अंतरराष्ट्रीय समंजन हेतु बैंक Bank for International Settlements – BIS

औपचारिक नाम-

  1. Banque des Reglements Internationaux.
  2. BankfurInternationalen Zahlungssausgleich.
  3. Banca del Regolamenti Internazionali.

मुख्यालयः बेसेल (स्विट्जरलैंड)।

सदस्यः अल्जीरिया, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बोस्निया-हर्जेगोविना, ब्राजील, बुल्गारिया,कनाडा, चिली, चीन, कोलंबिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फ़िनलैंड, फ़्रांस, जर्मनी, यूनान, हांगकांग, गंगरी, आइसलैंड, भारत, इजरायल, आयरलैंड, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लातविया, लिथुआनिया, लक्सम्बर्ग, मेसीडोनिया, मलेशिया, मेक्सिको, नीदरलैंड., न्यूजीलैंड, नार्वे,पेरू, फिलीपींस, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, रूस, सऊदी अरब, सर्बिया, सिंगापूर, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड, स्वीडन, तुर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन एवं यूरोपीय केन्द्रीय बैंक।

आधिकारिक भाषाः अंग्रेजी, फ्रांसीसी, जर्मन एवं इटालियन।

उत्पति एवं विकास

बीआईएस की उत्पत्ति के मूल को 1929 एवं 1930 के हेग सम्मेलनों में प्रस्तुत किये गये इस सुझाव में देखा जा सकता है, जिसके अनुसार प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी पर आरोपित क्षतिपूर्ति सम्बंधी विवादों के समाधान हेतु एक बैंक की स्थापना की जाए। फरवरी 1930 में संस्थापक सदस्यों के केन्द्रीय बैंकों के गवर्नरों तथा अमेरिकी बैंकों के एक समूह के प्रतिनिधियों द्वारा रोम में औपचारिक रूप से बैंक के चार्टर पर हस्ताक्षर किये गये। मई 1930 में बैंक ने अपना कामकाज आरंभ कर दिया।

उद्देश्य


बैंक का मूल उद्देश्य केन्द्रीय बैंकों के आपसी सहयोग को प्रोत्साहित करना, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय क्रिया-कलापों हेतु अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध कराना तथा अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन के सम्बन्ध में न्यासी या अभिकर्ता के रूप में भूमिका निभाना है।

संरचना

बीआईएस का प्रशासन निदेशक बोर्ड, सामान्य बैठक एवं अध्यक्ष में निहित है। निदेशक बोर्ड उच्चस्तरीय क्रिया-कलापों को संचालित करता है। सामान्य बैठक प्रतिवर्ष जून माह के द्वितीय सोमवार को आयोजित होती है। इन तीन अंगों के अलावा प्रमुख केन्द्रीय व वाणिज्यिक बैंकों से मिलकर बना एक समूह-30 भी मौजूद है, जो निजी रूप से अपना कोष जुटाता है तथा अंतरराष्ट्रीय बैंक समुदाय में दृष्टिगोचर होने वाली नयी प्रवृत्तियों पर विचार-विमर्श करता है।

गतिविधियां

बीआईएस ने 1980 के दशक की विश्वव्यापी मंदी के दौरान केन्द्रीय साहूकार व केन्द्रीय बैंक के रूप में कार्य किया किंतु द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बैंक को विघटन की चुनौती का सामना करना पड़ा। ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (1944) में भी बैंक को विघटित करने की सिफारिश की गयी क्योंकि बैंक पर जर्मनी के केन्द्रीय बैंक (रीक बैंक) के लाभ हेतु अपने संरक्षित स्वर्ण भंडार का गैर-कानूनी उपयोग करने का आरोप लगाया गया था। हालांकि बीआईएस द्वारा 1960 के दशक में खुद को पुनः प्रतिष्ठित कर लिया गया तथा उसने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूरो मुद्रा बाजार के अस्तित्व में आने के बाद बीआईएस की भूमिका में वृद्धि हुई। बैंक द्वारा बाजार के आकार एवं उतार-चढ़ावों से सम्बंधित आकड़ों वाली उपयोगी वार्षिक रिपोर्ट भी तैयार की जाती है।

वर्तमान में यह बैंक विभिन्न क्षमताओं के साथ कार्य कर रहा है। यह सदस्य केन्द्रीय बैंकों को, जिनके मुद्रा भंडारों के प्रबंधन व निवेशन में सहायता प्रदान करता है; अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग एवं मौद्रिक प्रवृत्तियों पर सांख्यकीय आंकड़ों के संग्रहण व वितरण का कार्य करता है तथा केन्द्रीय बंकरों एवं अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए एक सहयोगी फोरम उपलब्ध कराता है।

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