ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ का शुभारंभ किया जाएगा।

वस्‍तुओं और सेवाओं की सरकारी खरीदारी के लिए डीजीएसएंडडी द्वारा प्रौद्योगिकीजन्‍य मंच स्‍थापित किया जाएगा। इससे पारदर्शिता और निपुणता में सुधार के साथ-साथ खरीदारी की लागत घटाने में भी मदद मिलेगी।

वित्‍तीय विधा:

  • वर्ष 2016-17 में वित्‍तीय घाटा का लक्ष्‍य जीडीपी का 3.5 प्रतिशत।
  • एफआरबीएम अधिनियम की समीक्षा के लिए समिति का गठन
  • 2017-18 से गैर-योजना वर्गीकरण को हटाना
  • केन्‍द्रीय योजना स्‍कीमों को युक्तिसंगत बनाना। केन्‍द्रीय योजना के तहत 1500 से ज्‍यादा स्‍कीमों को तकरीबन 300 केन्‍द्रीय क्षेत्र और 30 केन्‍द्र प्रायोजित योजनाओं में पुनर्गठित किया गया है।

सस्‍ते आवास को बढ़ावा देने के उपाय

केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट प्रस्‍तुत करते हुए जून 2016 से मार्च 2019 तक अनुमोदित किए जाने वाले और अनुमोदन के तीन वर्ष के भीतर चार मेट्रो शहरों में निर्मित किए जाने वाले 30 वर्ग मीटर के फ्लैटों और अन्‍य शहरों में 60 वर्गमीटर तक के फ्लैटों हेतु आवास निर्माण परियोना शुरू करने वाले उपक्रमों को लाभों से सौ प्रतिशत कटौती देने का प्रस्‍ताव किया। हालांकि इन उपक्रमों पर न्‍यूनतम एकांतर कर लागू होगा।

उन्‍होंने प्रस्‍ताव किया कि स्‍थावर संपदा निवेश न्‍यास और विशेष शेयरधारिता वाले आईएनवीआईटी की विशेष प्रयोजन साधन (एसपीवी) की आय से किए जाने वाले किसी वितरण के लाभांश वितरण कर के अध्‍यधीन नहीं होंगे।

पहली बार मकान खरीदने वालों के लिए वित्‍त मंत्री ने अगले वित्‍त वर्ष के दौरान स्‍वीकृत 35 लाख रुपये तक के ऋणों हेतु 50 हजार रुपये प्रतिवर्ष के अतिरिक्‍त ब्‍याज के लिए कटौती देने का प्रस्‍ताव किया, बशर्ते मकान की कीमत रुपये से ज्‍यादा न हो।

श्री जेटली ने सरकारी-निजी भागीदारी वाली स्‍कीमों सहित केंद्रीय या राज्‍य सरकार की किसी भी स्‍कीम के तहत 60 वर्गमीटर तक के क्षेत्र में सस्‍ते मकानों के निर्माण को सेवाकर से छूट देने का प्रस्‍ताव किया। इसके अलावा उन्‍होंने निर्माण कार्य में उपयोग के लिए निर्माण स्‍थल पर विनिर्मित कंक्रीट मिश्रण के लिए समय पर उपलब्‍ध उत्‍पाद शुल्‍क छूट को तैयार मिश्रित कंक्रीट के लिए भी दिए जाने का प्रस्‍ताव किया।


सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेगी

एकीकृत कृषि विपणन ई-प्‍लेटफॉर्म इस वर्ष 14 अप्रैल को राष्‍ट्र को समर्पित किया जाएगा

केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने लोकसभा में वित्‍त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि उनकी सरकार खाद्य सुरक्षा से और आगे बढ़ने तथा हमारे किसानों में आय सुरक्षा की भावना भरने का इरादा रखती है। इस संदर्भ में, सरकार की योजना किसानों की आय दोगुनी करने की है। उन्‍होंने कृषि एवं किसानों के कल्‍याण के लिए 35,984 करोड़ रुपए आवंटित किए। उन्‍होंने कहा कि सरकार का इरादा जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग की समस्‍या को दूर करने, सिंचाई के लिए नए बुनियादी ढांचे का निर्माण करने, उर्वरक के संतुलित उपयोग के साथ मृदा उर्वरता को संरक्षित करने एवं कृषि से बाजार तक संपर्क मुहैया कराने का है। श्री अरुण जेटली ने कहा कि 141 मिलियन हेक्‍टेयर शुद्ध खेती वाले क्षेत्रों में से केवल 65 मिलियन हेक्‍टेयर ही सिंचित हैं। इस बारे में, उन्‍होंने ‘प्रधानमंत्री सिंचाई योजना’ की घोषणा की जिससे कि अन्‍य 28.5 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र को सिंचाई के साथ लाने के लिए मिशन मोड में क्रियान्वित किया जा सके। उन्‍होंने कहा कि एआईबीपी के तहत 89 परियोजनाओं को फास्‍ट ट्रैक किया जाएगा जो अन्‍य 80.6 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र को सिंचाई के तहत लाने में मदद करेगा। उन्‍होंने इन परियोजनाओं में से 23 को 31 मार्च 2017 से पहले पूरा करने का वादा किया। इन परियोजनाओं के लिए अगले वर्ष 17 हजार करोड़ रुपए और अगले 5 वर्षों में 86,500 करोड़ रुपए की आवश्‍यकता है। वित्‍त मंत्री श्री जेटली ने घोषणा की कि लगभग 20 हजार करोड़ रुपए की प्रारंभिक कार्पस राशि से नाबार्ड में एक समर्पित दीर्घावधि सिंचाई निधि बनाई जाएगी। बहुपक्षीय वित्‍त पोषण के लिए 6 हजार करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से भूजल संसाधनों के ठोस प्रबंधन के लिए एक ऐसे ही कार्यक्रम का भी प्रस्‍ताव रखा गया है।

श्री जेटली ने मार्च 2017 तक 14 करोड़ कृषि जोतों के कवरेज के लिए मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना के लिए लक्ष्‍य निर्धारित कर रखा है। यह किसानों को उर्वरक का उचित उपयोग करने में सहायक होगा। उन्‍होंने कहा कि उर्वरक कंपनियों के 2,000 मॉडल खुदरा विक्रय केंद्रों को अगले तीन वर्षों में मृदा एवं बीज परीक्षण सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्‍होंने जैव खेती के तहत 5 लाख एकड़ वर्षा जल क्षेत्रों को लाने के लिए ‘परंपरागत कृषि विकास योजना’ की घोषणा की। उन्‍होंने पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में ‘जैव मूल्‍य श्रृंखला विकास योजना’ प्रारंभ की जिससे कि उनके जैव उत्‍पादों को घरेलू एवं निर्यात बाजार प्राप्‍त हो सके।

श्री जेटली ने घोषणा की कि इस वर्ष 14 अप्रैल को डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के जन्‍मदिवस पर एकीकृत कृषि विपणन ई-मंच राष्‍ट्र को समर्पित किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि देश के शेष 65 हजार गांवों को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को 2021 से बढ़ाकर 2019 कर दिया जाएगा। उन्‍होंने सभी किसानों तक न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य सुनिश्चित करने के लिए तीन विशिष्‍ट पहलों की घोषणा की, जिसमें खरीदारी का विकेन्‍द्रीकरण, एफसीआई के माध्‍यम से ऑनलाइन खरीदारी प्रणाली और दालों की खरीदारी के लिए प्रभावी प्रबंध करना शामिल है।

वित्‍त मंत्री ने दुग्‍ध उत्‍पादन को अधिक लाभकारी बनाने के लिए पशुधन संजीवनी, नकुल स्‍वास्‍थ्‍य पत्र, उन्‍नत प्रजनन प्रौद्योगिकी, ई-पशुधन हॉट और देसी नस्‍लों के लिए राष्‍ट्रीय जीनोमिक केन्‍द्र की स्‍थापना करने की भी घोषणा की है। इन परियोजनाओं में अगले कुछ वर्षों के दौरान 850 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

श्री जेटली ने ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं को ग्रांट इन एड के रूप में 2.87 लाख करोड़ रुपए आवंटित करने की घोषणा की। ऐसा 14वें वित्‍त आयोग की सिफारिशों के अनुसार किया है और यह राशि पिछले पांच वर्ष की तुलना में 228 प्रतिशत अधिक है। दीन दयाल अंत्‍योदय मिशन को प्रत्‍येक सूखाग्रस्‍त विकास खंड में और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को ऐसे ही जिलों में शुरू किया जाएगा।

श्री जेटली ने श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत 300 रूर्बन कलस्‍टरों को विकसित करने की भी घोषणा की। उन्‍होंने 01 मई, 2018 तक शत-प्रतिशत गांवों में विद्यु‍तीकरण की भी घोषणा की। वित्‍त मंत्री ने नेशनल डिजिटल साक्षरता मिशन और डिजिटल साक्षरता अभियान नामक दो नई योजनाओं को भी मंजूरी दी है। पंचायती राज संस्‍थानों की मदद के लिए उन्‍होंने नई योजना राष्‍ट्रीय ग्राम स्‍वराज अभियान का भी प्रस्‍ताव किया है।


जीडीपी की वृद्धि दर बढ़कर 7.6 प्रतिशत हुई; 2016-17 का बजट ट्रांस्‍फॉर्म इंडियाके एजेंडे पर टिका है : वित्‍त मंत्री

केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने लोकसभा में वित्‍त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि चालू वित्‍त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्‍पाद की वृद्धि दर बढ़कर 7.6 प्रतिशत तक हो गई है। ऐसा पिछली सरकार के अंतिम तीन वर्षों के दौरान विश्‍व निर्यातों में हुए 7.7 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में, वैश्विक निर्यातों में 4.4 प्रतिशत की कमी होने के बावजूद हुआ। उन्‍होंने कहा कि वैश्विक स्‍तर पर विकास 2014 के 3.4 प्रतिशत से कम होता हुआ 2015 में 3.1 प्रतिशत के स्‍तर पर आ गया। वित्‍तीय बाजारों पर आघात हुए हैं और वैश्विक व्‍यापार कम हो गया है। विश्‍व स्‍तर पर इन प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद, अपनी अंदरूनी ताकतों एवं वर्तमान सरकार की नीतियों के कारण भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था ने अपना आधार मजबूत बनाए रखा है।

वित्‍त मंत्री श्री जेटली ने कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्राकोष ने भारत को मंद पड़ती वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था के बीच एक ‘दैदीप्‍यमान प्रकाश स्‍तंभ’ का नाम दिया है। विश्‍व आर्थिक मंच ने कहा है कि भारत का विकास ‘असाधारण रूप से उच्‍च’ रहा है। हमने यह उपलब्धि प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद और इस तथ्‍य के बावजूद हासिल की है कि हमें विरासत में एक ऐसी अर्थव्‍यवस्‍था मिली थी जिसमें विकास कम, महंगाई अधिक और सरकार की शासन करने की सामर्थ्‍य में निवेशक का विश्‍वास शून्‍य था।

वित्‍त मंत्री श्री जेटली ने यह भी कहा कि पिछली सरकार के अंतिम तीन वर्षों के दौरान, उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक संबंधी मुद्रास्‍फीति 9.4 प्रतिशत के स्‍तर पर थी। हमारी सरकार के कार्यकाल में यह कम होकर 5.4 प्रतिशत पर आ गई। यह उपलब्धि लगातार दो वर्षों में मानसून की वर्षा में 13 प्रतिशत की कमी के बावजूद हासिल की गई।

श्री जेटली ने कहा कि हमारी वैदेशिक स्थिति मजबूत है और चालू खाता घाटा पिछले वर्ष के पूर्वार्द्ध के 18.4 बिलियन डॉलर से घटकर इस वर्ष 14.4 बिलियन डॉलर रह गया। अनुमान है कि इस वर्ष के अंत तक यह सकल घरेलू उत्‍पाद का 1.4 प्रतिशत रह जाएगा। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 350 बिलियन डॉलर का है, जो अभी तक का अधिकतम स्‍तर है।

वित्‍त मंत्री ने इस सिद्धांत के प्रति संकल्‍प दोहराया कि सरकार के पास का धन लोगों का धन है, और सरकार पर इसे लोगों के, खासकर गरीब एवं वंचित वर्गों के कल्‍याण के लिए विवेकपूर्ण ढ़ंग से खर्च करने की पावन जिम्‍मेदारी है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार ने सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं एवं रक्षा ओआरओपी के क्रियान्‍वयन के कारण वित्‍त वर्ष 2016-17 के लिए अपने व्‍यय को भी प्राथमिकता देने का निर्णय किया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकार समाज के निर्बल वर्गों की सहायता के लिए तीन बड़ी योजनाएं शुरू करेगी। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि सरकार की प्राथमिकता निर्बल वर्ग, ग्रामीण क्षेत्रों को अतिरिक्‍त संसाधन मुहैया कराने तथा भौतिक ढांचे का निर्माण करने की है।


