इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) Indira Awaas Yojana – IAY

गांवों में आवास की कमी को दूर करने के उद्देश्य से जवाहर रोजगार योजना (जेआरवाई) की उप-योजना के रूप में मई, 1985 में इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) शुरू की गई। 1 जनवरी, 1996 से यह एक स्वतंत्र योजना के रूप में लागू है और यह ग्रामीण आवास हेतु ध्वजपोत कार्यक्रम है। इस योजना का लक्ष्य अत्यंत गरीब अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, मुक्त बंधुआ मजदूरों और गैर-अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजातियों की श्रेणियों में आनेवाले ग्रामीण गरीबोंको आवासीय इकाइयों के निर्माण और मौजूदा अनुपयोगी कच्चे मकानों को सुधारने में मदद देना है, जिसके लिए उन्हें सहायता अनुदान दिया जाता है। वर्ष 1995-96 से इंदिरा आवास योजना का लाभ युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं या उनके निकट संबंधियों को भी दिया जाने लगा है।

इस योजना के अंतर्गत मकान का आवंटन परिवार की महिला सदस्य के नाम या संयुक्त रूप से पति-पत्नी के नाम किया जाता है। कम से कम 60 प्रतिशत धनराशि का उपयोग अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों के लोगों के लिए करना होता है। स्वच्छ शौचालय और धुआं-रहित चूल्हे भी लाभार्थियों को उपलब्ध कराए जाते हैं।

इंदिरा आवास योजना के मुख्य तथ्य-

  • इस योजना के अधीन दी जाने वाली राशि 1 अप्रैल, 2008 से मैदानी क्षेत्रों में प्रति गृह निर्माण सहायता को ₹ 25,000 से बढ़ाकर ₹ 35,000 और पहाड़ी/पर्वतीय क्षेत्रों में ₹ 97,500 से बढ़ाकर ₹ 38,500 कर दिया गया है।
  • कच्चे मकान को पक्का बनाने के लिए प्रति मकान ₹ 12,500 से बढ़ाकर ₹ 15,000 कर दिया गया है।
  • इस योजनान्तर्गत पुरुष सदस्य के नाम मकान तभी आवंटित होगा जब परिवार में महिला सदस्य न हो।
  • शौचालय, धुआंरहित चूल्हा,सही नाली इत्यादि व्यवस्था इंदिरा आवास योजनान्तर्गत निर्माणाधीन आवासों में होनी चाहिए।
  • इस योजना के तहत् किसी प्रकार का खास डिजाइन, तकनीक एवं सामग्री नहीं होती।
  • योजना के तहतू, वित्तीय संसाधन केंद्र और राज्य में 75:25 के अनुपात का आधार है।
  • वर्ष 2007-08 के दौरान 21.27 लाख मकानों का निर्माण/मरम्मत का लक्ष्य था जबकि सरकार ने 19.88 लाख मकानों के निर्माण/मरम्मत के लिए ₹ 5458.01 करोड़ व्यय किए।
  • वर्ष 2008-09 के लिए केंद्र ने ₹ 5,645.77 करोड़ जारी किए, इससे 21.27 लाख मकान इंदिरा आवास योजना के तहत बनाने का लक्ष्य आबंटन और इंदिरा गांधी आवास योजना के तहत् कितने घर बनेंगे, तय करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *