मानव अधिवासन हेतु संयुक्त राष्ट्र केंद्र United Nations Centre for Human Settlements–UNCHS or Habitat

मानव अधिवासन हेतु संयुक्त राष्ट्र केंद्र United Nations Centre for Human Settlements–UNCHS or Habitat

इसकी स्थापना 1978 में की गयी थी। 1976 में कनाडा के बैंकूवर में मानव अधिवास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (हैबीटेट-I) का आयोजन हुआ, जिसमे मानव अधिवासन क्रिया-कलापों के संगठन एवं सुदृढ़ीकरण हेतु संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के अधीन एक विशिष्ट निकाय की अनुशंसा की गयी। इसी अनुशंसा के अंतर्गत महासभा द्वारा 1977 में आवास-निर्माण-नियोजन समिति की आर्थिक व सामाजिक परिषद के अधीन मानव अधिवास आयोग (सीएचएस) में बदल दिया गया। 1978 मे इस आयोग की सेवाएं प्रदान करने तथा इसके प्रस्तावों को लागू करने के लिए यूएनसीएचएस की स्थापना की गयी। यह केन्द्र नैरौबी में स्थित है। इसके क्रिया-कलापों में सरकारी अधिवासन व नियोजन कार्यक्रमों हेतु तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना, विशेषज्ञों की बैठकें व कार्यशालाएं आयोजित करना तथा एक भूमंडलीय सूचनातंत्र के माध्यम से सूचनाओं का वितरण करना शामिल है।

सीएचएस द्वारा इस केन्द्र को शासित किया जाता है। तकनीकी सहयोग, विकास व अनुसंधान, सूचना, दृश्य-श्रव्य एवं प्रपत्रीकरण तथा प्रशासन के लिए अलग-अलग प्रभाव मौजूद हैं। हैबीटेट एवं ह्युमेन सेटलमेंट फाउंडेशन वित्तीय स्कंध के रूप में कार्य करता है। सभी गतिविधियों का संचालन कार्यकारी निदेशक की देख-रेख में होता है।

सीएचएस द्वारा वर्ष 1987 को बेघरों के लिए आश्रय हेतु अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया गया। यूएनसीएचएस अन्य संगठनों व एजेंसियों के साथ प्रासंगिक कार्यक्रमों व गतिविधियों के सम्बंध में सामंजस्य स्थापित करता है।

1988 में सीएचएस द्वारा आश्रय हेतु भूमंडलीय रणनीति को स्वीकृति दी गयी। जून 1996 में इस्ताम्बुल में हैबीटेट-II का आयोजन हुआ, जिसे शहर शिखर सम्मेलन भी कहा जाता है। इस सम्मेलन में शहरी जीवन के पर्यावरण सुधार एवं प्रबंधन, सभी के लिए आश्रय की उपलब्धि तथा आवास अधिकारों पर अत्यधिक बल दिया गया। इस्ताम्बुल घोषणा ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विकास नीतियों व योजनाओं में मानव अधिवास के महत्व को पुनर्रेखांकित किया।

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