प्रति परिवार 1 लाख रुपए तक का स्‍वास्‍थ्‍य कवर प्रदान करने के लिए एक नई स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना की घोषणा

राष्‍ट्रीय डायलिसिस सेवा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा

2016-17 के दौरान प्रधानमंत्री की जन औषधि योजना के तहत 3000 स्‍टोर खोले जाएंगे

केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वित्‍त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए एक नई स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना की घोषणा की है। संसद में अपनी बजट घोषणा में वित्‍त मंत्री ने चिंता जताई कि परिवार के सदस्‍यों की गंभीर बीमारी गरीबों एवं आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालती है। ऐसे परिवारों की सहायता करने के लिए सरकार एक नई स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना शुरू करेगी जो प्रति परिवार 1 लाख रुपए तक का स्‍वास्‍थ्‍य कवर प्रदान करेगी। वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि किफायती दामों पर गुण्‍वत्‍तापूर्ण दवाओं का निर्माण करना एक बड़ी चुनौती रही है। उन्‍होंने कहा कि हम जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति में फिर से तेजी लाएंगे और 2016-17 के दौरान प्रधानमंत्री की जन औषधि योजना के तहत 3000 स्‍टोर खोले जाएंगे। वित्‍त मंत्री ने एक ‘राष्‍ट्रीय डायलिसिस सेवा कार्यक्रम’ शुरू करने का प्रस्‍ताव रखा है। इसके लिए राशि पीपीपी मॉडल के जरिए राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के तहत उपलब्‍ध कराई जाएगी जिससे कि सभी जिला अस्‍पतालों में डायलिसिस सेवाएं मुहैया कराई जा सके।


सरकारी सब्सिडियों का लक्षित संवितरण एवं वास्‍तविक लाभार्थियों को वित्‍तीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए पहल

सरकारी सब्सिडियों के लक्षित संवितरण एवं वास्‍तविक लाभार्थियों को वित्‍तीय सहायता सुनिश्चित करने के लक्ष्‍य को अर्जित करने के लिए तीन विशिष्‍ट पहलों का प्रस्‍ताव रखा गया है।

केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वित्‍त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि यह न्‍यूनतम सरकार एवं अधिकतम शासन का एक अहम हिस्‍सा है। ये तीन पहलें इस प्रकार हैं :

पहला, आधार संरचना का उपयोग करने के द्वारा वित्‍तीय एवं अन्‍य सब्सिडियों, लाभों एवं सेवाओं की लक्षित आपूर्ति के लिए एक विधेयक। लाभार्थियों को सटीक तरीके से लक्षित करने के लिए आधार का उपयोग करते हुए एक सामाजिक सुरक्षा मंच का विकास किया जाएगा।

दूसरा, प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण (डीबीटी) को पूरे देश के कुछ जिलों में उर्वरक के लिए प्रायोगिक आधार पर लागू किए जाने का प्रस्‍ताव है। तीसरा, देश की 5.35 लाख उचित मूल्‍य दुकानों में से मार्च 2017 तक 3 लाख उचित मूल्‍य दुकानों में ऑटोमेशन सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।


वित्‍त मंत्री ने गरीब परिवारों की महिलाओं को एलपीजी कनेक्‍शन देने के लिए बजट में 2000 करोड़ रुपए देने की घोषणा की, इस योजना से चालू वर्ष के दौरान गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 1.5 करोड़ परिवारों को लाभ

वित्‍त मंत्री ने स्‍वेच्‍छा से एलपीजी गैस की सब्सिडी छोड़ने वाले परिवारों की प्रंशसा करते हुए उनका आभार व्‍यक्‍त किया

अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति केन्‍द्र स्‍थापित किया जाएगा

2.5 लाख अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला उद्यमियों की भलाई के लिए स्‍टैंड अप इंडिया की योजना

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने आज लोकसभा में वित्‍त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि चालू वित्‍त वर्ष के लिए केन्‍द्रीय बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए अनेक नये उपाय शामिल हैं। आज लोकसभा में अपने बजट भाषण में इन उपायों पर प्रकाश डालते हुए उन्‍होंने बताया कि सरकार ने गरीब परिवारों की महिला सदस्‍य के नाम से एलपीजी कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराने के लिए एक मिशन आरंभ करने का निर्णय लिया है। इस एलपीजी कनेक्‍शन को उपलब्‍ध कराने की आरंभिक लागत पूरी करने के लिए इस वर्ष के बजट में 2000 करोड़ रुपए की व्‍यवस्‍था की गई है।

वित्‍त मंत्री श्री जेटली ने कहा कि इससे वर्ष 2016-17 के दौरान गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लगभग 1.5 करोड़ परिवारों को लाभ होगा। यह योजना कम से कम दो वर्ष तक जारी रहेगी, ताकि इसके तहत पांच करोड़ बीपीएल परिवारों को शामिल किया जा सके। इस योजना से पूरे देश में रसोई गैस की सर्वसुलभ कवरेज सुनिश्चित होगी। इस कदम से महिलाओं का सशक्तिकरण होगा और उनके स्‍वास्‍थ्‍य की भी रक्षा होगी। इससे खाना बनाने की आपूर्ति श्रृंखला में ग्रामीण लोगों को रोजगार भी उपलब्‍ध होंगे।

वित्‍त मंत्री ने 75 लाख मध्‍यवर्गीय और निम्‍न मध्‍यवर्गीय परिवारों की सराहना की और उनके प्रति आभार व्‍यक्‍त किया, जिन्‍होंने माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान पर स्‍वैच्छिक रूप से रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ दी है।

श्री अरूण जेटली ने एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण घोषणा में कहा कि उद्योग संघों की भागीदारी में सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उ़द्यम मंत्रालय की भागीदारी में राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति केन्‍द्र की स्‍थापना करने का भी प्रस्‍ताव है। यह केन्‍द्र अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों को केन्‍द्र सरकार की खरीदारी नीति 2012 के अधीन अपनी जिम्‍मेदारी पूरी करने के लिए वैश्विक सर्वश्रेष्‍ठ कार्य विधि अपनाने और स्‍टैंड अप इंडिया पहल का लाभ उठाने के लिए पेशेवर मदद उपलब्‍ध कराएगा। वित्‍त मंत्री ने अनुसूचित जाति/जनजाति तथा महिलाओं में उद्यमियता को बढ़ावा देने के लिए केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्‍टैंड अप इंडिया योजना को मंजूरी देने की भी घोषणा की और बताया कि इसके लिए 500 करोड़ रुपए उपलब्‍ध कराये गये है। इस योजना से प्रत्‍येक श्रेणी के कम से कम एक उद्यमी के लिए प्रति बैंक शाखा कम से कम ऐसी दो परियोजनाओं को मदद मिलेगी। इस योजना से कम से कम 2.5 लाख उद्यमियों को लाभ मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि अल्‍पसंख्‍यकों के कल्‍याण और कौशल विकास के लिए बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम तथा उस्‍ताद योजना को प्रभावशाली रूप से लागू किया जाएगा।


चालू वित्‍त वर्ष के बजट अनुमान की तुलना में योजना व्‍यय में 15.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि 2016-17 के आम बजट में कुल व्‍यय 19.78 लाख करोड़ रुपए अनुमानित है, जिसमें योजना व्‍यय का 5.50 लाख करोड़ रुपए और गैर-योजना के अधीन 14.28 लाख करोड़ रुपए शामिल है। योजना व्‍यय में चालू वित्‍त वर्ष के बजट अनुमानों की तुलना में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। श्री जेटली ने कहा कि योजना आवंटनों में कृषि, सिंचाई और स्‍वास्‍थ्‍य, महिला और बाल विकास, अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अल्‍पसंख्‍यकों के कल्‍याण तथा बुनियादी ढांचा जैसे सामाजिक क्षेत्रों पर विशेष ध्‍यान दिया गया है।


देश भर में 1500 बहु-कौशल प्रशिक्षण संस्‍थानों की स्‍थापना की जाएगी, बजट 2016-17 में 1700 करोड़ रुपये प्रदान किए गए

सरकार सभी नए कर्मचारियों के लिए रोजगार के शुरूआती 3 वर्ष में 8.33 प्रतिशत कर्मचारी भविष्‍य निधि का अंशदान करेगी, बजट में 1000 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई

2016-17 के अंत तक 100 मॉडल करियर केंद्रों को संचालन योग्‍य बनाया जाएगा

राज्‍य रोजगार कार्यालयों को राष्‍ट्रीय करियर सेवा प्‍लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा

सरकार ने देश भर में देश भर में 15,00 बहु-कौशल प्रशिक्षण संस्‍थानों की स्‍थापना का फैसला किया है, इसके लिए वर्ष 2016-17 के आम बजट में 17,00 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के माध्‍यम से उद्यमिता को युवाओं के द्वार पर लाना सरकार की प्राथमि‍कता में शामिल है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि ‘’स्किल इंडिया मिशन’’ का उद्देश्‍य मानव आबादी का लाभ उठाना है। राष्‍ट्रीय कौशल विकास अभियान की शुरूआत से ही एक विस्‍तृत कौशल विकास पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया गया है और इसके तहत 76 लाख युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। उन्‍होंने कहा कि उद्योग जगत और शिक्षाविदों की भागीदारी से एक राष्‍ट्रीय कौशल विकास प्रमाणन बोर्ड की स्‍थापना करने का निर्णय लिया गया है। श्री जेटली ने अगले तीन वर्षों में एक करोड़ युवाओं को कुशल बनाने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को और अधिक उन्‍नत बनाने का प्रस्‍ताव भी किया।

वित्‍त मंत्री ने उद्यमिता, शिक्षा और प्रशिक्षण को व्‍यापक ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्‍यमों से 2200 महाविद्यालयों, 300 विद्यालयों, 500 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों तक 50 व्‍यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों में प्रदान किया जाएगा। उद्यमी बनाने की आकांक्षा रखने वाले व्‍यक्तियों, खासकर देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आए व्‍यक्तियों को मार्गदर्शकों और ऋण बाजारों से जोड़ा जाएगा।

श्री जेटली ने कहा कि औपचारिक क्षेत्र में नए रोजगार के सृजन की गति में तेजी लाने के उद्देश्‍य से भारत सरकार कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन में नामांकन कराने वाले सभी नए कर्मचारियों के लिए उनकी नियुक्ति की तारीख से शुरूआती तीन वर्षों के लिए 8.33 प्रतिशत के हिसाब से कर्मचारी पेंशन योजना अंशदान का योगदान करेगी। यह स्‍कीम 15,000 रुपये प्रति माह तक वेतनभोगियों पर भी लागू की जाएगी। वित्‍त मंत्री ने इस योजना के लिए बजट में 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

वित्‍त विधेयक 2016 में आयकर अधिनियम की धारा 80 जे जे ए ए के अधीन उपलब्‍ध रोजगार सृजन प्रोत्‍साहन का दायरा और अधिक व्‍यापक तथा उदार बनाने का भी प्रस्‍ताव किया गया है।

श्री जेटली ने कहा कि जुलाई 2015 में एक राष्‍ट्रीय करियर सेवा भी प्रारम्‍भ की गयी थी। रोजगार पाने की इच्‍छा रखने वाले 35 मिलियन से अधिक लोग पहले से ही इस सेवा में पंजीकरण करवा चुके हैं। उन्‍होंने वर्ष 2016-17 के अंत तक 100 मॉडल करियर केंद्रों को संचालन योग्‍य बनाने का प्रस्‍ताव किया। श्री जेटली ने राज्‍य के रोजगार कार्यालयों को राष्‍ट्रीय करियर सेवा प्‍लेटफॉर्म से जोड़ने का भी प्रावधान किया।


उच्‍च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ रुपये के आरंभिक पूंजी आधार के साथ उच्‍च शिक्षा वित्‍तपोषण एजेंसी (हेफा) स्‍थापित करने का फैसला

विश्‍वस्‍तरीय शिक्षण और अनुसंधान संस्‍थानों के तौर पर उभरने के लिए 10 सार्वजनिक एवं 10 निजी संस्‍थाओं को समर्थ बनाया जाएगा

शेष जिलों में अगले 2 वर्षों में 62 नए नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे

सरकार ने अगले दो वर्षों में शेष जिलों में 62 नए नवोदय विद्यालय खोलने का प्रस्‍ताव किया है। केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि सरकार का ध्‍यान शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार लाने पर केंद्रित है। उन्‍होंने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत बड़ा आवंटन किया जाएगा।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि विश्‍वस्‍तरीय शिक्षण और अनुसंधान संस्‍थानों के तौर पर उभरने में सहायता देने के लिए उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों को सशक्‍त बनाना सरकार की वचनबद्धता है। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए 10 सार्वजनिक एवं 10 निजी संस्‍थाओं को एक समर्थकारी विनियामक संरचना उपलब्‍ध करायी जाएगी।

