प्रधानमंत्री Prime Minister

संवैधानिक स्थिति Constitutional Position

संविधान की व्यवस्था के अनुसार संसदीय सरकार मेँ राष्ट्रपति नाम मात्र का कार्यकारी प्राधिकारी और प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यकारी प्राधिकारी होता है, अर्थात राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है तथा प्रधानमंत्री सरकार का। इस सन्दर्भ में निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं-

केंद्र सरकार मेँ प्रधानमंत्री की अध्यक्षता मेँ एक मंत्रिपरिषद राष्ट्रपति की सहायतार्थ और सलाह देने के लिए होगी। राष्ट्रपति अपने कार्योँ का निष्पादन इस सलाह के अनुसार करेगा।

प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।

अन्य मंत्रियोँ की नियुक्ति भी राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर की जाएगी।

मंत्रिगण राष्ट्रपति की सहमति से ही पद पर बने रह सकेंगे।

मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रुप से जिम्मेदार होगी।


मंत्रियोँ को पद और गोपनीयता की शपथ राष्ट्रपति द्वारा दिलाई जाएगी।

कोई भी मंत्री यदि निरंतर 6 माह तक संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीँ है तो वह मंत्री पद पर बना नहीँ जा सकता।

मंत्रियोँ के वेतन और भत्ते का निर्धारण संसद द्वारा किया जाएगा।

91वें संशोधन अधिनियम 2003 द्वारा दो और उपबंध जोड़े गए हैं-

मंत्रिपरिषद मेँ, प्रधानमंत्री सहित मंत्रियोँ की कुल संख्या लोकसभा सदस्योँ की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीँ होगी।

किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध संसद के किसी भी सदन का कोई सदस्य यदि दल-बदल के आधार पर अयोग्य घोषित किया जाता है। तो वह मंत्री बनने के लिए भी अयोग्य होगा।

प्रधानमंत्री की शक्तियाँ और कार्य Power and Function

प्रधानमंत्री की शक्तियाँ तथा उसके कार्य का अध्ययन निम्नलिखित शीर्षकों के तहत किया जा सकता है-

मंत्रिपरिषद के संबंध में

केंद्रीय मंत्री परिषद के प्रमुख के रुप मेँ प्रधानमंत्री को निम्नलिखित शक्तियाँ प्राप्त है-

प्रधानमंत्री उन व्यक्तियों की अनुशंसा करता है, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा मंत्री नियुक्त किया जा सकता है अर्थात प्रधानमंत्री द्वारा अनुशंसित व्यक्तियो को ही इस राष्ट्रपति मंत्री नियुक्त सकता है।

वह मंत्रियोँ मेँ विभिन्न विभागोँ का आवंटन और उनमेँ फिर बदल भी करता है।

मतभेद होने की स्थिति मेँ प्रधानमंत्री किसी मंत्री त्यागपत्र की मांग कर सकता है या राष्ट्रपति को उसे पदच्युत करने की सलाह दे सकता है।

प्रधानमंत्री मंत्री परिषद् की बैठकोँ की अध्यक्षता करता है और महत्वपूर्ण निर्णय लेता है।

प्रधानमंत्री सभी मंत्रियोँ को दिशा निर्देश देता है, और उनके कार्योँ के बीच तालमेल बनाए रखता है।

प्रधानमंत्री अपने पद से त्यागपत्र देकर मंत्रिपरिषद भंग कर सकता है।

राष्ट्रपति के संबंध मेँ

प्रधानमंत्री को इस संबंध मेँ निम्नलिखित शक्तियाँ प्राप्त हैं-

प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी है। इस रुप मेँ प्रधानमंत्री द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जाते हैँ (अनुछेद 78)-

1. वह केंद्र की प्रशासनिक कार्यवाहियों और विधानसभा से जुड़े प्रस्तावों के संबंध मेँ मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए निर्णयों से राष्ट्रपति को अवगत कराता है।

2. वह, राष्ट्रपति द्वारा मांगे पर केंद्र की कार्यवाहियों और विधान से जुड़े प्रस्तावों से सम्बंधित सुचना राष्ट्रपति को उपलब्ध कराता है।

3. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति द्वारा मांग करने पर किसी विषय विशेष को मंत्रिपरिषद के विचारार्थ प्रस्तुत करता है जिससे संबंधित निर्णय किसी मंत्री द्वारा लिया गया हो किंतु मंत्रिपरिषद ने उस विचार भी न किया हो।

प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को भारत के महान्यायवादी, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्योँ, चुनाव आयुक्तों, वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्योँ आदि महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति के मामले मेँ सलाह सुलभ कराता है।

संसद के संबंध मेँ

प्रधानमंत्री निचले सदन (लोकसभा) का नेता होता है तथा अपनी इस शक्ति के साथ निम्नलिखित कार्योँ का निष्पादन करता है-

वह संसद सत्र बुलाने और सत्रावसान के संबंध में राष्ट्रपति को सलाह देता है।

वह राष्ट्रपति से लोक सभा को भंग करने की सिफारिश किसी भी समय कर सकता है।

वह सदन पटल पर सरकार की नीतियोँ की घोषणा करता है।

अन्य शक्तियां और कार्य Other Powers and Function

प्रधानमंत्री – योजना आयोग, राष्ट्रीय विकास परिषद्, राष्ट्रीय एकता परिषद, और अंतर्राज्यीय परिषद का अध्यक्ष होता है।

वह देश विदेश की नीति तैयार करने मेँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वह केंद्र सरकार का मुख्य प्रवक्ता होता है

वह आपातकाल के दौरान राजनीतिक स्तर के संकट का प्रमुख विमोचक होता है।

राष्ट्रनेता के रुप में प्रधानमंत्री विभिन्न राज्योँ के भिन्न-भिन्न वर्ग के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं की जानकारी लेता है।

वह सत्ताधारी दल का नेता होता है।

वह सेवाओं का राजनीतिक प्रमुख होता है।

इस प्रकार प्रधानमंत्री देश की राजनीतिक प्रशासन प्रणाली मेँ अति महत्वपूर्ण और जोखिम पूर्ण भूमिका निभाता। है। डॉ. बी. आर. अंबेडकर के अनुसार ‘हमारे संविधान के तहत कोई भी कार्यकारी संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति से तुलनीय है तो वह प्रधानमंत्री है न की संघ का राष्ट्रपति’।

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