अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति International Committee of the Red Cross – ICRC

मुख्यालय: जेनेवा (स्विट्जरलैण्ड)

उद्मव एवं विकास

अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति (International Committee of the Red Cross—ICRC) स्विट्जरलैण्ड के मानवतावादी जीन-हेनरी डूयुनेंट (Jean-Henri Dununt), जिन्होंने 1859 के सोलफेरिनो युद्ध में ऑस्ट्रिया और फ्रांस के घायल सैनिकों के लिये आपातकालीन राहत का प्रबंध किया था, के प्रयास से अस्तित्व में आई। अपनी पुस्तक अन सुवनिअर डी सोलफेरिनो (1862; ए मेमोरी ऑफ़ सोलफेरिनो) [un Souvenir de Solferino (1862; A Memory of Solferino)], में ड्युनेंट ने सभी देशों में स्वैच्छिक राहत संस्थाओं के गठन का प्रस्ताव रखा। जेनेवा अभिसमय, 1864 के अंतर्गत सभी हस्ताक्षरकर्ता सरकारें युद्ध में घायल सैनिकों (मित्र या शत्रु राष्ट्र के) की सेवा के लिये समर्पित हुई। बाद में इस अभिसमय में संशोधन किया गया और नये अभिसमयों को अपनाया गया- समुद्री लड़ाई के पीड़ितों की रक्षा के लिये अभिसमय (1907), युद्ध बंदियों के लिये अभिसमय (1929) और युद्ध के समय आम नागरिकों के लिये अभिसमय (1949)। क्रिश्चियन-प्रायोजित देशों में रेड क्रॉस नाम का प्रयोग किया जाता है, जबकि मुस्लिम देशों में रेड क्रोसेंट नाम का।

रेड क्रॉस एक निजी संस्था है, जो अंतरराष्ट्रीय विवादों तथा अन्य आंतरिक उपद्रवों के समय में मानवतावादी विषयों में एक निष्पक्ष और स्वतंत्र मध्यस्थ का कार्य करती है। इसका कार्य मानवीय आचार को विकसित करने की इच्छा से प्रोत्साहित होता है तथा पीड़ितों के लिये परानुभूति (empathy) से निर्देशित होता है। यह विवाद के सभी राजनीतिक विषयों से स्वयं को अलग रखता है।

उद्देश्य

आईसीआरसी युद्ध और आतंरिक हिंसा के सभी पीड़ितों को सहायता करने के लिए कार्य करता है तथा सशस्त्र हिंसा पर रोक लगाने वाले मानवतावादी नियमों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का प्रयास करता है। इसका प्रत्येक कार्य युद्ध में बल प्रयोग नियंत्रित करने वाले नियमों के निर्धारण और कमजोर लोगों के सम्मान की रक्षा जैसी आधारभूत मानवीय इच्छाओं से ही उत्पन्न होता है।

युद्ध और आतंरिक हिंसा से पीड़ित लोगों की सहायता करने और अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी नियम के अनुपालन को प्रोत्साहित करने के अंतरराष्ट्रीय अधिदेश से सुसज्जित आईसीआरसी सशस्त्र युद्ध और आतंरिक हिंसा के पीड़ितों की रक्षा और सहायता करने के लिए प्रयत्नशील रहता है, ताकि उनकी भौतिक अखंडता और उनका सम्मान सुरक्षित रह सके तथा वे जितना शीघ्र संभव हो अपनी स्वायत्तता वापस पा सकें।


संरचना

रेड क्रॉस के संगठनात्मक ढांचे में अंतर्राष्ट्रीय समिति, रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट समुदाय लीग तथा राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट सम्मिलित हैं। अतंरराष्ट्रीय समिति स्विट्जरलैंड के 25 नागरिकों की एक स्वतंत्र परिषद है। युद्ध के समय परिषद युद्धरत पक्षों के साथ-साथ राष्ट्रीय रेड क्रॉस समुदाय के मध्य एक मध्यस्थ का कार्य करती है। यह युद्ध शिविरों में बंदियों से जाकर मिलती है तथा उन्हें सहयता सामग्री, डाक, आदि प्रदान करती है। रेड क्रॉस लीग और रेड क्रिसेंट समुदाय रह्स्त्रिय विपदा के पीड़ितों को सहायता पहुँचाने में मदद करते हैं तथा राष्ट्रीय समुदाय के विकास में सहायक का कार्य करते हैं।

