फाह्यान Fa-Hien

फाह्यान का यात्रा-विवरण चीनी यात्री फाह्यान ने चन्द्रगुप्त द्वितीय के राज्यकाल में सन् 400-411 ई. के बीच भारत का भ्रमण

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चन्द्रगुप्त द्वितीय: 380-413 या 415 ई. Chandragupta II 380-413 or 415 AD.

चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य को भारत के महानतम सम्राटों में से एक माना जाता है। उसकी महानता की अभिव्यक्ति कई क्षेत्रों में

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समुद्रगुप्त: 335-380 ई. Samudragupta: 335-380 AD.

चन्द्रगुप्त प्रथम के बाद उसका पुत्र समुद्रगुप्त सिंहासनारुढ़ हुआ। वह अपने पिता द्वारा उत्तराधिकारी मनोनीत था। प्रयाग प्रशस्ति से ज्ञात

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गुप्त राजवंश का उद्भव और उत्कर्ष The emergence and rise of the Gupta Dynasty

श्री गुप्त (240-280 ई.)- गुप्तों के कुल और उद्भव भूमि के साथ ही यह प्रश्न भी विवादास्पद है कि गुप्त

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गुप्तकाल Gupta period

मौर्यकाल के बाद की शताब्दियों में अनेक राज्यों के उत्थान-पतन के बावजूद साम्राज्यवादी महत्त्वकांक्षा का अंत नहीं हुआ। कुषाण साम्राज्य

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संगम काल में समाज, धर्म एवं आर्थिक व्यवस्था Society, Religion And Economics In Sangam Period

सामाजिक व्यवस्था प्राचीन तमिल समाज का स्वरूप मूलत: जनजातीय था। परन्तु कृषि क्षेत्र धीरे-धीरे परिवर्तन हो रहा था। धीरे-धीरे पुरानी

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संगम काल में राजनैतिक व्यवस्था Political System During Sangam Period

राज्य एक प्रकार के कुल राज्य संघ थे। इस प्रकार के राज्य का उल्लेख अर्थशास्त्र में भी हुआ है। संगमयुगीन

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महत्वपूर्ण संगम शासक Significant Sangam Ruler

चेर शासक संगम साहित्य से चेर शासकों पर विशेष प्रकाश पड़ता है। प्राचीन चेर राज्य में मूल रूप से उतरी

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संगम साहित्य Sangam Literature

मदुरा मंडल अथवा सम्मेलन में तमिल कवियों के सम्मेलन की चर्चा है। इसका प्रथम उल्लेख इरैयनार अगप्पोरूल (8वीं सदी) के

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संगम राज्यों का उदय Rise Of Sangam Kingdoms

ईसा पूर्व दूसरी सदी में सुदुर दक्षिण के लोग उच्च भागों में बसते थे, जो महापाषाण निर्माता कहलाते थे, उनका

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संगम काल Sangam Period

प्रायद्वीपीय भारत का धुर दक्षिणी भाग जिसे तमिलकम् प्रदेश कहा जाता था कृष्णा एवं तुगभद्रा नदियों के मध्य स्थित था।

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