अपने बजट भाषण में श्री जेटली ने कहा कि सरकार ने उच्‍च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ रुपये के आरंभिक पूंजी आधार के साथ उच्‍च वित्‍तपोषण एजेंसी (हेफा) स्‍थापित करने का फैसला किया है।


वृद्धि और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उपाय

अप्रैल 2016 से मार्च 2019 के दौरान प्रचालन आरंभ करने वाले स्टार्ट अप्‍स को 5 वर्षों में से 3 वर्षों तक अर्जित किए गए लाभ पर 100 प्रतिशत कर कटौती का लाभ

केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि स्‍टार्ट अप व्‍यवसाय रोजगार सृजित करते हैं, नवोन्‍मेष लाते हैं। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम में ये प्रमुख भूमिका निभाएंगे। वित्‍त मंत्री ने अप्रैल 2016 से मार्च 2019 के दौरान, प्रचालन आरंभ करने वाले स्‍टार्ट अप्‍स को पांच वर्षों में से तीन वर्षों तक अर्जित किए गए लाभ पर सौ प्रतिशत कर कटौती का लाभ देकर व्‍यवसाय को बढ़ावा देने में मदद का प्रस्‍ताव दिया। उन्‍होंने कहा कि ऐसे मामलों में न्‍यूनतम एकांतर कर (एमएटी) लागू होगा। पूंजी लाभ पर कर नहीं लगाया जाएगा। यदि विनियमि‍त/अधिसूचित निधियों में निवेश किया गया हो और यदि व्‍यक्तियों द्वारा ऐसे अधिसूचित स्‍टार्ट अप में निवेश किया गया हो, जिनमें उनकी अधिसंख्‍य शेयरधारिता हो।

उन्‍होंने कहा कि अनुसंधान नवोन्‍मेष का प्रेरक है और नवोन्‍मेष आर्थिक विकास को बल प्रदान करता है। श्री जेटली ने पेटेंटों के संबंध में विशेष व्‍यवस्‍था शुरू करने का भी प्रस्‍ताव किया जिसमें भारत में विकसित और पंजीकृत पेटेंटों के विश्‍व भर में प्रयोग से अर्जित आय पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा।

वित्‍त मंत्री ने ए आर ए सी के न्‍यासों सहित प्रतिभूतिकरण न्‍यासों को आयकर का पूर्ण पास-थ्रू अंतरित करने का भी प्रस्‍ताव किया है। उन्‍होंने कहा कि न्‍यास की बजाए निवेशकों के हाथ आयी आमदनी पर कर लगाया जाएगा, तथापि न्‍यास स्रोत पर कर कटौती के अध्‍यधीन होंगे।

वित्‍त मंत्री ने असूचीबद्ध कंपनियों के मामले में दीर्घावधिक पूंजी लाभ व्‍यवस्‍था के लाभ प्राप्‍त करने की अवधि को तीन वर्ष से घटाकर दो वर्ष करने प्रस्‍ताव किया।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां डूबे हुए और संदेहास्‍पद ऋणों के संबंध में अपनी आय की पांच प्रतिशत कटौती की पात्र होंगी।

उन्‍होंने विदेशी कंपनी के प्रभावी प्रबंधन स्‍थान के आधार पर रेजीडेंसी का निर्धारण एक वर्ष आस्‍थगित रखने का भी प्रस्‍ताव किया।

उन्‍होंने कहा कि ओईसीडी और जी-20 के बीईपीएस कार्यक्रम के प्रति अपनी वचनबद्धता पूरी करने के लिए वित्‍त विधेयक 2016 में, 750 मिलियन यूरो से अधिक के समेकित राजस्‍व वाली कंपनियों के लिए देश दर देश सूचना देने की अपेक्षा का प्रावधान शामिल है।

उन्‍होंने दीनदयाल उपाध्‍याय ग्रामीण कौशल्‍य योजना के अंतर्गत उपलब्‍ध करायी गई सेवाओं तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के पैनल में शामिल मूल्‍यांकन निकायों द्वारा उपलब्‍ध करायी गयी सेवाओं को सेवा से छूट देने का प्रस्‍ताव किया।

वित्‍त मंत्री ने ऑटिज्‍म, सेरेब्रल पाल्‍सी, मानसिक मंदन और बहुल अपंगता वाले व्‍यक्तियों के कल्‍याण हेतु राष्‍ट्रीय न्‍यास द्वारा शुरू की गयी ‘निरामय ’ स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना के अंतर्गत दी गयी साधारण बीमा सेवाओं पर सेवा कर से छूट का भी प्रस्‍ताव किया।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि दिव्‍यांग व्‍यक्तियों के लिए अनेक सहायक उपकरणों, पुनर्वास, सहायक सामग्रियों और अन्‍य वस्‍तुओं पर शून्‍य बुनियादी सीमा शुल्‍क लगता है। उन्‍होंने ब्रेल कागज पर यह छूट देने का प्रस्‍ताव भी किया।


संशोधित अनुमान वर्ष 2015-16 में वित्‍तीय घाटा 3.9 प्रतिशत और बजट अनुमान

वर्ष 2016-17 में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि वित्‍तीय लक्ष्‍यों पर अडिग रहते हुए संशोधित अनुमान 2015-16 और बजट अनुमान 2016-17 में वित्‍तीय घाटा सकल घरेलू उत्‍पाद-जीडीपी के क्रमश: 3.9 प्रतिशत और 3.5 प्रतिशत पर बरकरार रहा। श्री जेटली ने कहा कि उन्‍होंने वित्‍तीय समेकन और स्‍थायित्‍व या सीमित समेकन और वृद्धि को बढ़ावा देने के पक्ष में नीतिगत विकल्‍पों पर विचार किया। वित्‍त मंत्री ने कहा कि उन्‍होंने तय किया कि बुद्धिमानी वित्‍तीय लक्ष्‍यों पर अडिग रहने में है, लेकिन ऐसा करते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि विकास के एजेंडे के साथ समझौता न किया जाए।


वित्‍तीय कंपनियों के वियोजन पर व्‍यापक संहिता को अधिनियमित किया जाएगा

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुन: पूंजीकरण के लिए 25 हजार करोड़ रुपए का आवंटन

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत स्‍वीकृत राशि का लक्ष्‍य बढ़ाकर 1.80 लाख करोड़ करने का प्रस्‍ताव

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि वित्‍तीय कंपनियों के वियोजन पर व्‍यापक संहिता को अधिनियमित किया जाएगा। ऐसा करने से दिवालिया और दिवालियापन कानून के साथ इस कोड़ से बड़े क्रमबद्ध खाली स्‍थान की भरपाई होगी। यह एक बड़ा सुधार करने वाला कदम है। मौद्रिक नीति ढांचे को सांविधिक आधार उपलबध कराया जाएगा और वित्‍त विधेयक 2016 के तहत मौद्रिक नीति का गठन किया जाएगा। परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों को मजबूत बनाने के लिए सारफेसी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। उन्‍होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति सुधारने की योजना की भी घोषणा की है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत स्‍वीकृत राशि का लक्ष्‍य बढ़ाकर 1.80 लाख करोड़़ रुपए करने का प्रस्‍ताव है। पारदर्शिता, जवाबदेही और निपुणता में सुधार लाने के लिए कंपनियों को स्‍टॉक एक्‍सचेंजों में सूचीबद्ध किया जाएगा। गैर-कानूनी जमावर्ती योजनाओं से निपटने के लिए व्‍यापक केन्‍द्रीय कानून तैयार किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में वित्‍तीय सेवाओं की बेहतर पहुंच उपलब्‍ध कराने के लिए सरकार अगले तीन वर्षों के दौरान डाकघरों में एटीएम और माइक्रो एटीएम की बड़ी राष्‍ट्रव्‍यापी योजना शुरू करेंगी।


बीमा, पेंशन, परिसम्‍पत्तियां पुनर्गठन कंपनियां, स्‍टॉक एक्‍सचेंज जैसे क्षेत्रों में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश नीति में सुधार 

भारत में उत्‍पादित और विनिर्मित खाद्य पदार्थों के विपणन में एफआईपीबी के जरिए शत-प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति दी जाएगी

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने आज लोकसभा में वित्‍त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक उपयोगिता (विवादों का समाधान) विधेयक पुन: स्‍थापित किया जाएगा। पारदर्शिता से समझौता किए बगैर एफडीआई नीति में घोषणा करते हुए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए नई क्रेडिट रेटिंग प्रणाली लागू की जाएगी। श्री जेटली ने बीमा, पेंशन, परिसम्‍पत्तियां पुनर्गठन कंपनियां, स्‍टॉक एक्‍सचेंज जैसे क्षेत्रों में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश नीति में सुधार की प्रस्‍तावित घोषणा की है। भारत में उत्‍पादित और विनिर्मित खाद्य पदार्थों के विपणन में एफआईपीबी के जरिए शत-प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति दी जाएगी। इससे किसानों को लाभ मिलेगा और खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ रोजगार के भी ज्‍यादा अवसर उपलब्‍ध होंगे। उन्‍होंने बताया कि रणनीतिक विनिवेश के लिए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दे दी गई है और केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का नई परियोजना में निवेश के लिए संसाधन जुटाने हेतु विनिवेश किया जा सकता है।


योजना और गैर-योजना का अलग-अलग वर्गीकरण करने की परंपरा वित्‍त वर्ष 2017-18 से समाप्‍त होगी

योजना और गैर-योजना का अलग-अलग वर्गीकरण करने की परम्‍परा वित्‍त वर्ष 2017-18 से समाप्‍त कर दी जायेगी। यह जानकारी केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए दी। श्री जेटली ने कहा कि लगातार कई समितियों ने योजना और गैर-योजना के रूप में सरकारी खर्च का वर्गीकरण किये जाने के औचित्‍य पर सवाल उठाये थे। विगत कई वर्षों से मोटे तौर पर यह माना जाता रहा है कि योजना खर्च अच्‍छे होते हैं, जबकि गैर-योजना खर्च खराब होते हैं। ऐसे में बजट आवंटन स‍टीक ढंग से नहीं हो पाते हैं। इसमें सुधार करने की जरूरत है, ताकि सरकारी खर्च के राजस्‍व और पूंजीगत वर्गीकरण पर ज्‍यादा ध्‍यान केन्‍द्रित किया जा सके। श्री जेटली ने कहा कि केन्‍द्र एवं राज्‍यों के बजट में तालमेल बैठाने के लिए वित्‍त मंत्रालय इस दिशा में राज्‍यों के वित्‍त विभागों के साथ मिलकर कदम उठाएगा।


किराए पर कटौती की सीमा 24,000 रुपए से बढ़ाकर 60,000 रुपए की गई

स्‍टार्टअप के लिए कुल 5 वर्षो में से 3 वर्षो तक अर्जित किए गये मुनाफे पर

100 प्रतिशत कर कटौती का लाभ

सेवानिवृत्ति के समय संबंधित धनराशि के 40 प्रतिशत तक की निकासी कर मुक्‍त होगी

प्रथम बार घर खरीदने वालों के लिए प्रतिवर्ष 50,000 रुपए के अतिरिक्‍त ब्‍याज की कटौती

नवीन विवाद निपटान योजना का शुभारंभ किया जाएगा

50 करोड़ रुपए से कम का राजस्‍व संग्रह करने वाले एवं विभिन्‍न मंत्रालयों द्वारा लागू 13 उपकरों को समाप्‍त किया जाएगा

 ‘ई-सहयोगऔर ई-आकलनका आगे और विस्‍तार किया जाएगा

30 वर्गमीटर तक के फ्लैटों वाली आवासीय परियोजना में उपक्रम को होने वाले लाभ पर सौ प्रतिशत कटौती

