भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण The National Highways Authority of India – NHAI

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का गठन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1988 द्वारा किया गया। यह इसे सौंपे गए राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रख-रखाव एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालता है। प्राधिकरण ने फरवरी, 1995 में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष और अन्य सदस्यों के साथ काम करना शुरू किया।

एनएचएआई का मिशन है वैश्विक मानकों के अनुरूप राष्ट्रीय राजमार्गों का प्रबंधन एवं रख-रखाव करना एवं उपयोगकर्ताओं की आशाओं को समयबद्ध एवं न्यूनतम लागत में पूरा करना जिससे आर्थिक संपन्नता एवं लोगों की गुणवत्तापरक जीवन की संवृद्धि की जा सके।

प्राधिकरण में एक अध्यक्ष होता है, पांच से अनाधिक पूर्णकालिक सदस्य होते हैं और चार से अनाधिक अंशकालिक सदस्य होते हैं।

एनएचएआई को राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) के क्रियान्वयन हेतु अधिकृत किया गया है जो अबाधित परिवहन प्रवाह के साथ विश्वस्तरीय सड़क निर्माण का अभी तक का भारत का सबसे बड़ा राजमार्ग प्रोजेक्ट है। भारत सरकार ने एनएचडीपी के विभिन्न चरणों के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन एवं सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। एनएचएआई के कृत्य इस प्रकार हैं-

  • इसे सौंपे गए एवं इसमें निहित राजमार्गों का सर्वेक्षण, विकास, रख-रखाव एवं प्रबंधन करना;
  • इसे सौंपे गए एवं इसमें निहित राजमार्गों के नजदीक या इन पर कार्यालय या वर्कशॉप्स निर्मित करना और होटल, मोटल, रेस्टोरेंट एवं विश्राम गृह बनाना एवं उनका प्रबंधन करना;
  • अपने कर्मचारियों के लिए अवासीय भवन एवं टाउनशिप बनाना;
  • राजमार्गों से सम्बद्ध मामलों पर केंद्र सरकार की सलाह देना;
  • सेवाओं और प्रदत्त लाभों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से शुल्कों का संग्रह करना;
  • दिए गए कार्यो को दक्षतापूर्वक करने के लिए कम्पनी अधिनियम, 1956 के तहत् एक या एक से अधिक कम्पनी बनाना।
  • राजमार्गों के विकास हेतु योजना के निर्माण एवं कार्यान्वयन में पूर्व निर्धारित सहमति एवं सेवा शर्तों पर राज्य सरकार को मदद करना;
  • इसको प्रदत्त किसी कार्य को करने के लिए शक्तियों का प्रयोग करना और सभी जरूरी एवं महत्वपूर्ण कदम उठाना।

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