गतिविधियां

मानवतावादी अभिकरण होने के कारण रेड क्रॉस के लगभग सभी देशों में संबद्ध कार्यालय है। इसकी स्थापना के पीछे मूल उद्देश्य युद्ध पीड़ितों की सेवा करना था, लेकिन आज यह संगठन प्राथमिक उपचार, दुर्घटना निवारण, जल सुरक्षा, परिचारिकाओं (Nurses) और मातृ प्रशिक्षण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्रों एवं मेडिकल क्लीनिकों, रक्त बैंकों तथा अन्य अनेक सेवाओं के रखरखाव में भी संलग्न है। आईसीआरसी मानवतावादी कार्यों में संलग्न अन्य सभी संगठनों से परामर्श करके अपना कार्य करती है। यह बड़े ही सुव्यवस्थित ढंग से सशस्त्र युद्ध और आंतरिक हिंसा में प्रत्यक्ष रूप से संलग्न सभी सैनिक तथा नागरिक अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून और अन्य मानवतावादी नियमों के पालनं से उनके बंधे होने की याद दिलाती रहती है। समिति सशस्त्र युद्ध में संलग्न पक्षों के मध्य मध्यस्थ का कार्य करती है तथा मानवतावादी समस्याओं के निदान के उद्देश्य से आंतरिक हिंसा के समय इन पक्षों के मध्य संवाद को प्रोत्साहित है। वर्ष 1999 में आईसीआरसी की 60 देशों में स्थायी उपस्थिति थी तथा लगभग 10 हजार कर्मचारियों के साथ लगभग 80 देशों में इसके कार्यक्रम चलाये जा रहे थे। इसने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय स्तरों पर बारूदी सुरंगों पर प्रतिबंध के संबंध में जागरूकता उत्पन्न करने का कार्य भी शुरू किया है।

आईसीआरसी के वित्तीय स्रोतों में जेनेवा अभिसमय के हस्ताक्षरकर्ता देशों, ईयू जैसे संगठनों तथा लोक एवं निजी क्षेत्रों से प्राप्त स्वैच्छिक अंशदान सम्मिलित होते हैं।

आईसीआरसी इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ रेड क्रॉस एण्ड क्रिसेंट सोसायटीज (आईएफआरसी) और 189 राष्ट्रीय सोसायटीज के साथ इंटरनेशनल रेड क्रॉस एंड रेड क्रीसेंट मूवमेंट का हिस्सा है। यह मूवमेंट के अंतर्गत सबसे पुराना एवं अत्यधिक सम्मान प्राप्त संगठन है और विश्व में बेहद व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त संगठनों में से एक है। इसे 1917, 1944 और 1968 में तीन नोबल शांति पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।

आईसीआरसी का 2010 का बजट लगभग 1156 मिलियन स्विस फ्रेंक था। आईसीआरसी को प्राप्त होने वाले सभी भुगतान स्वैच्छिक होते हैं और दान के रूप में प्राप्त होते हैं।

आईसीआरसी को सर्वाधिक वित्त स्विट्जरलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका से प्राप्त होता है, तत्पश्चात् अन्य यूरोपीय देश एवं यूरोपीय संघ से आता है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान और न्यूजीलैंड के साथ मिलकर वे आईसीआरसी को लगभग 80-85 प्रतिशत बजट मुहैया कराते हैं। लगभग 3 प्रतिशत निजी उपहारों से आता है, और बाकी वित्त राष्ट्रीय रेड क्रॉस सोसायटीज से आता है।

दिसंबर 2013 के अनुसार, आईसीआरसी का संचालन विश्वभर के 80 देशों में कुल 11,000 नियोजित लोगों द्वारा होता है। वर्ष 2013 में विश्वभर में 10 सर्वाधिक बड़े अभियान पाकिस्तान, माली, नाइजर, अफगानिस्तान, यमन, इराक, कोलंबिया, सोमालिया, इजरायल, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो और सूडान में चलाए गए।

कुछ सरकारें आईसीआरसी को अपने साध्यों के लिए यंत्र के रूप में इस्तेमाल करती हैं।

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