राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग National Human Rights Commission
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना सरकार द्वारा अक्टूबर 1993 में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अधीन की गई थी। आयोग में कुल आठ सदस्य होते हैं- एक अध्यक्ष, एक वर्तमान अथवा पूर्व सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश, एक वर्तमान अथवा भूतपूर्व उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश, मानवाधिकार के क्षेत्र में जानकारी रखने वाले कोई दो सदस्य तथा राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचितजाति आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग एवं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष। इसके अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।
राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित एक समिति की संस्तुति पर किया गया था। इस समिति के अन्य सदस्य थे- लोक सभा अध्यक्ष, गृह मंत्री, सदन में विपक्ष के नेता तथा राज्य सभा के उप-सभापति। सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।
लोक संहिता प्रक्रिया, 1908 (code of civil procedure, 1908) के अधीन आयोग को सिविल न्यायालय की समस्त शक्तियां प्राप्त हैं। आयोग अपने समक्ष प्रस्तुत किसी पीड़ित अथवा उसकी ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दायर किसी याचिका पर स्वयं सुनवाई एवं कार्यवाही कर सकता है। इसके अतिरिक्त आयोग न्यायालय की स्वीकृति से न्यायालय के समक्ष लम्बित मानवाधिकारों के प्रति हिंसा सम्बन्धी किसी मामले में हस्तक्षेप कर सकता है। आयोग की यह शक्ति प्राप्त है कि वह सम्बन्धित अधिकारियों को पूर्वसूचित करके किसी भी कारागार का निरीक्षण कर सके अथवा परिस्थितियों के अनुसार अन्य नौकरशाहों को कारागारों के निरीक्षण सम्बन्धी अपनी शक्ति का प्रत्यायोजन (delegate) कर दे। आयोग द्वारा मानवाधिकारों से सम्बन्धित संधियों इत्यादि का अध्ययन किया जाता है तथा उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने सम्बन्धी आवश्यक संस्तुतियां भी की जाती हैं। साधारणतः, आयोग द्वारा स्वीकृत की जाने वाली मानवाधिकारों के उल्लंघन सम्बन्धी याचिकाओं की प्रकृति इस प्रकार की होनी चाहिए-
- घटना शिकायत करने से एक वर्ष से अधिक समय पूर्व घटित होनी चाहिए;
- शिकायत अर्द्ध-न्यायिक प्रकार की होनी चाहिए;
- शिकायत अनिश्चित, अज्ञात अथवा छंद्म नाम से होनी चाहिए;
- शिकायत तुच्छ प्रकृति की नहीं होनी चाहिए;
- आयोग के विस्तार से बाहर की शिकायतें नहीं होनी चाहिए, तथा;
- उपभोक्ता सेवाओं एवं प्रशासनिक नियुक्तियों से सम्बन्धित मामले।
आयोग में शिकायत दर्ज कराना अत्यंत सरल कार्य है। शिकायत निःशुल्क दर्ज की जाती है। आयोग द्वारा फैक्स और तार (telegraphic) द्वारा प्राप्त शिकायतें भी स्वीकार की जाती हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा प्रतिवर्ष देश में मानवाधिकारों की स्थिति से सम्बन्धित एक रिपोर्ट का प्रकाशन किया जाता है। इसके द्वारा इस रिपोर्ट को विधानसभा के सम्मुख प्रस्तुत किया जाता है। जबकि राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा ऐसा प्रतिवेदन सम्बद्ध राज्य की विधान सभा के सम्मुख रखा जाता है।
मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 30 के अंतर्गत, मानव अधिकारों के उल्लंघन अपराध सम्बन्धी विवादो के त्वरित निपटान हेतु मानव अधिकार न्यायालय का गठन किया जा सकता है। न्यायालय में विवादों को सुलझाने हेतु सरकार अधिसूचना के माध्यम से एक पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति करेगी जिसने 7 वर्षों तक अधिवक्ता के रूप में वकालत की हो।
सशस्त्र बालों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन सम्बन्धी शिकायतों के मामलों में आयोग स्वयं अपने संज्ञान पर अथवा किसी प्राप्त याचिका के आधार पर सरकार से मामले के सम्बन्ध में रिपोर्ट मांग सकता है। रिपोर्ट की प्राप्ति के पश्चात् सरकार की सिफारिशौं के अनुरूप आयोग शिकायत पर कार्यवाही को रोक सकता है तथा संघीय सरकार द्वारा उक्त मामले के संदर्भ में की गई कार्यवाही से आयोग को तीन माह अथवा आयोग द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर अवगत कराना अनिवार्य है।
आयोग की समीक्षा
आयोग ने निःसंदेह अपने खाते में कुछ उपलब्धियां दर्ज की हैं। यह केंद्र सरकार को यातना एवं क्रूर., अमानवीय एवं निम्न दण्ड या व्यवहार के अन्य स्वरूपों के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय पर हस्ताक्षर कराने हेतु मनाने में सफल हुआ। यह संरक्षा मृत्यु की समस्या को बेहतरीन तरीके से सामने लाया। इसने शैक्षिक एवं प्रशिक्षण संस्थानों में मानवाधिकारों पर विशिष्टिकृत प्रशिक्षण माड्यूल तैयार करने में भी मदद की है।
यह, हालांकि, महसूस किया जाता रहा है की आयोग अपनी पूर्ण शक्ति हासिल करने में सक्षम नहीं रहा है। वर्ष 1991 में संयुक्त राष्ट्र अधिकार संस्थान को व्यापक जनादेश; बहुलता रखनी चाहिए जिसमें प्रतिनिध्यात्मक संगठन; व्यापक पहुंच, प्रभाविकता; स्वतंत्रता; पर्याप्त संसाधन; और जांच की पर्याप्त शक्ति शामिल है।
मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 2(d) मानव अधिकारों को संविधान द्वारा प्रत्याभूत, जीवन समानता एवं वैयक्तिक गरिमा से सम्बद्ध अधिकार के तौर पर परिभाषित करता है या वे अंतरराष्ट्रीय अभिसमय या संविदा में उल्लिखित होते हैं तथा भारत में न्यायालय द्वारा लागू कराए जाते हैं। इस प्रकार, कानून एनएचआरसी से सामाजिक एवं आर्थिक अधिकारों पर ध्यान लगाने की बजाय नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों पर फोकस करने की अपेक्षा करता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा है की मानव अधिकार आयोग सरकार पर नागरिकों को सामाजिक एवं आर्थिक न्याय प्रदान कराने के लिए दबाव डालने की प्रभावी भूमिका निभा पाता।
आयोग की संरचना के संबंध में तीन आपतियां हैं। पहली, कानून ने चयन को संकीर्ण कर दिया है कि व्यक्ति को, केवल न्यायपालिका से सम्बद्ध होना चाहिए, मानवाधिकारों में किसी प्रकार की विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। यह आयोग की परिप्रेक्ष्यों की बहुलता, विशेष रुझान एवं सभ्य समाज से विभिन्न अनुभवों को प्राप्त करने से रोकता है। दूसरे, अनुशंसा देने वाली समिति में राजनेता होते हैं। तीसरे, चयन की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। आयोग की संरचना आमतौर पर गोपनीय फाइलों में टिप्पणी करने या राजनेताओं और उनके पसंदीदा नौकरशाहों के बीच बंद दरवाजों के पीछे चल रही बैठकों के दौरान निर्णित होती है।
