गैर-प्रतिनिधि राष्ट्र एवं मानव संगठन Unrepresented Nations and Peoples Organization – UNPO

मुख्यालय: हेग (नीदरलैंड)।

सदस्यता: अबखजिया, अफ्रीकानेर, अह्वाजी,, असीरिया, बलूचिस्तान, बरोट्सलैंडं बात्वा, चीन, चिटगांग हिल ट्रैक्ट, सिरकासिया, कार्डिलेरा, क्रीमियन, ततारस, देगार-मोंटगनार्ड, ईस्ट-तुर्केस्तान, गिलकिट-बाल्टिस्तान, हरातिन, मोंग रोमानिया में हंगरियाई अल्पसंख्यक, इनेर मंगोलिया, ईरानी कुर्दिस्तान, इराकी कुर्दिस्तान, इराकी तुर्कमेन, खमेर क्रोम, कोसोवो, लेझिंग, मपुचो मोरो, नगालिम, ओगाडेन, ओगोनी, ओरोमो, रेहोबोथ बस्तर, सिंध, सोमालीलैंड, दक्षिण मोलुकास, दक्षिणी अजरबैजान, दक्षिणी कैमरून, ताइवान, तिब्बत, वहावेंडा, पश्चिम बलूचिस्तान, पश्चिम पापुआ और जंजीबार।

उद्भव एवं विकास

गैर प्रतिनिधि राष्ट्र एवं मानव संगठन (Unrepresented Nations and Peoples Organisation-UNPO) 1991 में अस्तित्व में आया। यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका गठन उन देशों और व्यक्तियों के द्वारा किया जाता है, जिनका किसी भी अंतरराष्ट्रीय संगठन (उदाहरणार्थ, संयुक्त राष्ट्र) में प्रतिनिधित्व नहीं है।

यूएनपीओ की सदस्यता के लिये आवेदक को यह प्रमाणित करना पड़ता है कि वह प्रसंविदा (Covenant) की परिभाषा के अनुरूप देश या नागरिक है। यूएनपीओ के सदस्यों के लिये इन पांच सिद्धान्तों का पालन करना आवश्यक है, जो इसके चार्टर के आधार हैं-(i) सभी देशों और लोगों को आत्म-निर्णय का समान अधिकार; (ii) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानवाधिकार मानकों का पालन; (iii) प्रजातंत्र के सिद्धांतों का पालन; (iv) अहिंसा को प्रोत्साहन, और; (v) पर्यावरण की रक्षा।

यूएनपीओ अभिसमय के अनुच्छेद 7 के अनुसार, जैसाकि अक्टूबर 2006 में संशोधित, एक राष्ट्र या लोग, अपनी प्रतिनिधि निकाय के माध्यम से, संगठन का सहभागी बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं जिसके लिए उन्हें विचार के लिए अग्रेनीत सूचना सचिवालय को भेजनी होगी-(i) राष्ट्र या लोगों का संक्षिप्त इतिह्रास; (ii) संगठन में सहभागी बनने की इच्छा का कारण; (iii) जिन लोगों का प्रतिनिधि करने का दावा किया गया है उन लोगों द्वारा इसकी प्रतिनिधि निकाय के रूप में मान्यता का पर्याप्त प्रमाण; (iv) वर्तमान अभिसमय के साथ जुड़ने की औपचारिक घोषणा और अहिंसा के सिद्धांत को स्वीकार करना; (v) प्रतिनिधि निकाय के नेतृत्व संरचना का लोकतांत्रिक चार्टर का प्रमाण; (vi) प्रतिनिधि निकाय की संविधि; और (vii) प्रतिनिधि निकाय की नवीनतम वार्षिक वित्तीय एवं क्रियाकलाप संबंधी प्रतिवेदन।

उद्देश्य


यूएनपीओ अधिकृत देशों, देशी (indigenous) मानवों, अल्पसंख्यकों तथा दलित अल्पसंख्यकों, जो अपने हारे हुये देशों को पुनः प्राप्त करने अपने सांस्कृतिक पहचानों को बनाये रखने, अपने मानवाधिकारों तथा आर्थिक अधिकारों की रक्षा करने तथा अपने पर्यावरण के बचाव के लिए संघर्षरत हैं, के लिये अंतरराष्ट्रीय मंच का कार्य करता है।

गतिविधियां

यूएनपीओ लोगों की सहायता तथा शक्ति प्रदान करता है ताकि वे स्वयं को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत कर सकें। यह राजनयिक, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून, प्रजातांत्रिक प्रक्रियाओं तथा संस्था-निर्माण, विवाद प्रबंधन एवं निदान तथा पर्यावरण सुरक्षा के क्षेत्र में व्यवसायिक सेवाओं और सुविधाओं के साथ-साथ शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करता है। यूएनपीओ के कुछ पुराने सदस्य पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करके संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता प्राप्त करने में सफल हुये, जैसे- आर्मीनिया, बेलाऊ (पलाऊ), एस्टोनिया, जॉर्जिया और लाटविया।

यूएनडीपी का वित्तीय पोषण सदस्यों, निजी प्रतिष्ठानों और स्वैच्छिक अंशदानों के माध्यम से होता है।

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