राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम National Scheduled Tribes Finance and Development Corporation – NSTFDC
अनुसूचित जनजातियों के आर्थिक विकास की गति को तेज करने और उस पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और 2001 में जनजातीय मामले के मंत्रालय के तहत् राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम की स्थापना की गई। इसे कपनी अधिनियम को धारा 25 (ऐसी कंपनी जो लाभ के लिए नहीं है) के तहत लाइसेंस दिया गया। निगम की अधिसूचित शेयर पूंजी ₹ 500 करोड़ और प्रदत्त पूंजी र 280 करोड़ है।
निगम के लिए बनाए गए अधिदेश (अन्दरटेकिंग, स्वरोजगार, उद्यम/कार्य) के अनुसार ऐसे जनजातीय परिवार जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों से दोगुनी है, निगम से वित्तीय सहायता ले सकते हैं। निगम लक्षित समूह को कौशल और उद्यमिता विकास के लिए अनुदान के रूप में भी वित्तीय सहायता प्रदान करता है। वित्तीय सहायता संबद्ध मंत्रालय/राज्य सरकार और केंद्रशासित प्रदेश द्वारा नामित सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य योग्य अनुसूचित जनजातियों की आय में सुधार करना और उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। निगम लघु वनोत्पादों की खरीद/विपणन के लिए भी वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है।