संघ एकाइनोडर्मेटा Phylum Echinodermata

इस संघ के जंतु सामान्यतः समुद्री होते हैं तथा इनकी त्वचा पर कटिकाएँ पायी जाती हैं। त्वचा पर कटिकाएँ पाये जाने के कारण ही इस संघ का नाम एकाइनोडर्मेटा (Echinos= Spines ; Dermatos = Skin) पड़ा। एकाइनोडर्मेटा संघ का नामकरण जैकोब क्लिन (Jacob klein) नामक वैज्ञानिक ने 1738 ई. में किया। इस संघ के जन्तुओं के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं-

  • इस संघ के सभी जन्तु समुद्री (Marine) होते हैं।
  • ये सीलोमयुक्त (Coelomate) जन्तु होते हैं।
  • इनकी त्वचा के नीचे चूनेदार प्लेट (Calcareous plates) तथा कभी-कभी त्वचा के ऊपर काँटे (spines) पाये जाते हैं। ये अंतः कंकाल का निर्माण करते हैं।
  • इनमें वास्तविक देहगुहा (True coelom) पायी जाती है जो परिवर्द्धन की प्रथमावस्था में द्धिअरीय सममित (Bilaterally symmetrical) होती है और वयस्क अवस्था में अरीय सममित (Radially symmetrical) हो जाती है।
  • देहगुहा (Coelom) में तीन अन्य तंत्रों का निर्माण होता है- जलवाहक तंत्र (water vascular system) 2. हीमल तंत्र (Haemal system) 3. पेरिहीमल तंत्र (Perihaemal system)
  • जलवाहक तंत्र में मैड्रीपोराइट (Madrieporite) नामक एक छिद्रयुक्त पट्टिका होती है जिससे जल शरीर के अंदर प्रवेश करता है।
  • नलपाद (Tube feet) छोटी-छोटी खोखली रचनाएँ होती हैं जो जलवाहक तंत्र से जुड़ी रहती है इनका काम प्रचलन, भोजन ग्रहण तथा श्वसन में भाग लेना है।
  • इनमें आहारनाल प्रायः कुण्डलित (Coiled) होता है।
  • इनमें उत्सर्जन अंग नहीं पाये जाते हैं।
  • इनमें तंत्रिका तंत्र अल्प विकसित होता है।
  • इनमें नर और मादा अलग-अलग होते हैं।
  • इनमें लैंगिक प्रजनन (Sexual reproduction) होता है।
  • इनमें अंतः निषेचन (Internal fertilization) होता है।
  • इनमें परिवर्द्धन प्रत्यक्ष (Direct) या परोक्ष (Indirect) रूप में होता है।
  • जीवन चक्र में जब लावर्ग अवस्था आती है तब लार्वा रूपान्तरित होकर वयस्क में परिवर्तित हो जाता है।
  • इस संघ के जन्तुओं में पुनरुद्भवन (Regeneration) की क्षमता होती है।

उदाहरण- तारा मछली (Star fish), ब्रिटल स्टार (Brittle star), समुद्री अर्चिन (sea urchin), समुद्री खीरा (Sea cucumber), कुकुमेरिया (Cucumaria), थायोन (Thyone), एंटीडॉन (Antidon) आदि।

महत्वपूर्ण तथ्य –

  • एस्टेरियस (Asterias) को तारा मीन (star fish) कहते हैं। इसकी आकृति पंचकिरणयुक्त तारों जैसी होती है।
  • एण्टीडॉन (Antidon) को साधारणत: Feather star के नाम से जाना जाता है।
  • ऑफियोरा (Ophiura) को ब्रिटल स्टार (Brittlestar) तथा एकिनस (Echinus) को समुद्री अर्चिन (Sea urchin) के नाम से जाना जाता है।

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