मध्य यूरोपीय अभिक्रम Central European Initiative – CEI

मध्य एवं पूर्वी यूरोपीय देशों के पश्चिमी यूरोपीय ढांचे में विलय की दिशा में मध्य यूरोपीय अभिक्रम (Central European Initiative-CEI) को एक महत्वपूर्ण प्रयास मन जाता है।

सदस्यता: ऑस्ट्रिया, अल्बानिया, बेलारूस, बोस्निया और हर्जेगोविना, बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, इटली, हंगरी, मैसिडोनिया, मोल्दोवा, पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाक गणराज्य, स्लोवेनिया, सर्बिया, यूक्रेन और मोंटेनेग्रो।

उद्भव एवं विकास

सीईआई की कल्पना मूल रूप से मध्य यूरोप में आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग विकसित करने के उद्देश्य से की गई थी। इसका उद्भव 1989 में इटली के तत्कालीन विदेश मंत्री गियानी डी माइकलिस के प्रस्ताव के आधार पर चतुष्कोणीय (quadrangular) के रूप में हुआ। चार देशों- आस्ट्रिया, हंगरी, इटली और तत्कालीन, युगोस्लाविया के इस संगठन को सामाजिक और आर्थिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में चतुर्पक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना था। तत्कालीन चेकोस्लोवाकिया ने 1990 में इस समूह की सदस्यता ग्रहण की। अब यह संगठन चतुष्कोणीय के स्थान पर पंचकोणीय बन गया। 1991 में पोलैण्ड के सदस्य बनने के पश्चात् यह षट्कोणीय बन गया। इन षट्कोणीय राष्ट्रों ने 28 जनवरी, 1992 को विएना (ऑस्ट्रिया) में सीईआई की स्थापना की। युगोस्लाविया के विघटन के बाद बोस्निया-हर्जेगोविना, क्रोएशिया तथा स्लोवेनिया को 1992 में सीईआई की स्वतंत्र सदस्यता प्रदान की गई। 1993 में चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और मेसीडोनिया इसके पूर्ण सदस्य बने तथा 1996 में अल्बानिया, बेलारूस, बुल्गारिया, रोमानिया और यूक्रेन ने इस संगठन में प्रवेश पाया। सीईआई के भौगोलिक विस्तार में अब एड्रियाटिक, डेन्यूब तथा बाल्टिक सम्मिलित हैं।

उद्देश्य

सीईआई का उद्देश्य है-उन क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं के क्रियान्वयन में समन्वय स्थापित करना, जहां नीतियों को क्षेत्रीय दृष्टि से संगत बनाने से लाभ मिल सकता है।

संरचना


सीईआई के प्रमुख संरचनात्मक घटक हैं- राष्ट्राध्यक्षों का सम्मेलन, विदेश मंत्रियों का सम्मेलन, राष्ट्रीय समन्वय समिति तथा वरिष्ठ अधिकारी सम्पर्क समिति।

राष्ट्राध्यक्षों के सम्मेलन और विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में सहयोग के मुख्य क्षेत्रों का निर्धारण होता है। जहां राष्ट्राध्यक्षों का सम्मेलन वर्ष में एक बार होता है, वहीं विदेश मंत्रियों की बैठक प्रत्येक छह महीने के अंतराल पर होती है। राष्ट्रीय समन्वय समिति सीईआई कार्य दल तथा सदस्य देशों के बीच कड़ी का कार्य करती है, जबकि वरिष्ठ अधिकारी सम्पर्क समिति गैर-सदस्य देशों तथा अनेक स्थायी या अस्थायी कार्यदलों के मध्य संबंध स्थापित करती है।

गतिविधियां

अपनी स्थापना के आरंभिक वर्षों में सीईआई युगोस्लाविया, बोस्निया-हर्जेगोविना तथा हंगरी के आंतरिक और क्षेत्रीय द्वन्द्वों से बुरी तरह प्रभावित हुआ। उस समय इसने राजनीतिक संक्रमण, नृजातीय (ethnic) तथा अल्पसंख्यक अधिकार तथा शरणार्थियों के प्रवाह जैसे संवेदनशील और मानवीय मुद्दों पर विचार करने के लिये एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य किया।

सीईआई राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में सीमा-पार सहयोग स्थापित करने के उद्देश्य से कई अन्य संगठनों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। अवैध औषधि व्यापार और काले धन के विरुद्ध लड़ाई में समन्वय स्थापित करने के लिये एक समझौता हुआ है। सीईआई सम्पूर्ण-यूरोपीय व्यवस्था के प्रश्न पर भी रूस से सहयोग स्थापित करता है।

सीईआई देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग के उद्देश्य के साथ इसने यूरोपीय संघ के कार्यक्रमों में भागीदारी करना 2004 से शुरू कर दिया है, विशेष रूप से ईयू वित्तपोषित योजनाओं में गैर-ईयू सीईआई सदस्यों की संलग्नता पर खास ध्यान दिया गया है और सीईआई के प्रमुखता वाले क्षेत्रों में मौजूदा अनुभव को विस्तारित किया गया है। सचिवालय के कार्यों हेतु वित्तीय मदद इटली द्वारा दी जाती है। सीईआई का एक अन्य महत्वपूर्ण तत्व सीईआई के सदस्य देशों के संसद के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है जिसे सीईआई संसदीय आयाम के तौर पर जाना जाता है।

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