तंबाकू बोर्ड Tobacco Board

भारत में एक मुख्य वाणिज्य फसल के रूप में तम्बाकू उगता है। लगभग 7000 मिलियन किलोग्राम के वार्षिक उत्पादन से विश्व में तीसरा स्थान हासिल किया है। उगाने वाले विभिन्न प्रकारों (तम्बाकू) में से प्लू-क्यूर्ड तम्बाकू, देशी तम्बाकू, बली, बीड़ी,रस्टिका और चर्वण तम्बाकू को मुख्य माना जाता है। भारत, तम्बाकू के निर्यातक के रूप में ब्राजील, चीन, यू एस ए, मलावी और इटली के बाद छठवें स्थान पर है।

भारत सरकार ने, तम्बाकू उद्योग का सर्वतोन्मुखी विकास करने के उद्देश्य से वर्ष 1975 में संसद के अधिनियम के अंतर्गत तम्बाकू बोर्ड की स्थापना की है और जिसका मुख्यालय गुण्टूर, आन्ध्र प्रदेश में हैं।

मिशन

तम्बाकू ग्रोयरों और भारतीय तम्बाकू उद्योग की व्यापक वृद्धि के लिए प्रयास

विजन

संसद के विवेचित संकल्प, दोलायमान कृषि व्यवस्था के निर्विघन कार्य, तम्बाकू ग्रोयरों के लिए स्पष्ट एवं लाभकारी मूल्य और निर्यात प्रोत्साहन के लिए तम्बाकू बोर्ड अपनी भूमिका निभाने के लिए वचनबद्ध है।

बोर्ड के कार्यकलाप


उत्पादन को क्रमानुबद्ध करने के लिए, समुद्रपार मार्केटिंग को उन्नत करने के लिए और बार-बार आपूर्ति और मांग में असंतुलन, जिससे बाज़ार की समस्याएं पीड़ा होती हैं इसे नियंत्रित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने तम्बाकू बोर्ड अधिनियम, 1975 के अंतर्गत तम्बाकू निर्यात संवर्द्धन परिषद् के स्थान पर तम्बाकू बोर्ड की स्थापना की है।

तम्बाकू बोर्ड अधिनियम, देश में तम्बाकू उद्योग के नियोजित विकास की ओर लक्ष्य किये हुए है। उद्योग की उन्नति के लिए विभिन्न कार्यक्रम, जो अधिनियम में दिये गये हैं, वे इस प्रकार हैं-

  • भारत और विदेशों में मांग को ध्यान में रखते हुए वर्जीनिया तम्बाकू के उत्पादन और क्यूरिंग का नियंत्रण करना।
  • भारत और विदेश में लगातार वर्जीनिया तम्बाकू बाजार की देख-रेख करना और उत्पादकों को सही और लाभकारी मूल्यका आश्वासन देना है तथा पण्य के मूल्यों के अधिक उतार-चढ़ाव में कमी लाना।
  • वर्तमान अंतरराष्ट्रीय बाजार को बनाये रखना और उसका सुधार करना तथा भारतीय वर्जीनिया तम्बाकू और उसके उत्पादों के लिए समुद्रपार नये बाजारों का विकास करना और उपयोगी सामग्री के मांग के साथ अवरोध मार्केटिंग उपायों को, जिसमें ग्रुप मार्केटिंग, सीमित ब्रांड नामों को शामिल करते हुए अपनाना।
  • पंजीकृत उत्पादकों द्वारा वर्जीनिया तम्बाकू की बिक्री के लिए नीलामी प्लेटफॉर्म की स्थापना करना और नीलामी प्लेटफॉर्म पर एक नीलामी करने वाले व्यक्ति की तरह कार्य करना चाहे वो उसके द्वारा स्थापित किया गया हो या उससे पंजीकृत हो।
  • केन्द्रीय सरकार की सिफारिशों के अनुसार निर्यात किये जाने वाले वर्जीनिया तम्बाकू की न्यूनतम दरों को तय करना चाहिए ताकि निर्यातकों के बीच अस्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को दूर किया जा सके।
  • भारत में वर्जीनिया तम्बाकू मार्केटिंग के अन्य पक्ष का नियमितीकरण करना और उत्पादकों, निर्माताओं, डीलरों और देश की दिलचस्पी को ध्यान में रखते हुए वर्जीनिया तम्बाकू का निर्यात करना।
  • वर्जीनिया तम्बाकू के उत्पादकों, डीलरों और निर्यातकों तथा तम्बाकू उत्पादों तथा अन्य संबंधित निर्माताओं को उपयोगी सूचना पहुंचाते रहना।
  • उत्पादकों के हित की रक्षा करने के लिए जब कभी आवश्यक अथवा उचित समझा जाता है, उत्पादकों से वर्जीनिया तम्बाकू खरीदना तथा भारत में तथा विदेशों में जब कभी उचित लगे उसका निपटान करना।
  • उत्पादकों के स्तर पर, तम्बाकू श्रेणीकरण का विकास, तम्बाकू उद्योग के विकास के लिए वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी एवं आर्थिक अनुसन्धान का प्रवर्तन, सहायता, सहयोग अथवा प्रोत्साहन प्रदान करना।

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बोर्ड का एक मुख्य कर्तव्य यह होता है कि भारतीय तम्बाकू की ग्राहकों की मांग और आवश्यकताओं के अनुरूप वर्जिनिया तम्बाकू के उत्पादन का विनियमन करना साथ-ही-साथ ग्रोयरों को उनके उत्पादों के लिए लाभकारी मूल्यों को सुनिश्चित करना।

तम्बाकू बोर्ड अधिनियम 1975 की धारा 8(2) (क) के अनुसार उत्पादन की व्यवस्था और वर्जीनिया तम्बाकू संसाधन का विनियमन निम्नलिखित बातों पर आधारित है जैसे-

  • भारत और विदेशों में वर्जीनिया तम्बाकू की मांग
  • वर्जीनिया तम्बाकू उगाने के लिए उपयुक्त भूमि
  • देश के विभिन्न क्षेत्रों में, जहां वर्जीनिया तम्बाकू उगाई जाती है, उन क्षेत्रों में उत्पादित वर्जीनिया तम्बाकू की गुणवत्ता और परिमाण, वहां की मिट्टी के विशिष्ट गुणों में भिन्नता और कृषि एवं जलवायु घटक पर आधारित हैं।
  • विभिन्न प्रकार के वर्जीनिया तम्बाकू की बाजार क्षमता।
  • फसलों में बदलाव की आवश्यकता

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