समन्वित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) Integrated Child Development Services – ICDS

समन्वित बाल विकास सेवा 1975 में केंद्र-प्रायोजित योजना के तौर पर शुरू की गई। इसके उद्देश्य हैं-

  1. 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली माताओं के पौष्टिक आहार तथा स्वास्थ्य स्तर में सुधार,
  2. बच्चों के समुचित मनोवैज्ञानिक, शारीरिक और सामाजिक विकास की नींव डालना,
  3. बाल मृत्यु दर, कुपोषण और स्कूली शिक्षा अधूरी छोड़ने वाले बच्चों की दर में कमी लाना,
  4. बाल विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विभागों के बीच नीति तथा कार्यान्वित में कारगर तालमेल;
  5. स्वास्थ्य तथा पोषाहार शिक्षा की समुचित व्यवस्था कर के माताओं की, बच्चों के स्वास्थ्य व पोषाहार संबंधी आवश्यकताओं की देखरेख की क्षमता बढ़ाना।

इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक ग्रामीण और आदिवासी सामुदायिक विकास, ब्लॉक में एक परियोजना स्थापित की जाए। उसकी आबादी और गांवों की संख्या भले कुछ भी हो। शहरों में एक लाख की आबादी पर एक परियोजना चलायी जाएगी। 400-800 की आबादी पर एक आगनवाड़ी, 800-1600 की आबादी पर दो आंगनबाड़ी,1600-2400 की आबादी पर तीन और उनके उपरांतप्रत्येक 800 के गुणांकों की आबादी पर एक आंगनवाड़ी खोली जाएगी। ग्रामीण और शहर की 150-400 की आबादी के लिए एक लघु आंगनवाड़ी परियोजना शुरू की जाएगी। आदिवासी, नदी क्षेत्र, रेगिस्तानी, पहाड़ी, और अन्यदुर्गम क्षेत्रों में 300-800 की आबादी पर एक आंगनवाड़ी और 150-300 की आबादी पर लघु आंगनवाड़ी खोली जाएगी।

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