अधिनियम की धारा-11 के अनुसार, केंद्र सरकार आयोग को अनुसंधान, जांच, तकनीकी एवं प्रशासनिक कार्य के लिए अधिकारी एवं अन्य स्टाफ मुहैया कराएगी। कानून के इस प्रावधान से आयोग अपने कार्य की जरूरत के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर है।
आयोग में कार्य करने वाले अधिकतर अधिकारी एवं स्टाफ भारत सरकार के विभिन्न कार्यालयों से आते हैं। सरकारी कार्यालयों में काफी समय तक कार्य करने के बाद वे आयोग में आते हैं, जिससे उनकी एक निश्चित सोच, बदलावों के प्रति बेहद प्रतिरोध, कार्य की नौकरशाही पद्धति और बुरी आदतों का एक भारी-भरकम बैकलॉग होता है। उन्हें मानव अधिकार दर्शन के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है और न ही वे इसके लिए प्रतिबद्ध होते हैं।
आयोग को एक निश्चित मात्रा में शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं। हालांकि, अध्ययन प्रकट करता है कि अधिकतर शिकायतें तीन या चार राज्यों से ही प्राप्त होती हैं। अधिकारों के प्रति जागरूकता, मात्र कुछ राज्यों तक सीमित होने से, सूचित नहीं होती। लगभग आधे मामलों को प्रथम दृष्टया खारिज कर दिया जाता है। ये मामले वे होते हैं जो आयोग के चार्टर में नहीं आते या समयबद्ध होते हैं या अर्द्ध-न्यायिक प्रकृति के होते हैं। इस तरह लोगों में आयोग के चार्टर के बारे में बेहद अज्ञानता होती है।
आयोग में प्रत्येक वर्ष लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। आयोग को इसके कार्यों में पूरी तरह स्वतंत्र समझ जाता है, यद्यपि अधिनियम ऐसा उल्लेख नहीं करता। वास्तव में, अधिनियम में ऐसे प्रावधान हैं जो आयोग की सरकार पर निर्भरता को कम करते हैं। लेकिन आयोग अपने मानव संसाधन सम्बन्धी जरूरतों के लिए सरकार पर निर्भर है। तब बेहद महत्वपूर्ण बात वित्त की है। अधिनियम की धारा-32 के तहत् केंद्र सरकार, आयोग की अनुदान के तौर पर इतना पैसा देगी, जितना वह उपयुक्त समझे। इस प्रकार, मानव शक्ति एवं धन संबंधी जरूरतों, जो अत्यधिक महत्व के हैं, के परिप्रेक्ष्य में आयोग स्वतंत्र नहीं है।
सशस्त्र बालों के कर्मियों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों की शिकायत की जांच करने का अधिकार अधिनियम द्वारा आयोग की नहीं दिया गया है। क्योंकि मानव अधिकार उल्लंघन की शिकायतों की बड़ी तादाद सशस्त्र बलों के कर्मियों के खिलाफ होती हैं, स्वाभाविक रूप से इन मामलों में लोगों की शिकायतों के एनएचआरसी द्वारा निपटान में अधिनियम इसे कमजोर बना देता है।
आयोग को अपने निर्णयों को लागू करने की शक्ति नहीं है। अधिनियम की धारा-18 के अनुसार, आयोग द्वारा हुई जांच में मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामले स्पष्ट होने पर, आयोग केवल दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही करने और पीड़ित को रहत देने की सरकार को सलाह दे सकता है। यदि कोई सरकार सलाह मानने से इंकार कर देती है तो कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो आयोग को इसकी सलाह को लागू करने के लिए सरकार को बाध्य करने को सशक्त करता हो।
सर, मैंने सोसाइटी से एक प्लाट लिया जिसपर कुछ टाइम बाद एक आपराधिक किस्म की औरत ने 100 आदमियों के साथ मिलकर कब्ज़ा कर लिया। आज इस बात को 6 साल हो गए। लोकल कोर्ट और हाई कोर्ट के आर्डर को भी लोकल पुलिस फॉलो नहीं कर रही जो की हमारे पक्ष में।है। वो लेडी जो शातिर है और नेताओं के संपर्क में भी रहती है हमेशा हमे धमकाती है और 10 लाख रुपया की डिमांड करती है। plz help
