पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका साझा बाजार Common Market for Eastern and Southern Africa – COMESA

यह संगठन पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका के 20 देशों को एक मंच पर लाता है तथा इसका लक्ष्य सदस्य देशों के मध्य आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहन देता है।

मुख्यालय: लुसाका (जाम्बिया)।

सदस्यता:बुरुंडी, कोमोरोस, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, जिबूती, मिस्र, इरीट्रिया, इथोपिया, केन्या, लीविया, मेडागास्कर, मलावी, मॉरीशस, नामीबिया, रवांडा, सेशेल्स, सूडान, स्वाजीलैण्ड, युगाण्डा, जाम्बिया और जिम्बाब्वे। (अंगोला, लेसोथो, मोजाम्बिक, तंजानिया एवं नामिबिया पूर्व में सदस्य थे लेकिन विभिन्न तिथियों पर उन्होंने सदस्यता छोड़ दी)

उद्भव एवं विकास

1981 में गठित पूर्वी एवं दक्षिण अफ्रीका अधिमान्य व्यापार क्षेत्र (Preferential TradeArea for Eastern and Southern Africa-PTA) के स्थान पर 1994 में पूर्वी एवं दक्षिणी अफ्रीकी साझा बाजार (कोमेसा) अस्तित्व में आया। पीटीए का गठन 1981 में लुसाका (जाम्बिया) में कोमोरोस, जिबूती, इथोपिया, केन्या, मलावी, मॉरीशस, सोमालिया, युगांडा और जाम्बिया के मध्य हुई एक संधि के द्वारा हुआ। इसके गठन का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र संघ के ईसीए ने रखा था। बाद में 13 और देश पीटीए में सम्मिलित हुये। 1993 में कम्पाला (युगांडा) में सम्पन्न पीटीए शिखर सम्मेलन में कोमेसा गठित करने के लिये एक संधि पर हस्ताक्षर हुए। कोमेसा दिसम्बर 1994 में प्रभाव में आया।

उद्देश्य

कोमेसा के उद्देश्य हैं- सदस्य देशों के मध्य व्यापार में शुल्क (tariff) और गैर-शुल्क अवरोधों को समाप्त करके 2000 तक एक मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना करना और 2004 तक सामान्य बाह्य शुल्कों के साथ एक सीमा शुल्क संघ की स्थापना करना।


संरचना

कोमेसा के मुख्य अंग हैं- सत्ता, मंत्रिपरिषद, न्यायालय और सचिवालय।

सत्ता (Authority) कोमेसा का सर्वोच्च नीति-निर्धारक अंग है। सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष इसके सदस्य होते हैं। मंत्रिपरिषद में प्रत्येक सदस्य देश द्वारा नियुक्त मंत्री होते हैं। मंत्रिपरिषद कोमेसा की कार्यवाहियों का विश्लेषण करती है, सचिवालय का पर्यवेक्षण करती है तथा सत्ता को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करती है। न्यायालय का प्रमुख कार्य है-कोमेसा संधि की व्याख्या से उत्पन्न विवादों पर निर्णय देना। सचिवालय का प्रधान अधिकारी महासचिव होता है।

गतिविधियां

1999 तक कोमेसा अपनी शुल्क दर में 80 प्रतिशत की कटौती करने में सफल हो चुका था तथा अक्टूबर 2000 तक एक मुक्त व्यापार क्षेत्र गठित करने की ओर अग्रसर था। सभी सदस्य देश अपनी शुल्क दर को 2000 तक शून्य स्तर पर लाने के लिये प्रतिबद्ध थे। अधिकांश गैर-शुल्क दर अवरोधों (जैसे-परिमाणात्मक प्रतिबंध, लाइसेंस बाध्यता, आयात परमिट और प्रतिबंधात्मक विदेश विनिमय नियंत्रण) को 1999 तक हटा लिया गया था। व्यापार उदारीकरण और परिवहन सुविधा के फलस्वरूप कोमेसा के आंतरिक व्यापार में 15 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो रही है। कोमेसा ने पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका व्यापार एवं विकास बैंक, पुनर्बीमा कम्पनी तथा निकास गृह (Clearing House) जैसी विशिष्ट संस्थाओं का भी गठन किया है ताकि सदस्य देशों को आवश्यक वित्तीय तथा सेवा सहायता उपलब्ध हो सके।

31 अक्टूबर, 2000 को असाधारण शिखर बैठक में, मुक्त व्यापार क्षेत्र (एफटीए) प्राप्त कर लिया गया, जब नौ सदस्य देशों, नामतः जिबूती, केन्या, मेडागास्कर, मलावी, मॉरीशस, सूडान, जाम्बिया, और जिम्बाब्वे ने 1992 में अपनाई गई टैरिफ न्यूनीकरण अनुसूची के अनुरूप सीओएमईएसए-उत्पादित उत्पादों पर अपने टैरिफ को हटा दिया। इसने 1984 में शुरू व्यापार उदारीकरण कार्यक्रम की तीव्र किया। बुरुंडी और रवांडा 1 जनवरी, 2004 को एफटीए में शामिल हुए और वर्ष 2006 में कोमोरोस और लीबिया भी इससे जुड़ गए। इन एफटीए सदस्यों ने न केवल सीमाकर प्रशुल्कों को समाप्त किया अपितु मात्रात्मक प्रतिबंधों और अन्य गैर-प्रशुल्क बाधाओं को भी दूर करने का अंतिम प्रयास कर रहे हैं।

सीओएमईएसए अफ्रीकन इकोनॉमिक कम्युनिटी के स्तंभों में से एक है। वर्ष 2008 में, सीओएमईएसए, एफटीए को ईस्ट अफ्रीकन कम्युनिटी (ईएसी) और द सदर्न अफ्रीका डेवलपमेंट कम्युनिटी (एसएडीसी) दो अन्य अफ्रीकी व्यापार गुटों में विस्तारित करने पर सहमत हो गए।

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