विश्व पर्यटन संगठन United Nations World Tourism Organization – UNWTO

विश्व पर्यटन संगठन की स्थापना 1925 में हेग में राजकीय पर्यटक प्रकाशन की अंतरराष्ट्रीय संगठन के तौर पर की गई। द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् इसे जेनेवा ले जाया गया और अंतरराष्ट्रीय राजकीय पर्यटन संगठन (आईयूओटीओ) के नाम से इसका पुनर्नामकरण किया गया। वर्ष 1975 में, आईयूओटीओ का विश्व पर्यटन संगठन के तौर पर फिर से नामकरण किया गया। यूएनडब्ल्यूटीओ 1976 में यूएनडीपी का एक कार्यकारी अभिकरण बना। 1977 में, यूएनडब्ल्यूटीओ ने संयुक्त राष्ट्र के साथ औपचारिक सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किए।

यूएनडब्ल्यूटीओ की सदस्यता तीन प्रकार की है-

  1. संपूर्ण सदस्यता (सभी संप्रभु राष्ट्रों के लिए);
  2. सम्बद्ध सदस्यता (ऐसे क्षेत्रों के लिए जो अपने बाह्य संबंधों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं);
  3. मान्यता प्राप्त सदस्यता (पर्यटन क्षेत्र से संबंधित संगठनों एवं अभिकरणों के लिए)।

संगठन के उद्देश्यों के तहत पर्यटन के सकारात्मक प्रभावों को विकसित करने के लिए रोजगार, सृजन, नवीन अवसंरचनात्मक अवस्थापना और विदेशी विनिमय आय जैसे उपाय शामिल हैं। इसका उद्देश्य नकारात्मक पर्यावरणीय या सामाजिक प्रभावों को भी न्यूनतम करना है।

पर्यटन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने और कार्य परियोजना तथा बजट का अनुमोदन करने के लिए महासभा उत्तरदायी है। कार्यकारी परिषद् यह सुनिश्चित करती है कि संगठन अपने कार्यों का निर्वहन बजट की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए करे। संगठन के 6 प्रादेशिक आयोग हैं-अफ्रीका, अमेरिका, पूर्वी एशिया एवं प्रशांत, यूरोप, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया। यूएनडब्ल्यूटीओ की विशिष्टीकृत समितियों के सदस्य प्रबंधन एवं कार्यक्रम सामग्री पर परामर्श देते हैं।

[नोटः दो डब्ल्यूटीओ विश्व पर्यटन संगठन एवं विश्व व्यापार संगठन-के बीच भ्रम को 1 दिसंबर, 2005 को महासभा के इस अनुमोदन के साथ कि पर्यटन संगठन के आगे संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को जोड़ा जाए; समाप्त कर दिया गया।]

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