Yogi jobs hamster up keep cm ban gaye hai about asparagus kami how Jay egalitarian
श्रीमान,
हमारी वेबसाइट पर मात्र राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के बारे में जानकारी दी गयी है. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में अपनी कोई भी शिकायत दर्ज करने के लिए आप निम्न लिंक का प्रयोग करें-
http://nhrc.nic.in/ContactUs.htm
http://nhrc.nic.in/complaints.htm
http://164.100.51.57/HRComplaint/pub/NewHRComplaint.aspx
how to apply this web
sar me grp sagar me hu mujhe grp s o duara avkash 6 mahene se nahi de raha he na he uchch ifficer ko abedan forward karta he 12 12 ghante diuti karne se avkaah na milne se conseteble apne ko depretion mehsus karta he
श्रीमान जी यह समस्या केवल मेरी ही नही करीब 500 से 700 लोगो की है हम लोग बिहार सरकार के कृषि विभाग मे संविदा पर कृषि समन्वयक पद पर 1 अक्टूबर 2013 से कार्यरत है जो की कैबिनेट द्वारा 4391 पद के सपेछ 2700 के करीब समन्वयक कार्यरत है लेकिन सरकार द्वारा स्थाई नियुक्ति के प्रकिया मे मेरिट मे नही आये है |जिसका पटना हाईकोर्ट मे cwjc 9500/2015नियमावली को लेकर है जिसका फैसला 9 सितम्बर 2016 को कोर्ट ने रिजर्ब रखा है | जिसका कोर्ट से लेटर भी विभाग और कर्मचारी चयन आयोग बिहार को चला गया है |लेकिन विभाग आयोग पर दबाव डालकर जल्द से नियुक्ति कराकर हम लोगो को बाहर करना चाहता है |9500 केस के अलावा भी कइ केस दाखिल हुआ है लेकिन कोर्ट सभी केस को 9500 वाले केस मे जोड़ दे रहा है की उसका फैसला आने के बाद इस पर सुनवाई होगी |हम लोगो का केस निम्न बिंदुओं पर है।
1-संबिदा पर नियोजन के समय योग्यता स्नातक कृषि था | लेकिन स्थाई नियुक्ति के नियमावली मे पशुपालन ;मछलीपालन ;दुग्ध विज्ञान इत्यादि बिषय को जोड़ दिया गया।
2- अनुभव मे कृषि समन्वयक के अलावा कृषि विभाग मे किसी भी पद अनुभव जोड़ा गया है |निवेदन है की
हम लोग पिछले 03 वर्ष से अधिक से संबिदा पर कार्य कर रहै है आज स्थाई का समय आया तो सरकार हम लोगो को बाहर करने की तैयारी कर चुकी है जब की 4391 पद के सामने केवल 2700 के करीब हम लोग काम कर रहे है और पद भी कैबिनेट से सृजित पद है आज स्थाई नियुक्ति मे भी मात्र 3500 के करीब चयनित सूची मे नाम है आरछण का करब 900 के करीब सीट खाली है और कार्यरत 500 के करीब बाहर जाने के कगार पर है।
अतः श्रीमान जि से निवेदन है की हम लोगो को बेरोजगार होने बचा लिया जाय नही तो हम लोग बर्बाद हो जाएंगे हम लोगो के सामने सामूहिक आत्मदाह के Aअलाव कोई रास्ता नजर नही आ रह है ।
श्रीमान,
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श्री मान जी
दो माह से मुझ दिव्यांग (विक्लांग) शिक्षक का शोषण कर रहा है आरोपी मुझ प्रार्थी को विद्यालय मे आकर मेरी मारपीट करता है तथा बच्चो के सामने मां वहन की अश्लील जातिगत कुर्रट गाली देता हैै
दो माह से कलेक्टर जन सुनवाई व एसपी सहाब के चार-चार बार चक्कर लगा चुका | हू 30/11/2016 को मेनेेCM हेल्प लाईन पर भी शिकायत की जो L4 पर चल रही है लेकिन आज तक कोई अधिकारियोे ने नही सुनी फरियाद!
आरोपीे विद्यालय मे आकर बीईओ बीआरसी के सामने कहता इस पर तो मे 376 की कायमी 20हजार देकर करवाऊंगा साले को स्सपेन्ट करवाकर रहूंगा जिसकी मेरे पास audio video की रिकॉर्डिंग भी है फिर भी कोई वरिष्ठ अधिकारी नही है सचेत !
