प्रकृति संरक्षण हेतु विश्वव्यापी कोष Worldwide Fund for Nature – WWF

मुख्यालय: स्विट्जरलैंड।

उद्भव

प्रकृति संरक्षण हेतु विश्वव्यापी कोष (Worldwide Fund for Nature-WWF) का गठन वर्ष 1961 में हुआ तथा उसी वर्ष इसका पंजीकरण एक परोपकारी (Charity) संस्था के रूप में हुआ।

यह पर्यावरण के संरक्षण, अनुसंधान एवं रख-रखाव संबंधी मामलों पर कार्य करता है। पूर्व में इसका नाम विश्व वन्यजीव कोष (World Wildlife fund) था।

वर्ष 2000 में, प्रकृति संरक्षण हेतु विश्वव्यापी कोष ने विश्व कुश्ती संघ, (World Wrestling Federation) जिसका नाम अब वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट कर दिया गया है, पर मुकदमा किया कि वह अस्वच्छ व्यापार संव्यवहार करता है जैसाकि दोनों पक्ष 1979 से एक ही इनिशियल डब्ल्यूडब्ल्यूएफ का प्रयोग कर रहे हैं। संरक्षण संगठन ने दावा किया कि रेसलिंग कंपनी ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इनिशियल के अंतरराष्ट्रीय प्रयोग के संबंध में 1994 के समझौते का उल्लंघन किया। वर्ष 2001 में, इंग्लिश कोर्ट ने वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर के पक्ष में निर्णय दिया। वर्ष 2002 में वर्ल्ड रेसलिंग फेडरेशन ने अपने प्रत्येक डब्ल्यूडब्ल्यूएफ संदर्भ के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूई (WWE) का संदर्भ भी दिया जो कपनी के नाम परिवर्तन का संकेत दर्शाता है।

उद्देश्य

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं- आनुवंशिक जीवों और पारिस्थितिक विभिन्नताओं का संरक्षण करना; यह सुनिश्चित करना कि नवीकरण योग्य प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग पृथ्वी के सभी जीवों के वर्तमान और भावी हितों के अनुरूप हो रहा है; प्रदूषण, संसाधनों और उर्जा के अपव्ययीय दोहन और खपत को न्यूनतम स्तर पर लाना; हमारे ग्रह के प्राकृतिक पर्यावरण के बढ़ते अवक्रमण को रोकना तथा अंततोगत्वा इस प्रक्रिया को पलट देना, तथा; एक ऐसे भविष्य के निर्माण में सहायता करना, जिसमें मानव प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करके रहता है।


कार्यक्रम

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ विश्व का सबसे बड़ा और अनुभवी स्वतंत्र पर्यावरण संरक्षण संगठन है। राष्ट्रीय संगठनों और कार्यक्रम कार्यालयों के वैश्विक नेटवर्क के साथ इसके 5 मिलियन से अधिक समर्थक हैं। राष्ट्रीय संगठन पर्यावरण कार्यक्रमों को संचालित करते हैं तथा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण कार्यक्रम को वित्तीय सहायता तथा तकनीकी सुविज्ञता प्रदान करते हैं। कार्यक्रम कार्यालय डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के क्षेत्रीय कार्यों को प्रभावित करते हैं तथा राष्ट्रीय एवं स्थानीय सरकारों को परामर्श देते हैं ताकि भावी पीढ़ी प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करके रह सके।

इसका अधिकतर काम तीन बायोम का संरक्षण करना है जो विश्व के सर्वाधिक विविधता संपन्न क्षेत्र है: वन, ताजा जल पारिस्थितिकी तंत्र, और महासागर एवं तट। अन्य मामलों में, यह संकटापन्न प्रजातियों, प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन पर भी चिंतित है।

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ जूलोजिकल सोसायटी ऑफ लंदन के साथ मिलकर लिविंग प्लेनेट इंडेक्स का प्रकाशन करता है। अपनी पारितंत्रीय पदचिन्हों के आकलनों के साथ, इंडेक्स का इस्तेमाल द्विवार्षिक लिविंग प्लेनेट प्रतिवेदन को तैयार करने में किया जाता है जो मानवीय गतिविधियों के विश्व पर पड़ने वाले प्रभाव का अवलोकन प्रस्तुत करता है।

वर्ष 2008 में, ग्लोबल प्रोग्राम फ्रेमवर्क (जीपीएफ) के माध्यम से, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ अब अपने प्रयासों को 13 वैश्विक पहलों- अमेजन, आर्कटिक, चीन, जलवायु एवं ऊर्जा, तटीय पूर्वी अफ्रीका, प्रवाल त्रिभुज, वन और जलवायु, अफ्रीका का हरित प्रदेश, बोर्नियो, हिमालय, बाज़ार रूपांतरण, स्मार्ट मत्स्ययन और टाइगर-पर केंद्रित कर रहा है।

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