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा है कि समाज से गरीबी और असमानता को समाप्‍त करने के लिए सरकार के लिए कराधान एक प्रमुख उपकरण है। उन्‍होंने अपने प्रावधानों में महत्‍वपूर्ण 9 श्रेणियों को सूचीबद्ध किया है। इनमें (1.) छोटे करदाताओं को राहत (2.) वृद्धि और रोजगार सृजन बढ़ाने के उपाय (3.) मेक इन इंडिया में सहायता के लिए घरेलू मूल्‍य संवर्द्धनों को प्रोत्‍साहन (4.) एक पेशनधारी समाज की दिशा में अग्रसर होने के उपाय (5.) किफायती आवास को प्रोत्‍साहन देने के उपाय (6.) कृषि, ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था और स्‍वच्‍छ वातावरण के लिए अतिरिक्‍त संसाधनों को जुटाना (7.) मुकदमेंबाजी को कम करना और कराधान में निश्चितता प्रदान करना (8.) कराधान का सरलीकरण और तर्कसंगत स्‍वरूप (9.) जबावदेही को सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी का उपयोग शामिल हैं।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि 5 लाख रुपए तक की आय वाले व्‍यक्तियों पर कर का बोझ कम करने की दृष्टि से धारा 87 ए के अं‍तर्गत कर छूट की अधिकतम सीमा 5,000 रुपए तक बढ़ाकर और धारा 80 जीजी के तहत मकान किराए के भुगतान के संबंध में कटौती की सीमा 60,000 रुपए प्रतिवर्ष करके मध्‍यववर्गीय करदाताओं को राहत प्रदान की गई हैं। उन्‍होंने बताया कि अनुमान पर आधारित कराधान योजना के अंतर्गत टर्नओवर सीमा को 2 करोड़ रुपए तक बढ़़ाते हुए उदयमिता को प्रोत्‍साहन देने के साथ-साथ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 1.8 लाख करोड़ रुपए के ऋण वितरित करने का लक्ष्‍य है और स्‍टार्टअप्‍स के लिए 5 में से तीन वर्षो के लिए 100 प्रतिशत कटौती उपलब्‍ध कराना भी प्रस्‍ताव में शामिल है।

विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उपाय के अंतर्गत, श्री जेटली ने कहा कि आयकर अधिनियम में उपबंधित त्‍वरित अवमूल्‍यन को 1 अप्रैल 2017 से अधिकतम 40 प्रतिशत तक सीमित कर दिया जाएगा। अनुसंधान कार्य हेतु कटौतियों के लाभ 1 अप्रैल, 2017 से अधिकतम 150 प्रतिशत और 1 अप्रैल 2020 से अधिकतम 100 प्रतिशत तक कर दिए जाएंगे।

उन्‍होंने कहा कि कारपोरेट कर-दर में कटौती को चरणबद्ध रूप से समाप्‍त किए जा रहे प्रोत्‍साहनों से मिलने वाले प्रत्‍याशित अतिरिक्‍त राज्‍स्‍व के अनुसार निर्धारित किया जाना है। उन्‍होंने 1 मार्च 2016 को या इसके बाद निगमित होने वाली नई विनिर्माणकारी कंपनियों को 25 प्रतिशत +अधिभार और उपकर की दर से कराधान का विकल्‍प उपलब्‍ध कराने का प्रस्‍ताव किया यदि वे लाभ संबद्ध या निवेश संबद्ध कटौतियों का दावा नहीं करती तथा निवेश छूट और त्‍वरित अवमूल्‍यन का लाभ नहीं उठाती। श्री जेटली ने कहा कि अपेक्षाकृत छोटे उदयमों अर्थात ऐसी कंपनियां जिनका टर्नओवर 5 करोड़़ रूपए से अधिक न हो (मार्च 2015 को समाप्‍त वित्‍त वर्ष के दौरान) उनके लिए आगामी वित्‍त वर्ष के दौरान कारपोरेट की दर को घटाकर 29 प्रतिशत + अधिभार और उपकर किया जाए।

श्री अरुण जेटली ने कहा कि स्‍टार्ट अप व्‍यवसाय रोजगार सृजित करते हैं, नवोन्‍मेष लाते हैं। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम में ये प्रमुख भूमिका निभाएंगे। वित्‍त मंत्री ने अप्रैल 2016 से मार्च 2019 के दौरान, प्रचालन आरंभ करने वाले स्‍टार्ट अप्‍स को पांच वर्षों में से तीन वर्षों तक अर्जित किए गए लाभ पर सौ प्रतिशत कर कटौती का लाभ देकर व्‍यवसाय को बढ़ावा देने में मदद का प्रस्‍ताव दिया। उन्‍होंने कहा कि ऐसे मामलों में न्‍यूनतम एकांतर कर (एमएटी) लागू होगा। पूंजी लाभ पर कर नहीं लगाया जाएगा। यदि विनियमि‍त/अधिसूचित निधियों में निवेश किया गया हो और यदि व्‍यक्तियों द्वारा ऐसे अधिसूचित स्‍टार्ट अप में निवेश किया गया हो, जिनमें उनकी अधिसंख्‍य शेयरधारिता हो।

वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि सीमा एवं उत्‍पाद शुल्‍क से जुड़ा ढांचा ‘मेक इन इंडिया’अभियान की दिशा में घरेलू मूल्‍यवर्धन को प्रोत्‍साहित करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्‍होंने अनेक खास कच्‍चे माल, मध्‍यवर्ती वस्‍तुओं एवं कलपुर्जों और कुछ अन्‍य विशेष वस्‍तुओं पर देय सीमा एवं उत्‍पाद शुल्‍क में उपयुक्‍त बदलाव करने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने का प्रस्‍ताव किया है, ताकि विभिन्‍न क्षेत्रों में घरेलू उद्योग की लागत घटाई जा सके और प्रतिस्‍पर्धी क्षमता बेहतर की जा सके। इन क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर, पूंजीगत सामान, रक्षा उत्‍पादन, कपड़ा, खनिज ईंधन एवं खनिज तेल, रसायन व पेट्रोरसायन, कागज, पेपरबोर्ड व न्‍यूजप्रिंट, विमानों का रख-रखाव व मरम्‍मत, जहाज मरम्‍मत इत्‍यादि शामिल हैं।

पेंशन प्राप्‍त समाज की ओर बढ़ने के उपायों के तहत, श्री अरूण जेटली ने राष्‍ट्रीय पेंशन स्‍कीम के मामले में सेवानिवृत्ति के समय निधि से 40 प्रतिशत आहरण को करमुक्‍त करने का प्रस्‍ताव किया। अधिवर्षिता निधियों और ईपीएफ सहित मान्‍यता प्राप्‍त भविष्‍य निधियों के मामलें में 1 अप्रैल 2016 के पश्‍चात किए गये अंशदानों से सृजित निधियों के संबंध में भी 40 प्रतिशत के कर-मुक्‍त होने का वही मानदंड लागू होगा। इसके अतिरिक्‍त, उन्‍होंने कर छूट का लाभ लेने के लिए मान्‍यता प्राप्‍त भविष्‍य और अधिवर्षिता निधियों में नियोक्‍ता के अंशदान की मौद्रिक सीमा 1.5 लाख रुपए प्रतिवर्ष करने का प्रस्‍ताव भी किया।

सस्‍ते आवास निर्माण को बढ़ावा देने के उपाय के तहत, वित्‍त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना समयबद्ध तरीके से सभी और विशेषकर गरीबों की आवासीय जरूरतों का समाधान करने के लिए सरकार के आश्‍वासन का साकार रूप है। उन्‍होंने कहा कि जून, 2016 से मार्च 2019 तक अनुमोदित किए जाने वाले और अनुमोदन के तीन वर्ष के भीतर चार मेट्रो शहरों में निर्मित किए जाने वाले 30 वर्ग मीटर के फ्लैटों और अन्‍य शहरों में 60 वर्गमीटर तक के फ्लैटों हेतु आवास निर्माण परियोजना शुरू करने वाले उपक्रमों को लाभों से सौ प्रतिशत कटौती देने का प्रस्‍ताव किया। हालांकि इन उपक्रमों पर न्‍यूनतम एकांतर कर लागू होगा। पहली बार मकान खरीदने वालों के लिए वित्‍त मंत्री ने अगले वित्‍त वर्ष के दौरान स्‍वीकृत 35 लाख रुपये तक के ऋणों हेतु 50 हजार रुपये प्रतिवर्ष के अतिरिक्‍त ब्‍याज के लिए कटौती देने का प्रस्‍ताव किया, बशर्ते मकान की कीमत 50 लाख रुपये से ज्‍यादा न हो। उन्‍होंने कहा कि सरकारी निजी भागीदारी वाली स्‍कीमों सहित केन्‍द्रीय या राज्‍य सरकार की किसी स्‍कीम के तहत 60 वर्गमीटर तक के क्षेत्र में सस्‍ते मकानों के निर्माण को सेवा कर से छूट दी जाएगी।

कृषि, ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था तथा स्‍वच्‍छ पर्यावरण पर अतिरिक्‍त संसाधन जुटाने का उल्‍लेख करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार खाद्य सुरक्षा से और आगे बढ़ने तथा हमारे किसानों में आय सुरक्षा की भावना भरने का इरादा रखती है। इस संदर्भ में, सरकार की योजना किसानों की आय दोगुनी करने की है। उन्‍होंने कृषि एवं किसानों के कल्‍याण के लिए 35,984 करोड़ रुपए आवंटित किए। उन्‍होंने कहा कि सरकार का इरादा जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग की समस्‍या को दूर करने, सिंचाई के लिए नए बुनियादी ढांचे का निर्माण करने, उर्वरक के संतुलित उपयोग के साथ मृदा उर्वरता को संरक्षित करने एवं कृषि से बाजार तक संपर्क मुहैया कराने का है। श्री अरुण जेटली ने कहा कि 141 मिलियन हेक्‍टेयर शुद्ध खेती वाले क्षेत्रों में से केवल 65 मिलियन हेक्‍टेयर ही सिंचित हैं। इस बारे में, उन्‍होंने ‘प्रधानमंत्री सिंचाई योजना’ की घोषणा की जिससे कि अन्‍य 28.5 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र को सिंचाई के साथ लाने के लिए मिशन मोड में क्रियान्वित किया जा सके। उन्‍होंने कहा कि एआईबीपी के तहत 89 परियोजनाओं को फास्‍ट ट्रैक किया जाएगा जो अन्‍य 80.6 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र को सिंचाई के तहत लाने में मदद करेगा। उन्‍होंने इन परियोजनाओं में से 23 को 31 मार्च 2017 से पहले पूरा करने का वादा किया। इन परियोजनाओं के लिए अगले वर्ष 17 हजार करोड़ रुपए और अगले 5 वर्षों में 86,500 करोड़ रुपए की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि सभी कर योग्‍य सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत की दर से कृषि कल्‍याण उपकर नाम उपकर लगाने का प्रस्‍ताव करता हूँ। यह उपकर 1 जून, 2016 से लागू होगा।

देश में शहरों में प्रदूषण और यातायात की स्थिति के मद्देनजर वित्‍तमंत्री ने पेट्रोल, एलपीजी, सीएनजी की छोटी कारों पर एक प्रतिशत, कतिपय क्षमता वाली डीजल कारों पर 2.5 प्रतिशत और अधिक इंजन क्षमता वाले अन्‍य वाहनों और एसयूवी पर 4 प्रतिशत अवसंरचना उपकर लगाने का प्रस्‍ताव रखा। तंबाकू और तंबाकू उत्‍पादों के सेवन को हतोत्‍साहित करने के लिए श्री जेटली ने बीड़ी के अतिरिक्‍त अन्‍य तंबाकू उत्‍पादों पर उत्‍पाद शुल्‍क 10 से 15 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्‍ताव किया। उन्‍होंने वित्‍त अधिनियम 1994 में संशोधन का प्रस्‍ताव किया।

वित्‍त मंत्री ने कोयला, लिग्‍नाइट और पीट पर लगाए गए ‘स्‍वच्‍छ ऊर्जा उपकर’ को ‘स्‍वच्‍छ पर्यावरण उपकर’ का नया नाम दिया और उसकी दर 200 रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 400 रुपए प्रति टन करने की घोषणा की। तंबाकू और तंबाकू उत्‍पादों की खपत को हत्‍तोत्‍साहित करने के लिए उन्‍होंने बीड़ी को छोड़कर विभिन्‍न तंबाकू उत्‍पादों पर उत्‍पाद शुल्‍क लगभग 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा की।