थाना प्रभारी के पास जाता हू तो डाट देकर भगा देता है आरोपी के कहने पर फर्जी किसी ST के व्यक्ति का नाम मतदाता सूची मे नही बढाया तो विद्यालय मे लाठी लेकर मारने आया और 4 घण्टे तक बन्दक बनाकर रखा 23/11/16 को शाम 4:30 बजे किसी तरह भागकर थाने गया जिस पर 353 294,506 ,एस सी एस टी की कायमी भी है लेकिन आज तक न उसे पुलिस पकडने आई न चालान पेश किया आज तक किसी भी अधिकारी ने कोई कार्यवाही नही की! मे मानसिक भय से पीडित हूं आरोपी मुझे वाहरी लोगो से जान से मारने की धमकी दे रहा है मे विक्लांग मे जाऊ तो कहां जाऊ
मेरा आपसे कर वद्ध निवेदन है कि आप ही आरोपी के प्रति दणडात्मक कार्यावाही करवाये आपका आभारी रहूगा
नरेन्द कोली
ग्राम बामौर डामरोन थाना भौंती
तहसील पिछोर जिला शिवपुरी
म.प्र. 9755305359
Sir ap Manav Adhikar ayog ko ek shikayti patra likhakar dak dwara post kara den ho Sacta hai ki Manav Adhikar ayog es per amal kare
sir mere papa ji ek school me sanskrt k govt. teacher hai unki age 59 year h or pichhle lagbhag 16 sal se selory nhi mili h or papa ji retayrd hone bale h.lekin abhi bhi padha rhe h .esi entjar me ki kab milegi selory .ab ham log kya kr sakte hai .entjar karte -2 16 sal ho gai . plllz help me ..... or gareebi me es mahgai ko jhel pana jeena muskil h ,
सर ,मुझपे एक नाबालिग लड़की से बलात्कार का झूठा मुकदमा लगवाया जा रहा है। उसका कहना है कि में कल 24/2/2017 को उसे घर से लके गया और दिन रात उसके साथ बलात्कार किया फिर 25/2/2017 को शाम के वख्त उसे वापिस छोड़ दिया ,में क्या करूँ कृपया बताये
Sir m ek ladki ke sath Seeven years se love relationship m tha ab wo mujhe dokh de gaye mane uske namm 2lakh ki FD krvye the Jo uske namm the mare bank account se check lage uske account m ab vo mujhe passe wapis nahi de rahi m Kya karu
महोदय मेरे नगर के पुलिस इ में मौजूद शुभाष नाम के पुलिस कर्मचारी नित्य किसी ना किसी गरीब किसानों को आरोपो में फसा कर गरीब निर्धन किसानों का शोषण करते है ।
ये सभी किसान यहाँ अपना जिंस बेचने यहाँ काफी दूर दराज से यहाँ आते हैं वास्तव में इनकी माली हालत आप देखले तो अपने आप को झकजोर देगी इनकी ये हालात महोदय और उस पर इस हद तक निर्लज्जता पुलिस की जो रक्षक है वही ...... ?
