प्लास्टिक Plastic

बहुत से असंतृप्त हाइड्रोकार्बन जैसे एथिलीन, प्रोपेलीन आदि बहुलीकरण की क्रिया के पश्चात् जो उच्च बहुलक बनाते हैं, उसे प्लास्टिक कहा जाता है। प्लास्टिक वह पदार्थ है, जो बनने के क्रम में कभी मुलायम रहा हो और जिसे आसानी से साँचे में ढ़ालकर इच्छित सामान बना लिया गया हो।

प्लास्टिक दो प्रकार के होते हैं-

प्राकृतिक प्लास्टिक Natural Plastics

प्राकृतिक प्लास्टिक वह प्लास्टिक है, जो गर्म किये जाने पर मुलायम तथा ठंडा किये जाने पर कठोर हो जाता है। लाख इसका एक अच्छा उदाहरण है।

कृत्रिम प्लास्टिक Artificial Plastics 

रासायनिक विधि से तैयार किये गये प्लास्टिक को कृत्रिम प्लास्टिक कहा जाता है। कृत्रिम प्लास्टिक दो प्रकार के होते हैं-

  1. थर्मो प्लास्टिक Thermo Plastics: यह गर्म करने पर मुलायम और ठंडा करने पर कठोर हो जाता है। यह गुण इसमें सदैव वर्तमान रहता है, चाहे इसे कितनी बार क्यों न गर्म व ठंडा किया जाये। जिस कार्बनिक यौगिक के अंत में एक द्विबन्ध रहता है, उनके योगशील बहुलीकरण (Addition Polymerisation) से थर्मोप्लास्टिक बनता है। जैसे- पॉलीइथिलीन (Polyethylene), पॉली विनाइल क्लोराइड (PVC), पॉलीस्टाइरीन (Polystyrene), नायलॉन (Nylon) टेफ्लॉन (Teflon) इत्यादि।
  2. थर्मोसेटिंग प्लास्टिक Thermosetting Plastics: यह वह प्लास्टिक है, जो पहली बार गर्म करते समय मुलायम हो जाता है और उसे इच्छित आकार में ढाल लिया जाता है। इसे पुनः गर्म करके मुलायम नहीं बनाया जा सकता है। इस प्रकार अनुत्क्रमणीय बहुलकों को ताप दृढ़ बहुलक कहते हैं। जैसे- ग्लिप्टल (Glyptal), वीटल (veetal), बेकेलाइट (Bakelite) इत्यादि।


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