वित्‍त मंत्री ने एक स्थिर और संभाव्‍य कराधान व्‍यवस्‍था मुहैया कराने तथा काले धन में कमी लाने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्‍होंने घोषणा की कि घरेलू करदाता 30 प्रतिशत एवं 7.5 प्रतिशत अधिभार तथा 7.5 प्रतिशत आर्थिक दंड जोकि कुल मिलाकर अघोषित आय का 45 प्रतिशत होगा, अदा करने के द्वारा अघोषित आय या किसी परिसंपत्ति के रूप में ऐसी आय की घोषणा कर सकते हैं। वित्‍त मंत्री ने कराधान के सरलीकरण एवं उसे युक्तिसंगत बनाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि विभिन्‍न मंत्रालयों द्वारा लगाए गए 13 उपकरों, जिनमें एक वर्ष में राजस्‍व संग्रह 50 करोड़ रुपए से कम है, को समाप्‍त कर दिया जाएगा। अप्रवासियों भारतीयों के लिए पैन कार्ड के वैकल्पिक दस्‍तावेज मुहैया कराने की अनुमति प्रदान की जाएगी और आयकर के लिए टीडीएस प्रावधानों को विवेकपूर्ण बनाया जाएगा। उन्‍होंने गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियों सहित बैंकिंग कंपनियों और वित्‍तीय संस्‍थाओं द्वारा जमाओं, उधारों और अग्रिमों के जरिए प्रदान की गई गैर-कर योग्‍य सेवाओं के संबंध में वैकल्पिक अतिरिक्‍त विकल्‍प मुहैया कराए जाएंगे। उन्‍होंने कर विभाग में व्‍यापक रूप से प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया जिससे कि कानून का पालन करने वाले नागरिकों का जीवन सरल बनाया जा सके। वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार की प्रत्‍येक भारतीय, विशेष रूप से किसानों, गरीबों एवं कमजोर वर्गों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा देने की इच्‍छा है। अंत में, उन्‍होंने कहा कि सरकार का स्‍वप्‍न है; अधिक समृद्ध भारत को देखने का; और स्‍वप्‍न है ‘भारत को विकसित देखने का’।


एक भारत श्रेष्‍ठ भारत कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा

एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में राज्‍यों और जिलों को जोड़ने के लिए ‘’एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य भाषा, व्‍यापार, संस्‍कृति, यात्रा और पर्यटन के क्षेत्रों में आदान-प्रदान के माध्‍यम से लोगों को जोड़ना है। लोकसभा में आज आम बजट 2016-17 प्रस्‍तुत करते हुए केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा कि एक दूसरे की समझ को मजबूत बनाने के लिए, एक ढांचागत तरीके से राज्‍यों और जिलों के बीच करीबी संबंध बनाने का प्रस्‍ताव किया गया है।


मूल्‍य स्थिरीकरण कोष के लिए 900 करोड़ रूपए की स्‍थापना निधि

बाजार हस्‍तक्षेपों की सहायता हेतु मूल्‍य स्थिरीकरण कोष के रूप में 900 करोड़ रुपए की निधि प्रदान की गयी है। लोकसभा में आज आम बजट 2016-17 प्रस्‍तुत करते हुए केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा कि आवश्‍यक वस्तुओं के मूल्‍य की निगरानी बेहतर शासन का एक प्रमुख घटक है। दालों के मूल्‍यों में वृद्धि की समस्‍या से निपटने के लिए बहुत से उपाय अपनाए गये हैं। सरकार ने मूल्‍य स्थिरीकरण कोष के माध्‍यम से बाजार मूल्‍य पर और न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीद के माध्‍यम से दालों के अतिरिक्‍त भंडारण को स्‍वीकृति दे दी है।


कृषि, ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था और स्‍वच्‍छ पर्यावरण के लिए अतिरिक्‍त संसाधन जुटाना

कृषि में सुधार और किसानों के कल्‍याण से संबंधित कार्यकलापों के वित्‍त पोषण के लिए सभी कर योग्‍य सेवाओं पर 0

केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि लाभांश वितरण कर (डीटीटी) समान रूप से सभी निवेशकों पर लागू होता है, चाहे उनकी आय का स्‍तर कुछ भी हो इसे करों की निष्‍पक्षता और प्रगामी प्रकृति को विकृत करने के रूप में देखा जाता है। उन्‍होंने प्रस्‍ताव किया कि कंपनियों द्वारा प्रदत्‍त लाभांश वितरण कर के अलावा प्रतिवर्ष 10 लाख रुपये से अधिक लाभांश प्राप्‍त करने वाले प्राप्‍तकर्ताओं अर्थात व्‍यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों(एचयूएफ) और फर्मों को लाभांश की सकल राशि के दस प्रतिशत की दर से कर देना होगा।

श्री जेटली ने एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाले व्‍यक्तियों पर अधिभार 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का भी प्रस्‍ताव किया। विकल्‍पों के मामले में प्रतिभूति लेन-देन की दर 0.017 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.5 प्रतिशत करने का प्रस्‍ताव रखा।

उन्‍होंने कृषि में सुधार और किसानों के कल्‍याण से संबंधित कार्यकलापों के वित्‍त पोषण के लिए सभी कर योग्‍य सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत की दर से उपकर लगाने का प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत किया। यह उपकरण 1 जून 2016 से लागू होगा।

देश में शहरों में प्रदूषण और यातायात की स्थिति के मद्देनजर वित्‍तमंत्री ने पेट्रोल, एलपीजी, सीएनजी की छोटी कारों पर एक प्रतिशत, कतिपय क्षमता वाली डीजल कारों पर 2.5 प्रतिशत और अधिक इंजन क्षमता वाले अन्‍य वाहनों और एसयूवी पर 4 प्रतिशत अवसंरचना उपकर लगाने का प्रस्‍ताव रखा।

तंबाकू और तंबाकू उत्‍पादों के सेवन को हतोत्‍साहित करने के लिए श्री जेटली ने बीड़ी के अतिरिक्‍त अन्‍य तंबाकू उत्‍पादों पर उत्‍पाद शुल्‍क 10 से 15 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्‍ताव किया। उन्‍होंने वित्‍त अधिनियम 1994 में संशोधन का प्रस्‍ताव किया।


केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण 2016-17 में सुधार के प्रमुख उपायों का उल्‍लेख किया

  1. सरकार अपने विकास के एजेंडे से समझौता किए बगैर वित्‍तीय समेकन के प्रति दृढ़ है। वित्‍त वर्ष 2017 के लिए 3.5 प्रतिशत वित्‍तीय घाटे का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है।
  2. कृषि, किसानों के कल्‍याण और सिंचाई के लिए आबंटन 47,912 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष के आबंटन से दो गुणा अधि‍क है।
  3. नई स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना के तहत प्रति परिवार एक लाख रुपए तक का स्‍वास्‍थ्‍य कवर प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्‍त, वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए 30,000 हजार रूपए का अतिरिक्‍त टॉप अप पैकेज प्रदान किया जाएगा।
  4. वर्ष 2016-17 में 1 करोड़ 50 लाख बीपीएल परिवारों की महिला सदस्‍यों के नाम से रसोई गैस कनैक्‍शन उपलब्‍ध कराएं जाएगें और कुल 5 करोड़ घरों को इसके दायरे में लाने के लिए यह योजना और दो वर्ष तक जारी रहेगी।
  5. बुनियादी ढांचे पर सार्वजनिक खर्च में 2.21 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई और यह वृद्धि पिछले वर्ष की तुलना में 22.5 प्रतिशत अधिक है।
  6. उच्‍च शिक्षा को प्रोत्‍साहन देने के लिए 1,000 करोड़ रुपए की आरंभिक पूँजी के साथ उच्‍च शिक्षा वित्‍तपोषण प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। इसके अलावा, विश्‍वस्‍तरीय शिक्षण और अनुसंधान संस्‍थानों के तौर पर उभरने के लिए 10 सार्वजनिक एवं 10 निजी संस्‍थाओं को समर्थ बनाया जाएगा।
  7. कर-अनुकूल शासन को बढ़ावा देना और कम अथवा शून्‍य जुर्माने सहित नई विवाद निपटारा योजना के माध्‍यम से मुकदमेंबाजी से होने वाली कठिनाईयों में कमी लाना। इससे वर्तमान समय में जारी कर संबंधी मुकदमों को सुगमता से सुलझाया जा सकेगा।
  8. 5 लाख रुपए तक की आय वाले व्‍यक्तियों पर कर का बोझ कम करने की दृष्टि से धारा 87 क के अं‍तर्गत कर छूट की अधिकतम सीमा 5,000 रुपए तक बढ़ाकर और धारा 80 छछ के तहत मकान किराए के भुगतान के संबंध में कटौती की सीमा 60,000 रुपए प्रतिवर्ष करके मध्‍यववर्गीय करदाताओं को राहत प्रदान की गई हैं।
  9. नया कानून लागू करते हुए और आधार का उपयोग कर समाजिक सुरक्षा मंच का निर्माण करते हुए पात्र व्‍यक्तियों को प्रत्‍यक्ष रूप से वित्‍तीय और अन्‍य सब्सिडी लाभ प्रदान करना।
  10. सरकार सभी नए कर्मचारियों के लिए रोजगार के शुरूआती 3 वर्ष में 8.33 प्रतिशत कर्मचारी भविष्‍य निधि का अंशदान करेगी, बजट में 1000 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई।
  11. सरल और बाजार के अनुकूल उपाय जैसे कॉरपोरेट करों के अंतर्गत मिलने वाली कर छूट को चरणबद्ध रूप से समाप्‍त करने की योजना, छोटे उपकरों की समाप्ति।
  12. अनुमान पर आधारित कराधान योजना के अंतर्गत टर्नओवर सीमा को 2 करोड़ रुपए तक बढ़़ाते हुए उदयमिता को प्रोत्‍साहन देना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 1.8 लाख करोड़ रुपए के ऋण वितरित करने का लक्ष्‍य और स्‍टार्टअप्‍स के लिए 5 में से तीन वर्षो के लिए 100 प्रतिशत कटौती उपलब्‍ध कराना।
  13. शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार लाते हुए सर्वशिक्षा अभियान के तहत बड़ा आवंटन किया जाएगा।
  14. अनुपालन विंडो में 45 प्रतिशत कर का भुगतान कर अघोषित आय घोषित करने की योजना के माध्‍यम से काला धन कम करना।
  15. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 25,000 करोड़ रुपए की राशि के पुनर्पूंजीकरण का आबंटन करते हुए वित्‍तीय क्षेत्र को मजबूती प्रदान करना, सरकार के स्‍वामित्‍व वाली साधारण बीमा कं‍पनियों को सूचीबद्ध करना और पीएसबी के समेकन के लिए योजना का प्रारूप तैयार करना।

कारोबार करने में सुगमता लाने के लिए कंपनी अधिनियम 2013 में संशोधन किया जाएगा

कं‍पनी अधिनियम 2013 में संशोधन के लिए संसद के वर्तमान बजट सत्र में एक विधेयक पेश किया जाएगा। लोकसभा में आज आम बजट 2016-17 प्रस्‍तुत करते हुए वित्‍तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे कारोबार करने में कठिनाईयां और रुकावटें दूर होंगी। इस विधेयक से स्‍टार्ट-अप्‍स के लिए माहौल बनेगा। कंपनियों का पंजीकरण भी एक दिन में ही किया जाएगा।


कराधान को सरल एवं तर्कसंगत बनाना

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में आम बजट 2016-17 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने कर प्रशासन सुधार समिति की अनेक सिफारिशों को पहले ही स्‍वीकार कर लिया है। उन्‍होंने बजट 2016-17 में न्‍यायमूर्ति ईश्‍वर समिति की कई सिफारिशों को स्‍वीकार करने का भी प्रस्‍ताव किया।

करों की बहुलता, इससे जुड़े प्रतिकूल असर और संग्रह की लागत घटाने के लिए विभिन्‍न मंत्रालयों द्वारा लागू किये गये उन 13 उपकरों को समाप्‍त करने का प्रस्‍ताव किया गया है, जिनमें वार्षिक राजस्‍व संग्रह 50 करोड़ रुपये से भी कम रहता है।

आयकर के टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) प्रावधानों को तर्कसंगत बनाने के उपायों का प्रस्‍ताव किया गया है, ताकि उन छोटे करदाताओं के पास नकदी प्रवाह की स्थिति सुधर सके जिनकी राशि मौजूदा टीडीएस प्रावधानों के कारण अटक जाती है।


पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय की जन्‍म शताब्‍दी और गुरु गोबिंद सिंह की 350वीं जयंती मनाने के लिए 100-100 करोड़ रुपये आवंटित

आम बजट 2016-17 में पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय की जन्‍म शताब्‍दी और गुरु गोबिंद सिंह की 350वीं जयंती मनाने के लिए 100-100 करोड़ रुपये की आरंभिक राशि आवंटित करने का प्रस्‍ताव किया गया है। केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में आम बजट 2016-17 पेश करते हुए कहा कि देश अपनी आजादी की 70वीं सालगिरह भी मनायेगा। सरकार आजादी की 70वीं सालगिरह के बाद राष्‍ट्र की यात्रा के लिए प्रमुख पड़ाव तय करेगी।


वित्‍त मंत्री ने कहा, ‘कर प्रस्‍तावों का उद्देश्‍य आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को नई गति प्रदान करना है

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज आम बजट में कर प्रस्‍तावों की घोषणा करते हुए कहा कि इन प्रस्‍तावों का मुख्‍य उद्देश्‍य आर्थिक विकास के जरिये रोजगार सृजन को नई गति प्रदान करना है। उन्‍होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्‍साहन देना, पेंशन-प्राप्‍त समाज की दिशा में बढ़ने के उपायों और किफायती मकानों को बढ़ावा देना भी कर प्रस्‍तावों के मुख्‍य उद्देश्‍य हैं।

आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को नई गति प्रदान करने के लिए किये गये प्रावधानों में अप्रैल 2016 से लेकर मार्च 2019 के दौरान अपना परिचालन आरंभ करने वाले स्‍टार्टअप्‍स को कुल पांच वर्षों में से तीन वर्षों तक अर्जित किये जाने वाले मुनाफे पर कुछ शर्तों के साथ 100 प्रतिशत कर कटौती का लाभ देना भी शामिल है। इसी तरह नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पेटेंटों के संबंध में एक विशेष व्‍यवस्‍था शुरू करने का प्रस्‍ताव किया गया है जिसके अंतर्गत भारत में विकसित एवं पंजीकृत किये जाने वाले पेटेंटों के विश्‍वव्‍यापी उपयोग से अर्जित आय पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जायेगा।

गैर-बैंकिंग वित्‍तीय संस्‍थान डूबे हुए और संदेहास्‍पद ऋणों के प्रावधान के संबंध में अपनी आय के पांच प्रतिशत तक की कटौती करने के पात्र होंगे। अपेक्षाकृत छोटे उद्यमों अर्थात ऐसी कंपनियों जिनका टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से अधिक न हो (मार्च 2015 में समाप्‍त वित्‍त वर्ष के दौरान), के लिए आगामी वित्‍त वर्ष के दौरान कॉरपोरेट आयकर की दर को घटाकर 29 प्रतिशत करने का प्रस्‍ताव किया गया है, जिसके अलावा अधिभार और उपकर भी देना होगा। 01 मार्च, 2016 अथवा इसके बाद निगमित की जाने वाली नई विनिर्माण कंपनियों को अधिभार एवं उपकर के अलावा 25 प्रतिशत की दर से टैक्‍स अदायगी का विकल्‍प देने का प्रस्‍ताव किया गया है, बशर्ते कि वे मुनाफे अथवा निवेश से जुड़ी कर कटौती का दावा न करें और निवेश भत्‍ते एवं त्‍वरित अवमूल्‍यन का लाभ न उठाती हों।

दीनदयाल उपाध्‍याय ग्रामीण कौशल्‍य योजना के अंतर्गत उपलब्‍ध कराई जाने वाली सेवाओं और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के पैनल में शामिल मूल्‍यांकन निकायों द्वारा मुहैया कराई जाने वाली सेवाओं को सेवा कर से छूट देने का प्रस्‍ताव किया गया है।

विदेशी कंपनी के प्रभावी प्रबंधन स्‍थान (पीओईएम) के आधार पर रेजीडेंसी के निर्धा‍रण को एक वर्ष टाल दिया गया है।

परिसम्‍पत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) जो डूबे हुए ऋणों के मसले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाती हैं, में और ज्‍यादा निवेश आकर्षित करने के लिए एआरसी के न्‍यासों सहित प्रतिभूतिकरण न्‍यासों को आयकर के जरिये पूर्ण अंतरण का प्रस्‍ताव किया गया है। इसके तहत न्‍यास के बजाय निवेशकों को ही आमदनी पर टैक्‍स अदा करना होगा।

वित्‍त मंत्री ने कॉरपोरेट टैक्‍स की दर को एक समयावधि के दौरान 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने के साथ ही विभिन्‍न प्रकार की कर रियायतों को चरणबद्ध ढंग से समाप्‍त करने की एक योजना का भी उल्‍लेख किया है। इस योजना की मुख्‍य बातें निम्‍नलिखित हैं:

⇒ आयकर अधिनियम में उल्लिखित त्‍वरित अवमूल्‍यन को 01 अप्रैल, 2017 से अधिकतम 40 प्रतिशत तक सीमित कर दिया जायेगा।

⇒ अनुसंधान कार्यों पर कर कटौतियों के लाभ को 01 अप्रैल, 2017 से अधिकतम 150 प्रतिशत तक और 01 अप्रैल, 2020 से अधिकतम 100 प्रतिशत तक सीमित कर दिया जायेगा।

⇒ नई एसईजेड इकाइयों को धारा 10एए के तहत मिलने वाला लाभ केवल उन्‍हीं इकाइयों को प्रदान किया जायेगा जो 31 मार्च, 2020 से पहले कार्य करना आरंभ कर देंगी।

⇒ कौशल विकास के लिए धारा 35सीसीडी के तहत भारित कटौतियां 01 अप्रैल, 2020 तक जारी रहेंगी।

⇒ वित्‍त मंत्री के कर प्रस्‍तावों के अन्‍य उद्देश्‍य ये हैं- कृषि, ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था और स्‍वच्‍छ पर्यावरण के लिए अतिरिक्‍त संसाधन जुटाना, जवाबदेही तय करने के लिए तकनीक का उपयोग करना, कराधान को सरल एवं तर्कसंगत बनाना और कराधान में निश्चिंतता सुनिश्चित करने के लिए मुकदमेबाजी में कमी करना।


पेंशन-प्राप्‍त समाज की दिशा में बढ़ने के लिए उपाय

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में आम बजट 2016-17 पेश करते हुए कहा कि पेंशन स्‍कीमें वरिष्‍ठ ना‍गरिकों को वित्‍तीय सुरक्षा की पेशकश करती हैं। उन्‍होंने राष्‍ट्रीय पेंशन स्‍कीम (एनपीएस) के मामले में सेवानिवृत्ति के समय संबंधित निधि के 40 प्रतिशत तक की निकासी को कर मुक्‍त करने का प्रस्‍ताव किया है। इसी तरह अधिवर्षिता निधियों और ईपीएफ सहित मान्‍यता प्राप्‍त भविष्‍य निधियों के मामले में, 01 अप्रैल 2016 के बाद किये जाने वाले अंशदानों से सृजित निधि के संबंध में भी निधि के 40 प्रतिशत के कर मुक्‍त होने का समान मानदण्‍ड लागू होगा। इसके अतिरिक्‍त, पेंशनभोगी की मृत्‍यु के पश्‍चात उसके कानूनी उत्‍तराधिकारी को मिलने वाली वार्षिकी निधि इन तीनों ही मामलों में कर योग्‍य नहीं मानी जाएगी।

उन्‍होंने कर छूट का लाभ लेने के लिए मान्‍यता प्राप्‍त भविष्‍य और अधिवर्षिता निधियों में नियोक्‍ता के अंशदान की मौद्रिक सीमा को प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये करने का भी प्रस्‍ताव किया है।

उन्‍होंने राष्‍ट्रीय पेंशन स्‍कीम (एनपीएस) द्वारा उपलब्‍ध कराई जाने वाली वार्षिकी (एन्‍यूटी) सेवाओं और ईपीएफओ द्वारा कर्मचारियों को मुहैया कराई जाने वाली सेवाओं को सेवा कर से छूट देने का प्रस्‍ताव किया है। इसके अलावा, उन्‍होंने कुछ मामलों में एकल प्रीमियम वार्षिकी (बीमा) पॉलिसियों पर सेवा कर को अदा किये गये प्रीमियम के 3.5 प्रतिशत से घटाकर 1.4 प्रतिशत करने का भी प्रस्‍ताव किया है।


मेक इन इंडियामें मदद के लिए घरेलू मूल्‍यवर्धन को बढ़ावा

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में आम बजट 2016-17 पेश करते हुए कहा कि सीमा एवं उत्‍पाद शुल्‍क से जुड़ा ढांचा ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की दिशा में घरेलू मूल्‍यवर्धन को प्रोत्‍साहित करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्‍होंने अनेक खास कच्‍चे माल, मध्‍यवर्ती वस्‍तुओं एवं कलपुर्जों और कुछ अन्‍य विशेष वस्‍तुओं पर देय सीमा एवं उत्‍पाद शुल्‍क में उपयुक्‍त बदलाव करने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने का प्रस्‍ताव किया है, ताकि विभिन्‍न क्षेत्रों में घरेलू उद्योग की लागत घटाई जा सके और प्रतिस्‍पर्धी क्षमता बेहतर की जा सके। इन क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर, पूंजीगत सामान, रक्षा उत्‍पादन, कपड़ा, खनिज ईंधन एवं खनिज तेल, रसायन व पेट्रोरसायन, कागज, पेपरबोर्ड व न्‍यूजप्रिंट, विमानों का रख-रखाव व मरम्‍मत, जहाज मरम्‍मत इत्‍यादि शामिल हैं।


बजट 2016-17 संसद में प्रस्‍तुत किया गया; कृषि और किसान कल्‍याण पर प्रमुख रूप से ध्‍यान दिया गया 28.5 लाख हेक्‍टेयर भूमि को सिंचाई के अंतर्गत लाया जाएगा

ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिए 2.87 लाख करोड़ रूपए की अनुदान सहायता

1 मई, 2018 तक शत-प्रतिशत गांवों में विद्युतीकरण

गरीबों को रसोई गैस कनेक्‍शन देने के लिए विशाल अभियान की घोषणा

प्रत्‍येक परिवार को 1 लाख रूपए तक का स्‍वास्‍थ्‍य कवर प्रदान करने के लिए नई स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना1500 बहु-कौशल प्रशिक्षण संस्‍थानों की स्‍थापना की जाएगीबुनियादी ढ़ांचा विकास पर बल

19.78 लाख रूपए का कुल लक्षित परिव्‍यय

वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली द्वारा लोक सभा में प्रस्‍तुत किए गए आम बजट 2016-17 की प्रमुख विशेषताएं- कृषि और किसान कल्‍याण पर प्रमुख रूप से ध्‍यान देना, गरीबों को रसोई गैस कनेक्‍शन देने के लिए विशाल अभियान की घोषणा करना, प्रत्‍येक परिवार को 1 लाख रूपए तक का स्‍वास्‍थ्‍य कवर प्रदान करने के लिए नई स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना, बुनियादी ढ़ांचा विकास पर बल, ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिए 2.87 लाख करोड़ रूपए की अनुदान सहायता, 1500 बहु-कौशल प्रशिक्षण संस्‍थानों की स्‍थापना करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने को प्रोत्‍साहन देना हैं। अनेक नई योजनाओं की घोषणा कर और विभिन्‍न क्षेत्रों में वित्‍तीय आवंटन बढ़ाने के बारे में बताते हुए श्री जेटली ने कहा कि सरकार अपने विकास एजेंडा से समझौता किए बिना राजकोषीय समेकन की ओर बढ़ने के लिए दृढ़ संकल्‍प है। उन्‍होंने कहा कि वित्‍तीय वर्ष 2016-17 के लिए लक्षित राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत है।

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) द्वारा भारत को मंद पड़ती वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था के बीच एक ‘देदीप्‍यमान प्रकाश स्‍तंभ’ का नाम देने के बारे में बताते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के अंतिम तीन वर्ष की सकल घरेलू उत्‍पाद वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत की तुलना में अब सकल घरेलू उत्‍पाद में बढ़ोत्‍तरी होकर यह 7.6 प्रतिशत हो गयी है। उन्‍होंने कहा कि यह उपलब्धि पिछली सरकार के अंतिम तीन वर्षों के दौरान कोई सामान्‍य वर्षा की तुलना में लगातार दो वर्षों में मॉनसून की वर्षा में 13 प्रतिशत की कमी के बावजूद हासिल की गई। उन्‍होंने कहा कि देश की वैदेशिक स्थ्‍िाति सुदृढ़ है। चालू खाता घाटा पिछले वर्ष के पूर्वार्द्ध के 18.4 विलियन डालर से घट कर इस वर्ष 14.4 विलियन डालर रह गया।

वैश्विक स्‍तर पर मंदी के जोखिम पर चिंता जताते हुए उन्‍होंने कहा कि इससे भारत के लिए आर्थिक प्रबंधन का कार्य पेचिदा हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि वित्‍तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 सरकारी व्‍यय के लिए अति चुनौतीपूर्ण रहे हैं और रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों और रक्षा कर्मियों के लिए ‘एक रैंक एक पेंशन’ (ओआरओपी) के कार्यान्‍वयन के कारण अगले वित्‍त वर्ष में अतिरिक्‍त बोझ पड़ेगा। सरकार की व्‍यय प्राथमिकताओं के बारे में बताते हुए श्री जेटली ने कहा कि सरकार कृषि और ग्रामीण, सामाजिक, बुनियादी ढांचा क्षेत्र के व्‍यय में वृद्धि करना और बैंकों को पून: पूंजीकरण की व्‍यवस्‍था को बढ़ावा देना चाहती है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार कमजोर वर्गों की मदद के लिए तीन मुख्‍य योजनाएं शुरू करेगी। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।  किसान बीमा प्रीमियम की मामूली राशि अदा करेगा और कोई नुकसान होने की स्थ्‍िाति में सर्वाधिक मुआवजा प्राप्‍त करेगा।

श्री जेटली ने स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना की भी घोषणा की, जिससे देश की एक तिहाई आबादी को स्‍वास्‍थ संबंधी सुरक्षा प्रदान की जाएगी। उन्‍होंने गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को सरकारी सब्सिडी की मदद से रसोई गैस कनेक्‍शन की सुविधा देने की नई पहल की भी घोषणा की।

श्री जेटली ने कहा कि सरकार महत्‍त्‍वपूर्ण सुधार करेगी जैसे ऐसा कानून बनाया जाएगा, जो यह सुनिश्चित करे कि सभी सरकारी लाभ उन्‍हीं व्‍यक्तियों को दिए जाए जो उसके पात्र हों, ऐसा ‘आधार’मंच को सांविधिक समर्थन देकर किया जाएगा।  वित्‍त मंत्री ने कहा कि बाजार स्‍वतंत्रता उपलब्‍ध कराकर तेल और गैस की खोज तथा कठिन क्षेत्रों में गैस के दोहन को प्रोत्‍साहित किया जाएगा। यह एक प्रमुख सुधारात्‍मक उपाय है।  उन्‍होंने कहा कि मुकदमेबाजी किसी भी कर अनुकूल प्रणाली के लिए नुकसानदायक होती है और अविश्‍वास का माहौल पैदा करती है। मुकदमेबाजी से करदाताओं की अनुपालन लागत और सरकार की प्रशासनिक लागत भी बढ़ती है। प्रथम अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष कर संबंधी लगभग 3 लाख मामले लंबित पड़े हैं, जिनकी विवादित राशि 5.5 लाख करोड़ रुपये है। इनकी संख्‍या को कम करने के उद्देश्‍य से नई विवाद निपटान योजना (डीआरएस) का शुभारंभ किया गया है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष का हमारा एजेंडा ‘ट्रांसफॅार्म इंडिया’ की दिशा में होगा। उन्‍होंने कहा कि बजट प्रस्‍ताव नौ विशिष्‍ट स्‍तंभों  के साथ इसी परिवर्तनकारी एजेंडा पर टिके हैं। इनमें कृषि और किसानों का कल्‍याण, ग्रामीण क्षेत्र, स्‍वास्‍थ्‍य देख-भाल, शिक्षा, कौशल और रोजगार के अवसर उत्‍पन्‍न करने सहित सामाजिक क्षेत्र, बुनियादी ढांचा और निवेश, वित्‍तीय क्षेत्र सुधार, शासन और कारोबार करने में सुगमता, राजकोषीय अनुशासन और कर सुधार शामिल हैं।

श्री जेटली ने घोषणा की कि सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दुगुनी करने के लिए खेत और खेत से इतर क्षेत्रों में दिश बदलने की कार्रवाई करेगी। उन्‍होंने कहा कि कृषि और किसान कल्‍याण के लिए कुल 35,984 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ को सुदृढ़ कर अभियान के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि लगभग 20,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक कॉर्पस निधि से नाबार्ड में एक समर्पित दीर्घावधिक सिंचाई निधि बनाई जाएगी। इसे प्राप्‍त करने के लिए वर्ष 2016-17 में बजटीय सहायता और बाजार ऋणों के जरिए कुल 12,517 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही 6,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर संपोषणीय भूजल संसाधन प्रबंधन का एक बड़ा कार्यक्रम तैयार किया गया है और इसके लिए बहुपक्षीय निधियन का प्रस्‍ताव है।

श्री जेटली ने कहा कि मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड स्‍कीम को अब ज्‍यादा उत्‍साह से लागू किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि मार्च 2017 तक सभी 14 करोड़ जोतों को इसके अंतर्गत शामिल करने का लक्ष्‍य है। उन्‍होंने कहा कि उर्वरक कंपनियों के 2000 मॉडल खुदरा बिक्री केंद्रों को अगले 3 वर्षों के दौरान मृदा और बीज परीक्षण सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जाएंगी।

वित्‍तमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए पर्याप्‍त और समय पर ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करने पर विशेष ध्‍यान दिया गया है। वर्ष 2015-16 में 8.5 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्‍य की तुलना में वर्ष 2016-17 में कृषि ऋण के लिए लक्ष्‍य अब तक का सबसे अधिक 9 लाख करोड़ रुपये का होगा। किसानों पर ऋण चुकाने के भार को कम करने के लिए बजट अनुमान 2016-17 में ब्‍याज सहायता के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

श्री जेटली ने कहा कि सरकार ने अतिमहत्‍वपूर्ण और अग्रणी योजना – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का अनुमोदन किया है। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए वर्ष 2016-17 के बजट में 5,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्‍तमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए डेयरी उद्योग को अधिक लाभकारी बनाने के लिए 4 नई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी :  पहली, पशुधन संजीवनी, दूसरी उन्‍नत ब्रीडिंग प्रोद्योगिकी, तीसरी ई-पशुधन हाट का सृजन और चौथी देसी प्रजनन के लिए एक राष्‍ट्रीय जेनोमिक केंद्र।

ग्रामीण क्षेत्र का उल्‍लेख करते हुए श्री जेटली ने कहा कि 14वें वित्‍त आयोग की सिफारिशों के अनुसार सहायता अनुदान के रूप में ग्राम पंचायतों और नगरपालिकाओं को 2.87 लाख करोड़ की राशि दी जाएगी। इस निधि के मौजूदा आबंटन से प्रति ग्राम पंचायत औसतन 80 लाख रुपये से अधिक और प्रति शहरी स्‍थानीय निकाय 21 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता मिलेगी।

श्री जेटली ने कहा कि सूखा और ग्रामीण आपदा वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि इन आपदाग्रस्‍त क्षेत्रों के प्रत्‍येक ब्‍लॉक को दीनदयाल अंत्‍योदय मिशन के तहत एक विशिष्‍ट ब्‍लॉक के रूप में लिया जाएगा। वर्ष 2016-17 में मनरेगा के लिए 38,500 करोड़ रुपये की राशि आबंटित की गई है। उन्‍होंने कहा कि श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी ग्रामीण शहरी मिशन के अंतर्गत 300 ग्रामीण-शहरी क्‍लस्‍टरों का विकास किया जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि 23 फरवरी 2016 तक 5542 गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है। यह पिछले तीन वर्षों में हासिल की गई उपलब्धियों से भी अधिक है। उन्‍होंने कहा कि सरकार 1 मई 2018 तक शतप्रतिशत गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना और एकीकृत विद्युत विकास योजनाओं के लिए 8500 करोड़ रुपये की व्‍यवस्‍था की गई है।

वित्‍तमंत्री ने कहा कि गरीब परिवारों की महिला सदस्‍यों के नाम रसोई गैस कनेक्‍शन मुहैया कराने के लिए विशाल मिशन शुरू करने का फैसला किया गया है। इसके लिए इस साल के बजट में 2000 करोड़ रुपये की व्‍यवस्‍था की गई है।

उन्‍होंने कहा कि सरकार एक नई स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना शुरू करेगी, जिसमें प्रति परिवार एक लाख रुपये तक का स्‍वास्‍थ्‍य कवर प्रदान किया जाएगा। इसके तहत 60 वर्ष या इससे ज्‍यादा उम्र वाले वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए 30 हजार रुपये का कौशल अतिरिक्‍त टॉपअप पैकेज दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के अंतर्गत वर्ष 2016-17 के दौरान 3000 स्‍टोर खोले जाएंगे। इसके अलावा उन्‍होंने राष्‍ट्रीय डाइलिसिस सेवा कार्यक्रम की शुरुआत करने का भी प्रस्‍ताव किया।

वित्‍तमंत्री ने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत बड़ा आबंटन किया जाएगा और अगले दो वर्ष में इस योजना में अब तक शामिल न किए गए शेष जिलों में 62 नए नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे।

वित्‍तमंत्री ने कौशल विकास पर जोर देते हुए कहा कि सरकार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के जरिए उद्यमिता को युवाओं के दरवाजे पर लाना चाहती है। उन्‍होंने कहा कि देशभर में 1500 बहुकौशल प्रशिक्षण संस्‍थानों की स्‍थापना का निर्णय लिया गया है और इनके लिए 1700 करोड़ रुपये की राशि अलग से रखी जा रही है।

श्री जेटली ने कहा कि औपचारिक क्षेत्र में नए रोजगार के सृजन में तेजी लाने के लिए भारत सरकार कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन में नामांकन कराने वाले सभी कर्मचारियों के लिए उनकी नियुक्ति की तारीख से आरंभिक तीन वर्षों के लिए 8.33 प्रतिशत के हिसाब से कर्मचारी पेंशन योजना अंशदान का भुगतान करेगी।

वित्‍तमंत्री ने बुनियादी ढांचा और निवेश पर विशेष जोर देते हुए बताया कि सड़क और राजमार्गों के लिए बजट में 55 हजार करोड़ रुपए की राशि का आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना सहित सड़क क्षेत्र के लिए 2016-17 में 97 हजार करोड़ रुपए आवंटित किये जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि 2016-17 के दौरान सड़क क्षेत्र में कुल निवेश 97 हजार करोड़ रुपए होगा। रेलवे के पूंजीगत व्‍यय को मिलाकर पूंजीगत व्‍यय को बढ़ाकर कुल परिव्‍यय 2,18,000 करोड़ रुपए होगा।

सरकार ने ग्रीन फील्‍ड बंदरगाहों को विकसित करने की योजना बनाई है। सरकार राष्‍ट्रीय जल मार्ग के काम में तेजी ला रही है और इन पहलों के लिए 800 करोड़ रुपए उपलब्‍ध कराये गये है। नागर विमानन क्षेत्र में बिना प्रयोग और कम प्रयोग वाले हवाई अड्डों को चालू करने के लिए कार्य योजना तैयार की है। 160 हवाई अड्डों और हवाई पट्टियों पर राज्‍य सरकार के साथ 50 से 100 करोड़ रुपए प्रत्‍येक की सूचक लागत पर पुनरुद्धार किया जाएगा। विद्युत क्षेत्र के लिए अगले 15 से 20 वर्षों के दौरान परमाणु विद्युत उत्‍पादन में निवेश करने की व्‍यापक योजना बनाई गई है। बुनियादी ढांचे के और विकास के लिए 31,300 करोड़ रुपए अतिरिक्‍त वित्‍तीय राशि को बॉण्‍ड के माध्‍यम से जुटाने की अनुमति दी जाएगी। बीमा और पेंशन तथा परिसंपत्ति पुनर्गठन के क्षेत्र में एफडीआई नीति में सुधार की घोषणा की गई है।

श्री जेटली ने अनेक वित्‍तीय क्षेत्र सुधारों की घोषणा की है। मौद्रिक नीति ढांचा और मौद्रिक नीति समिति के लिए वित्‍त विधेयक 2016 के माध्‍यम से सांविधिक आधार उपलब्‍ध कराने के लिए आरबीआई एक्‍ट 1934 को संशोधित किया जा रहा है। उन्‍होंने घोषणा की कि सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों को पुन: पूंजीकरण के लिए 25 हजार करोड़ रुपए आवंटन का प्रस्‍ताव किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि सरकार विभिन्‍न मंत्रालयों में मानव संसाधनों की तर्कसंगतता के लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है। उन्‍होंने कहा कि ‘एक भारत, श्रेष्‍ठ भारत’ राज्‍यों और जिलों को जोड़ने के लिए शुरू किया जाएगा। देश की वित्‍तीय स्थिति के बारे में उन्‍होंने कहा कि 2015-16 संशोधित अनुमान और 2016-17 बजट अनुमानों में वित्‍तीय घाटा क्रमश: 3.9 और 3.5 प्रतिशत पर रखा गया है। राजस्‍व घाटा लक्ष्‍य को 2015-16 के संशोधित अनुमानों में 2.8 प्रतिशत से सुधार कर 2.5 प्रतिशत किया गया है। 2016-17 के लिए बजट में कुल व्‍यय 19.78 करोड़ रुपए अनुमानित है, जिसमें 5.5 लाख करोड़ रुपए योजना के अधीन और 14.28 लाख करोड़ रुपए गैर योजना के अधीन है।


अनुपालन विंडो में 45 प्रतिशत कर का भुगतान कर अघोषित आय घोषित करने की योजना के जरिए कालाधन कम करना

लोकसभा में आज आम बजट 2016-17 प्रस्‍तुत करते हुए वित्‍तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि अनुपालन विंडो में 45 प्रतिशत कर का भुगतान कर अघोषित आय घोषित करने की योजना का प्रस्‍ताव रखा।

श्री जेटली ने अघोषित आय या परिसंपत्ति के रूप में प्रस्‍तुत आय घोषित करने के लिए घरेलू करदाताओं हेतु सीमित अवधि अनुपालन विंडो का प्रस्‍ताव किया। इसमें 30 प्रतिशत की दर से कर और 7.5 प्रतिशत की दर से अधिभार तथा 7.5 प्रतिशत की दर से दंड शामिल है, जो अघोषित आय का कुल 45 प्रतिशत होता है। आयकर अधिनियम अथवा संपत्ति कर अधिनियम के तहत इन विवरणों में घोषित आय के संबंध में कोई छान-बीन या जांच नहीं होगी और घोषणा करने वाला अभियोजन से मुक्‍त होगा। शर्तों के अधीन बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम 1988 से भी छूट देने का प्रस्‍ताव किया गया है।

अघोषित आय का 7.5 प्रतिशत की दर पर लगाए गए अधिभार को ‘कृषि कल्‍याण अधिभार’ कहा जाएगा, जिसका कृषि और ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था के लिए उपयोग किया जाएगा। भारत सरकार की 1 जून से 30 सितंबर 2016 तक चलने वाली इस आय खुलासा योजना के तहत, घोषणा के दो महीने के अंदर देय राशि अदा करने के विकल्‍प के साथ नई विंडो खोलने की योजना है।

श्री जेटली ने भारत सरकार की अर्थव्‍यवस्‍था से कालाधन हटाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने यह भी कहा कि एक बार छिपाई गई आय घोषित करने का अवसर देने के बाद वे कालाधन रखने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने के लिए समस्‍त संसाधन लगा देंगे।


नई विवाद निपटान योजनाके जरिए कर अनुकूल प्रणाली को बढ़ावा देना

लोकसभा में आम बजट 2016-17 प्रस्‍तुत करते हुए वित्‍तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि मुकदमेबाजी किसी भी कर अनुकूल प्रणाली के लिए नुकसानदायक होती है और अविश्‍वास का माहौल पैदा करती है। मुकदमेबाजी से करदाताओं की अनुपालन लागत और सरकार की प्रशासनिक लागत भी बढ़ती है। प्रथम अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष कर संबंधी लगभग 3 लाख मामले लंबित पड़े हैं, जिनकी विवादित राशि 5.5 लाख करोड़ रुपये है। इनकी संख्‍या को कम करने के उद्देश्‍य से नई विवाद निपटान योजना (डीआरएस) का शुभारंभ किया गया है। विवाद निपटान योजना की विशेषताएं निम्‍नलिखित हैं –

  • कोई करदाता, जिसकी आज की तारीख में आयुक्‍त (अपील) के समक्ष कोई अपील लंबित है, वह निर्धा‍रण तिथि तक विवादित कर तथा ब्‍याज का भुगतान करके अपने मामले का निपटान कर सकता है।
  • 10 लाख रुपये तक के विवादित आयकर के मामलों में कोई आर्थिक दंड नहीं लगाया जाएगा।
  • 10 लाख रुपये से अधिक के विवादित कर के मामलों पर प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष कर के लिए न्‍यूनतम अर्थदंड का केवल 25 प्रतिशत दंड लगाया जाएगा।
  • अर्थदंड के आदेश के विरुद्ध किसी भी लंबित अपील को न्‍यूनतम अर्थदंड का 25 प्रतिशत का भुगतान करके निपटाया जा सकता है।
  • विशिष्‍ट अधिनियमों के अंतर्गत जिन व्‍यक्तियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उनके साथ कुछ श्रेणी के व्‍यक्ति इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे।

सरकार पूर्व प्रभाव से नई करदेयता सृजित नहीं करेगी, यह आश्‍वासन देते हुए वित्‍तमंत्री श्री अरुण जेटली ने स्थिर और सरल कर प्रणाली की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्‍होंने पूर्व प्रभावी संशोधन के तहत चल रहे मामलों को एक बार में निपटाने के लिए ‘विवाद निपटान योजना’ का प्रस्‍ताव रखा, जिसमें अगर कोई बीआईपीए सहित किसी न्‍यायालय अथवा अधिकरण में लंबित मामले या किसी मध्‍यस्‍थता में कार्रवाई को वापस लेने पर सहमति व्‍यक्‍त करें तो वह केवल बकाया कर का भुगतान कर अपना मामला निपटा सकता है। श्री जेटली ने आर्थिक अपराधों की विभिन्‍न श्रेणियों के साथ दंड की राशि का निर्धारण करके संपूर्ण दंड प्रणाली में संशोधन करने और इस प्रकार कर अधिकारियों के अधिकारों को काफी हद तक कम करने का प्रस्‍ताव किया। अब आय को कम दर्शाने के मामले में कर का 50 प्रतिशत और तथ्‍यों को गलत तरीके से प्रस्‍तुत करने के मामले में कर का 200 प्रतिशत अर्थदंड दर होगी। कर अदा किया गया हो और अपील दायर नहीं की गई हो, ऐसी विशेष परिस्थितियों में दंड माफी का भी प्रस्‍ताव किया गया है।

दूसरा मुद्दा जिसके कारण विवादों की संख्‍या में बढ़ोतरी हुई है, वह है आयकर अधिनियम की धारा 14 ए के तहत छूट प्राप्‍त आय से संबंधित व्‍यय की अस्‍वीकृति की संख्‍या। इसलिए नियम 8 डी को तर्कसंगत बनाने का भी प्रस्‍ताव किया गया है।


छोटे करदाताओं और अन्‍य के लिए कर में कुछ राहत की घोषणा

लोकसभा में आज आम बजट 2016-17 प्रस्‍तुत करते हुए वित्‍तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार के पास गरीबी और असमानता दूर करने के लिए कराधान प्रमुख साधन है और इसका सावधानीपूर्वक उपयोग करना होगा, लेकिन वे छोटे करदाताओं को राहत देना चाहते हैं।

इस प्रकार आयकर अधिनियम की धारा 87 – ए के अंतर्गत 5 लाख रुपये तक की आय वाले व्‍यक्तियों पर कर का बोझ कम करने के लिए कर छूट की अधिकतम सीमा 2000 से बढ़ाकर 5000 रुपये करने का प्रस्‍ताव किया गया है। उन्‍होंने कहा कि इससे दो करोड़ से अधिक करदाताओं को 3000 रुपये की राहत मिलेगी। धारा 80 जीजी के अंतर्गत मकान किराए के भुगतान के संबंध में कटौती की सीमा 24000 रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 60000 रुपये प्रतिवर्ष की गई है, जिससे किराए के मकानों में रहने वाले व्‍यक्तियों को राहत मिलेगी।

आयकर अधिनियम की धारा 44 एडी के अंतर्गत अनुमानित कराधान योजना के तहत टर्नओवर या सकल प्राप्तियों को मौजूदा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये की गई है, जिसका लाभ लगभग 33 लाख छोटे व्‍यवसायियों को मिलेगा। इससे सूक्ष्‍म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) श्रेणी के अंतर्गत आने वाले व्‍यक्तियों को विस्‍तृत बही खातों के रख-रखाव और उनकी लेखा परीक्षा कराने के बोझ से मुक्ति मिलेगी।

अनुमानित कराधान योजना को ऐसे व्‍यवसायियों त‍क बढ़ाया जाएगा, जिनकी अनुमानित 50 प्रतिशत की प्राप्तियों के साथ सकल प्राप्तियां 50 लाख रुपये की हैं।


सरकार, तेल और गैस उत्‍पादन को प्रोत्‍साहित करने के लिए बाजार स्‍वतंत्रता उपलब्‍ध कराएगी

परमाणु ऊर्जा उत्‍पन्‍न करने में निवेश बढ़ाने के लिए व्‍यापक योजना

लोकसभा में आज आम बजट 2016-17 प्रस्‍तुत करते हुए वित्‍तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि बाजार स्‍वतंत्रता उपलब्‍ध कराकर तेल और गैस की खोज तथा कठिन क्षेत्रों में गैस के दोहन को प्रोत्‍साहित किया जाएगा। यह एक प्रमुख सुधारात्‍मक उपाय है। आत्‍मनिर्भर बनने के प्रयासों के हिस्‍से के रूप में सरकार गहरे पानी, अति गहरे पानी और उच्‍च दबाव तथा उच्‍च ताप वाले क्षेत्रों में ऐसे गैस उत्‍पादन को प्रोत्‍साहित करने पर विचार कर रही है, जिनका उच्‍च लागत और उच्‍च जोखिम के चलते दोहन नहीं किया जा रहा है । विद्युत क्षेत्र में सरकार परमाणु ऊर्जा उत्‍पन्‍न करने के लिए अगले 15 से 20 वर्षों में निवेश बढ़ाने के लिए व्‍यापक योजना तैयार कर रही है। इस उद्देश्‍य के लिए सार्वजनिक क्षेत्र से निवेश के साथ ही आवश्‍यक निवेश हेतु प्रतिवर्ष 3000 करोड़ रुपये का बजटीय आबंटन किया जाएगा।

वित्‍तमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 के दौरान सरकार एनएचएआई, पीएफसी, आरईसी, आईआरईडीए, नाबार्ड और अंतर्देशीय जल प्राधिकरण के बॉन्‍ड जारी करके लगभग 31,300 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्‍त राशि जुटाने की अनुमति देगी। बुनियादी ढांचा के अन्‍य क्षेत्र में सरकार ने पिछले दो दशकों में उच्‍च कोयला उत्‍पादन वृद्धि हासिल की है, जो कोयला उत्‍पादन में सर्वोत्‍तम क्षमता, ट्रांसमिशन लाइन और एलईडी बल्‍ब के वितरण में सबसे अधिक बढ़ोतरी है।


रेलवे के पूंजीगत व्‍यय को मिलाकर सड़कों और रेलवे के लिए कुल 2,18,000 करोड़ रुपये के परिव्‍यय का प्रस्‍ताव किया गया

बजटीय अनुमान 2016-17 में बुनियादी ढांचा के लिए कुल परिव्‍यय 2,21,246 करोड़

लोकसभा में आम बजट 2016-17 प्रस्‍तुत करते हुए वित्‍तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि बुनियादी ढांचा और निवेश बजट विषय ‘ट्रांसफॉर्म इंडिया’ का पांचवां सहायक स्‍तंभ है। 2016-17 में सड़क और रेलवे के परिव्‍यय पर कुल 2,18,000 करोड़ रुपये का व्‍यय होगा। सड़क निर्माण की प्रक्रिया को तेज बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 27,000 करोड़ रुपये के आबंटन और सड़क परिवहन तथा राजमार्ग के लिए 55,000 करोड़ रुपये के आबंटन का प्रस्‍ताव किया गया है। अन्‍य 15,000 करोड़ रुपये बॉन्‍ड के जरिए एनएचएआई द्वारा लगाए जाएंगे। रेलवे के पूंजीगत व्‍यय के लिए 1,21,000 करोड़ रुपये के परिव्‍यय का प्रस्‍ताव किया गया है।

श्री जेटली ने घोषणा की कि 2016-17 में तकरीबन 10,000 किलोमीटर के राष्‍ट्रीय राजमार्ग के लिए भी मंजूरी दिए जाने की उम्‍मीद है। इसके अतिरिक्‍त करीब 50,000 किलोमीटर के राज्‍य राजमार्गों को भी राष्‍ट्रीय राजमार्ग बनाया जाएगा। बजटीय अनुमान 2016-17 में बुनियादी ढांचा के लिए कुल 2,21,246 करोड़ रुपये का परिव्‍यय रखा गया है।

उन्‍होंने कहा कि सरकार मोटर वाहन अधिनियम में आवश्‍यक संशोधन करेगी और यात्री सड़क-परिवहन क्षेत्रों को यात्री खंड में खोलेगी। राज्‍यों के लिए पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्‍ध कराया जाएगा, जिसमें उन्‍हें नए विधिक ढांचे को अपनाने का विकल्‍प दिया जाएगा। उद्यमी कार्यदक्षता और सुरक्षा मानदंडों का पालन कर विभिन्‍न मार्गों पर बसें चला सकेंगे। इससे गरीब और मध्‍यम वर्ग को लाभ होगा तथा नए निवेश, रोजगार पैदा करने तथा स्‍टार्ट–अप उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा।

वित्‍तमंत्री ने कहा, ‘’हम देश के पूर्वी और पश्चिमी तट में नए ग्रीनफील्‍ड बंदरगाह विकसित करने की योजना बना रहे हैं। राष्‍ट्रीय जलमार्ग के कार्य में तेजी लाई जा रही है और इस पहल के लिए 800 करोड़ रुपये उपलब्‍ध कराए गए हैं।’’ नागरिक उड्डयन क्षेत्र में भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण द्वारा असेवित और अल्‍पसेवित विमानपत्‍तनों को दोबारा चालू किया जाएगा और इसके लिए राज्‍य सरकारों के साथ भागीदारी भी की जा रही है।

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