रामगंजमंडी जिला कोटा
राजस्थान
326519
श्रीमान जी मेरा आपसे विनर्म निवेदन है कि मै मनोज कुमार s/o राजाराम मै उत्तर प्रदेश जिला लखीमपुर का मूल निवासी हूँ आर्थिक परेशानी के कारण मै अपने परिवार को लेकर देहरादून मे सेलकुई मे dixan कम्पनी मे मैने 22/03/2017 से 29 /03/2017 तक मज़दूरी की जब मैने पैसा माँगा तो मुझे ये कहा की हमारे यहाँ आठ दिन का पैसा नही मिलता हम लोग पैसा ना मिलने से बहुत परेशान है किराये हेतु एक मकान मे रहते है श्री मान जी से मेरा अनुरोध है की मेरे साथ इंसाफ किया जाये हमारे जैसे ना जाने कितनों का पैसा कंपनी मार लेते है मुझे उम्मीद है जल्द ही हमारे साथ इंसाफ होगा मेरा मोबाइल नम्बर 7007270431 है
mere pita g padam singh magoriya (RAEO)ke pad pr Berchha jila Shajapur Bhopal m.p. me padasth he unko duty pr rahte huye paralysis ho gya he parntu Krashi Vibhag duwara pichle 12mah (1april 2016) se vetan nhi diya ja RHA he jisse mere pita ka elaj ruk gya he or ghar pr bhi peso ki bahut samasya aa rhi he krapa kr mere pita g ko viklang vyakti adhiniyam 1995 ki dhara 47 ke anusar nyay dilvane ka kasht kre
जय भीम सर जी मै नगर पालिका बडवाह मे ड्राईवर हु डेली विजेस पर करीब 3-4 महीने पहले की बात है मे नगर पालिका के टैंकर से पानी देने जा रहा था तभी मेरे पीछे बडवाह के टी आई अपनी पराईवेट गाडी से डर आ रहे थे रोड पर भीड होने के कारण में धीरे धीरे चल रहा था तो टी आई साहब का ड्राईवर जोर जोर से हार्न बजा रहा था तो फिर मेने हाथ का ईशारा कर मना कीया तो टी आई साहब गाडी से उतर कर मुझसे मार पीट कर थाने लाकर पांच सौ का जबरदस्ती चालान काट दिया और झूठे केसो में फसाने की धमकी दी और 9-3-2017को मेरे साथ चार लोगों ने मार पीट की और जब मैं शिकायत करने थाने गया तो मुझ पर ही केस दर्ज कर दिया और 19-4-2017कोभी मेरे से पांच लोगो ने मार पीट की और मेरे हाथ में फेक्चर हुआ जब भी में थाने शिकायत करने गया तो मुझ पर ही केस दर्ज कर दिया और केहता है कि जिस दिन भी तेरी गाडी में बेग लगा दिखा में तेरी गाडी मे गांजा रखवा कर तस्करी के केस मे फसाउंगा श्री मान जी अब आप ही मुझे बचा सकते हैं मेरा मो न 09826871909 मेरा पता 07 जैमलपुरा बडवाह जिला खरगोन मध्य प्रदेश
सर मैं किसी लड़की की मदद करने जा रहा हूं जिस को जबरदस्ती उसकी मर्जी के खिलाफ ससुराल भेजा जा रहा है मात्र 2 वर्ष की उम्र में ही उसका बाल wiwaha करा दिया गया अब उसे जबरदस्ती ससुराल भेज रहे है परंतु वह वहां जाना नहीं चाहती हैं वह चाहती है कि कुछ पढ़ाई करके अच्छे लड़के से शादी करें मानव अधिकार आयोग से वह आज गुहार लगा रही है कि उसकी मदद की जाए
मैं किसी लड़की की मदद करने जा रहा हूं मदद किस प्रकार की है मैं उसकी हर बात आप तक पहुंचा हूं उसकी शादी मात्र 2 वर्ष की उम्र में हो गई अब वह बालिक हो गई है 19 वर्ष की हैं उसको जबरदस्ती जहां बाल विवाह हुआ था वह भेजना चाहते हैं घरवाले लेकिन यह इस बाल विवाह को नहीं मानती हैं यह चाहती है कि बालिक अवस्था के अंदर इसकी समझ के अनुसार शादी हो मेरा महिला आयोग से निवेदन है इस लड़की की मदद करें और बाल विवाह से छुटकारा दिखाइए
वेस्टर्न कोल् फील्ड्स लिमिटेड के पेंच एरिया मे सैकड़ो असली लोगो के नाम पर फर्जी लोगो को 2015 में नौकरी
दे दी गई।और असली लोगों को जांच के नाम पर पेंच प्रबधन द्वरा 1993 से लेकर आज तक प्रताड़ित किया जा रहा है
श्रीमान,
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मेरे पुत्र की परीक्षा दिनों में IIITM ग्वालियर हॉस्टल में 27/ मार्च /2014 को हत्या की गई जिसे आत्महत्या का रूप देकर आत्महत्या करना बताया गया। कृपया उचित जाँच कराई जाये।
