पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अबूल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam

15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम , तमिलनाडु )में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में इनका जन्म हुआ | इनके पिता जैनुलाब्दीन न तो ज़्यादा पढ़े-लिखे थे, न ही पैसे वाले थे। इनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे। अब्दुल कलाम सयुंक्त परिवार में रहते थे। परिवार की सदस्य संख्या का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि यह स्वयं पाँच भाई एवं पाँच बहन थे और घर में तीन परिवार रहा करते थे। अब्दुल कलाम के जीवन पर इनके पिता का बहुत प्रभाव रहा। वे भले ही पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन उनकी लगन और उनके दिए संस्कार अब्दुल कलाम के बहुत काम आए।

अवुल पाकिर जैनुलब्दीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam)  सन 2002 में डा. अब्दुल कलाम भारत गणराज्य के 11वें और तीसरे मुस्लिम राष्ट्रपति बने| एक प्रतिष्ठित प्रमुख वैज्ञानिक और व्यवस्थापक रह चुके डा. कलाम को कोई राजनीतिक अनुभव नही था| उनकी  सरल  जीवन शैली ने शुरू में अपने उच्च कार्यालय की मांगों को पूरा करने की क्षमता के बारे में चिंताओं को उठाया लेकिन वह चतुरता से भारत के राष्ट्रपति पद  के भारी कर्तव्यों निभाने में कामयाब रहे| उनकी सादगी भरे जीवन ने दुनिया भर के गणमान्य व्यक्तियों का सम्मान जीता| डा. कलाम ने 2004 के आम चुनावों के बाद से भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार और कॉंग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का सफल मार्गदर्शन किया|

राष्ट्रपति अब्दुल कलाम, भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी व्यवस्थापक के रूप में  भारत के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रम के विकास की नींव बिछाने के लिए जाने जाते हैं|

मद्रास प्रौद्योगिकी इंस्टीट्यूट(Madras Institute Of Technology) में वैमानिकी इंजीनियरिंग(Aeronautical Engineering) का अध्ययन किया| अब्दुल कलाम  भारतीय रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO-Defence Research And Development Organization) में  मुख्य कार्यकारी अधिकारी और भारत के अंतरिक्ष रॉकेट कार्यक्रम विकसित करने के लिए परियोजना निदेशक के रूप में कार्य करते हुए सन् 1980 में पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-III) से पृथ्वी की कक्षा में रोहिणी उपग्रह स्थापित सफलता पूर्वक स्थापित किया और भारत को अंतरराष्ट्रीय “अंतरिक्ष क्लब.” में शामिल किया| डा. कलाम भारत के राष्ट्रपति के रूप में अपने चुनाव से पहले उन्होंने कुछ समय तक तमिलनाडु में अन्ना विश्वविद्यालय में एस्ट्रोनॉटिक्स के प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे|

अब्दुल कलाम ने मध्यम दूरी की अग्नि और कम दूरी पृथ्वी मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया| डा. कलाम ने भारत के   मुख्य प्रौद्योगिकी संस्थानों की नेटवर्किंग के माध्यम से स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य किया|

डा. कलाम ने 1992-1999  रक्षा मंत्रालय के डीआरडीओ के सचिव के रूप में कार्य किया, इस दौरान वह रक्षा मंत्रालय के वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे| इस अवधि के दौरान उन्होने अंतरिक्ष रॉकेट को सामरिक मिसाइल प्रणालियों में परिवर्तित करने का भी कम किया|

डा. कलाम ने भारत के परमाणु उर्जा विभाग के सहयोग से 1998 में भारत के परमाणु परीक्षण की नींव तैयार की और भारत को एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाया| उन्होंने  भारत के हल्के लड़ाकू विमान के विकास सहित कई अन्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए बहुत ज़ोर दिया|


राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने भारतीय युवाओं को प्रोत्साहित करने और उनको उच्च उपलब्धियों को प्राप्त करने और भारत में गरीबी का उन्मूलन करनेके लिए 4 प्रेरणादायक पुस्तकें लिखी हैं| ये पुस्तके हैं Wings of Fire; India 2020: A Vision for the New Millennium; My Journey; and Ignited Minds: Unleashing the Power within India. इन पुस्तकों का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुका है|

डा. कलाम एक सख़्त आत्म-अनुशासित, शाकाहारी व्यक्ति हैं| वह शराब नहीं पीते और अविवाहित हैं|

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