आर्थिक सहयोग संगठन Economic Cooperation Organisation – ECO

यह संगठन क्षेत्रीय सहयोग के लिये दस एशियाई देशों को एक मंच पर लाता है।

मुख्यालय: तेहरान (ईरान)

सदस्यता: अफगानिस्तान, अजरबैजान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजीकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान।

सम्बद्ध सदस्य: उत्तरी साइप्रस, तुर्की गणतंत्र (The Turkish Republic of Northern Cyprus)

उत्पति एवं विकास

1965 में ईरान, पाकिस्तान और तुर्की ने आपसी आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिये क्षेत्रीय विकास सहयोग (आरसीडी) की स्थापना की। लेकिन यह संगठन अधिक कारगर प्रमाणित नहीं हुआ तथा आर्थिक सहयोग बढ़ाने की दिशा में इसकी प्रगति बहुत धीमी थी। 1985 में इसे पुनर्जीवित करके ईसीओ नाम दिया गया। अफगानिस्तान, अजरबैजान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजीकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान ने 1992 में इसकी सदस्यता ग्रहण की।

उद्देश्य


ईसीओ के प्रमुख उद्देश्य हैं- क्षेत्र के लोगों की प्रगति और कल्याण के लिए व्यापार, परिवहन, संचार, पर्यटन, सांस्कृतिक मामले तथा आर्थिक विकास में क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहन देना।

संरचना

शासनाध्यक्षों का शिखर सम्मेलन, मंत्रिपरिषद, क्षेत्रीय योजना परिषद, प्रतिनिधि परिषद और सचिवालय ईसीओ के प्रमुख अंग हैं।

शासनाध्यक्षों का शिखर सम्मेलन इसका प्रमुख नीति-निर्धारक अंग होता है। मंत्रिपरिषद की प्रतिवर्ष कम-से-कम एक बार बैठक होती है, जिसका मुख्य उद्देश्य शिखर सम्मेलन की सहायता पहुंचाना होता है। प्रतिनिधि परिषद की बैठक नियमित रूप से तेहरान में होती है। क्षेत्रीय योजना परिषद का कार्य है- सदस्य देशों की आंतरिक नीतियों और ईसीओ के उद्देश्यों में समन्वय स्थापित करना। सचिवालय का प्रमुख अधिकारी महासचिव होता है। इन प्रमुख अंगों के अतिरिक्त ईसीओ के अंतर्गत कई विशेष एजेंसियां, तकनीकी समितियां और क्षेत्रीय संस्थाएं होती हैं।

गतिविधियां

आरसीडी प्रायः प्रभावहीन था। यद्यपि ईसीओ ने 1988 में दक्षिण और पश्चिम एशिया डाक संघ और 1990 में संयुक्त वाणिज्य एवं उद्योग संघ का गठन किया, तथापि, पूर्व सोवियत संघ के विघटन और मध्य एशियाई गणतंत्रों की स्थापना के बाद ही यह कुछ महत्व अर्जित करने में सक्षम हो सका। 1992 में संपन्न शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में अधिमान्य शुल्क दर व्यवस्था प्रारंभ करने एवं इस्तांबुल में एक निवेश एवं विकास बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया गया। परिवहन, संचार, उद्योग और कृषि के आधुनिकीकरण में सहयोग स्थापित करने के संबंध में भी एक संधि हुई। 1995 में ईसीओ चार क्षेत्रीय संस्थाओं के गठन के लिये तैयार हुआ- वायु कंपनी, जलयान कंपनी, व्यापार एवं विकास बैंक तथा पुनर्बीमा कंपनी। क्वेटा कार्य योजना और इस्ताम्बुल आर्थिक सहयोग रणनीति घोषणा, 1996 में ईसीओ के दीर्घकालीन उद्देश्यों को परिभाषित किया गया है। इन उद्देश्यों के अंतर्गत 2005 तक लक्ष्यों की प्रत्यक्ष प्राप्ति की घोषणा की गई। ऊर्जा, व्यापार, परिवहन और संचार में विशेष रूप से सहयोग स्थापित करने पर ध्यान दिया गया है। लेकिन इन तथा अन्य क्षेत्रों में सफलता बहुत हद तक सदस्य देशों की आंतरिक राजनीतिक परिस्थितियों और उनके पारस्परिक राजनीतिक और सुरक्षा संबंधों पर निर्भर करती है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा, ओआईसी तथा डब्ल्यूटीओ में ईसीओ को पर्यवेक्षक संगठन का दर्जा प्राप्त है।

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