म.प्र.राज्य पुलिस की झूठी और मनघडन्त पुलिस जांच सन्तुष्टि योग्य नही। उक्त कॉलेज में 29 महीनों में 5 छात्रों की अकाल मृत्यु हुई। CBI जाँच कराई जायें। thanks
ओमप्रकाश जी,
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सर मै भारतीय मानव अधिकार शिक्षण;प्रशिक्षण एवं संरक्षण से पोस्ट ग्रेजेवेट डिप्लोमा कर रहा हू
मेरा दूसरा वर्ष है आगे क्या करू इस समय मे उत्तरप्रदेश पुलिस मे सिपाही पद पर सात साल से सेवा कर रहा हू मेरा मोबाईल न०| 9058194377 कृपया मेरा उचित मार्ग दर्शन करे
कि मै कैसे समाज की सेवा कर सकता हू
सर जी मे एक ठेका कर्मिक हु जो समस्त ठेका केर्मिको के हो रहे शोषण से मुक्ति दिलाना चाहता हु । मेडिकल विभाग में हु । जो यहा पर आज दिनांक तक किसी नियमो का पालन नही किया जाता है । इससे हमे आप पूरा भुगतान करावे ।
सर मैं मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तयारी कर रहा हू मेरे पाठ्यक्रम के अनुसार आयोग में 7 सदस्य होते हैं क्या ये सही है ? या फिर आपके अनुसार 8 सदस्यों का उल्लेख सही है कृपया अपना पक्ष रखें
Sir 25.07.2017 को up मे 1.37 lac शिक्षामित्रो का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन माननीय सुप्रीम कोर्ट ने र द्द कर दिया है जिसमे लगभग 25000 शिक्षामित्र पूर्ण योग्यता (btc+ tet) रखते है और 17 साल से सरकारी स्कूलो मे पढा रहे है। 40000 वेतन से अब केबल 10000 रुपये प्रतिमाह मानदेय लेने पर राज्य सरकार मजबूर करके TET पास शिक्षामित्रो का शोषण कर रही है।माननीय सुप्रीम कोर्ट के अनुसार भी समान योग्यता, समान कार्य ,समान वेतन का आदेश है ।सर application भेजने पर कोई कार्यवाही सम्भव है नही।
श्रीमान जी मै विकलांग हूँ |मै अत्यधिक दुखित हूँ |मेरी दुख भरी समस्या पुछने की कृपा करे |आपकी अति कृपा होगी |
मुबाईल नम्बर 9451733371
मै उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ |
श्रीमान मैं भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन में काम करता हु व् मानवाधिकार परिवार (सुचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा पंजीकृत पत्रिका) (प्रेस) का जिला ब्यूरो चीफ हु मानवाधिकार सम्बंधित कई कार्य सेवा कार्य अवैतनिक रूप से निःस्वार्थ कर रह हु और पीजी तक की पढाई पूर्ण व् सिविल सर्विसेज की तैयारी भी करता हु आयोग में कार्य कारन चाहता हु इसके लिए मार्ग प्रसस्त करे मानवाधिकार आयोग में कार्य करने का इछुक हु इसके लिए मार्ग प्रसस्त करे ।
Me anandilal kumavat Ve.barmandal
te.sardarpur District dhar
Madhypardesh ka rhata hu
Sir mujhe manav adhikar se judna hi
Plz meri madad kare sir
Whatshap no 9826357963
Sir, I want to be a member pl contact me.
सर मेरी चचेरी बहन है जिसकी शादी करिबन पॉच साल पहले की थी उसे उसके पति बिना बात के मार पीट करता रहता है मेरी बहन के एक चार साल का लड़का व दो साल की लड़की है मेरी बहन के पति ने लड़के को अपने पास रख लिया है व मेरी बहन को घर से निकाल दिया है हम क्या करें
125भरण पोषण का मुकदमा दर्ज करो
Sir ak byakti hai jo Apne AAP Ko manwa Adhikar ka Adhikari btata aaye din presan karta rahta haijhooti sikayte karta rahta hai aur presan karta rahta hai gauon ki rajniti k hisab sey khurafat karta rahta hai jhoothe mukadme me fasane ki dhamki details hai .uska Naam hai -suresh Kumar son/Baburam ,gram Pitura samayun.ratanpur Rasulabad Kanpur dehat 209306 sir please help me.
Good
sir help me urgent 08275340543
जय हिंद
Sir mai Govt Medical College Kannauj me Computer Operator ke pad par karyarat hun. Director General Medical Education up lucknow dwara 30 august, 2017 dks mujhe medical college Kannauj se medical college Badaun me week me 3 din karya karne ke liya attached kiya gaya hai jo ki medical college kannauj se 172 (one hundred seventy two) Kilometers door hai.
Aur tab se abhi tak kai prakar ke letter bhejkar jabardasti medical college badaun jane ke liya force kiya jaa raha hai aur muje medical college kannauj me karya karne ke liya bhi rok diya gaya hai.
kya 172 km door koi alpvetan bhogi karmchari duty kar sakta hai ?
kripa uchit salah de.
बिलोट में कीचड बहुत है जिससे कई तरह की समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है ।
मैं गोविंदराम गांव अटबडा का निवासी हूं मेरे जी जैसा शंकर लाल जी नेल्लूर में ललिता ज्वेलर्स काम करते थे उन्हें पुलिस 2 महीने पहले पुलिस लेकर गई थी और 1 महीने तक कोई प्रकार की FIR दर्ज नहीं की अब वह मेरे भांजे को घनश्याम को लेकर गई और अब तक हम घर वाले को कोई सही तरीके से जवाब नहीं दे रहा है और ललिता ज्वेलर्स वाला घर पर फोन करके फिरौती के पैसा मांग रहा है इसलिए आप नेलूर पुलिस स्टेशन जाकर मेरे जी जैसा शंकर लाल जी को जल्द से जल्द रिहा कराएं और किसी प्रकार की कार्रवाई करें उसके बारे में हमें बताने का कष्ट करें नंबर है 94627 651 33 पर कॉल करें
अच्छाई के साथ कार्य करो
सच्चाई की जीत होती हैं सत्य कर्म करते रहो सफलता मिल जाएगी
सेवा में। श्री मान मानवाधिकार आयोग दिल्ली महोदय निवेदन इस प्रकार है कि मै ज्ञानदेव पुत्र श्री सियाराम ग्राम अट्टा उर्फ फन्दा पुर पोस्ट बरसरे तहसील आवला जनपद बरेली का मूल निवासी है मै अनुसूचित जाति के जाटव समाज से आता हूं रास्तेमें मै अपने खेत पर जा रहा था तभी रास्ते मे घात लगाए बैठे नीरज पुत्र विमलेश ,विमलेश पुत्र अशरफी लाल,महेश पुत्र नत्थू लाल,राजेश पुत्र देवसरण निवासी ग्राम खुर्द नाबाबपुरा परगना सिरोली तहसील आवला जनपद बरैली के लोगो ने मुझे घेरकर रायफल व तमंचों की वट से मेरी मार लगाई जिससे मेरा हाथ टूट गया वह उनके द्वारा मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है तथा मैने थाना सिरोली में उन लोगो के खिलाफ एफ आई आर लिखवाई थी उन लोगो पर धारा 323,504,506 (sc act)के तहत मुकदमा लिखवाया जो कि दिनांक 22,07,2018 की घटना है इसमें पुलिस कोई कार्यवाही नही कर रही है मेरे परिवार बालो को धमकी दी जा रही है अतः श्रीमान जी से अनुरोध है कि मुझे इन लोगो से अपनी जान का खतरा है इनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की किर्पया करे आपकी महान किरपा होगी। आदरणीय ज्ञानदेव 8449827722
Sir mera nam suresh he ,me gandhinagar me padhai karata hu lekin mere gav me jagada hota he jis me muje doshit thahrakar muj par guna dakhil kiya aur mene satlasana police station me bat ki lekin vo kahte he ap jamin dekar chut sakte ho mene kahe meto jagada Hua tab hajar nahi tha mera record ap tapas kijiye lekin koi bhi manne ko taiyar nahi tha me nirdosh hu sare avidance he mere pass to AP kuch kijiye .....
Suresh
9978547956