जनसंख्या Population

जनसंख्या का वैज्ञानिक या, विशेष रूप से, सांख्यिकीय अध्ययन जिसमें इसका आकार,घनत्व, संरचना, वितरण और वृद्धि शामिल है, जनांकिकीय अध्ययन कहलाता है। जनांकिकीय विशेषताओं में लिंगानुपात, साक्षरता दर और जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना भी शामिल है। भारत में,जनगणना मात्र लोगों की गिनती नहीं है; यह लोगों की विभिन्न विशेषताओं का संग्रह एवं प्रकाशन करती है। घर्म, साक्षरता, भाषा, प्रवास तथा आर्थिक गतिविधियों जैसे सामाजिक-सांस्कृतिक तथ्यों का भी संग्रह किया जाता है। ऐसी सूचनाएं भूगोलविदों के लिए प्राथमिक महत्व की होती हैं, जैसाकि ये सभी कारक संसाधनों की उपयोगिता और देश के विकास को प्रभावित करते हैं। ग्राम और कस्बे के स्तर पर मात्र जनगणना ही प्रायः प्राथमिक आकड़ों का उपलब्ध स्रोत होती हैं।

जनसंख्या आकार

भारत की जनगणना 2011 (15 वीं राष्ट्रीय जनगणना), 1 मई, 2010 को शुरू की गई। इसके फरवरी, 2011 में सम्पन्न होने के पश्चात् देश के महापंजीयक व जनगणना आयुक्त सी. चन्द्रमौलि ने देश के गृह सचिव जी.के. पिल्लै की उपस्थिति में 31 मार्च, 2011 को अनतिम आंकड़े जारी किए। वर्ष 2011 की जनगणना के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार 2001-2011 के दौरान 18.15 करोड़ से अधिक की वृद्धि के साथ भारत की जनसंख्या 1,21,01,93,422 (121.02 करोड़) आकलित की गई। इनमें 62.37 करोड़ पुरुष (51.54 प्रतिशत) और 58.64 करोड़ महिलाएं (48.46 प्रतिशत) हैं। साथ ही देश की कुल जनसंख्या में 6 वर्ष से कम उम्र की जनसंख्या का भाग 13.12 प्रतिशत है। 2001-2011 के दशक के बीच भारत की जनसंख्या में 17.64 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी (पुरुषों की 17.19 प्रतिशत और महिलाओं की 18.12 प्रतिशत) हुई है। इससे पूर्व 1981-1991 के दशक में 23.87 प्रतिशत व 1991-2001 के दशक में 21.54 प्रतिशत वृद्धि देश की जनसंख्या में हुई थी। अप्रैल 2013 में जारी किए गए अंतिम जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या 1,210,726,932 (1.21 अरब) थी, जिसमें मणिपुर राज्य के सेनापति जिले के माओ मारम, पाओमाता एवं पुरुल सबडिविजन की आकलित जनसंख्या भी शामिल है। (मणिपुर के इन सबडिविजनों की आकलित जनसंख्या को शामिल न करने पर, भारत की कुल जनसंख्या 1,210,569,573 होती है) अंतिम और अनतिम आंकड़ों के बीच 0.04 प्रतिशत का अंतर मौजूद था। वर्ष 2001 में 1,028,737,436 जनसंख्या थी। (मणिपुर राज्य के सेनापति जिले की माओ मारम, पुरुल एवं पाओमाता सबडिविजन की आकलित जनसंख्या शामिल करने पर)।

भारत, चीन के पश्चात् विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। हालांकि, दोनों देशों के बीच अंतर 2001 के 238 मिलियन से 2011 में 131 मिलियन के आस-पास रह गया। उसी समय, भारत एवं अमेरिका (जनसंख्या के संदर्भ में विश्व में तीसरे स्थान पर) के बीच यह अंतर 2001 के 740 मिलियन से बढ़कर 900 मिलियन हो गया।

यह आकलित किया गया है कि वर्ष 2030 तक भारत विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा।

भौगोलिक वितरण: जनसंख्या एवं घनत्व

जनसंख्या का वितरण क्षेत्र, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति और साथ ही खनिजों, जल और अच्छी मृदा संसाधनों का आसानीपूर्वक अवशोषणीय अस्तित्व या मौजूदगी जैसे भौतिक कारकों द्वारा प्रभावित होता है। इसके अतिरिक्त शिक्षा, रहन-सहन और आय का स्तर जैसे सामाजिक-सांस्कृतिक कारक, और सरकारी नीतियों जैसे राजनीतिक कारक भी जनसंख्या वितरण के पैटर्न को प्रभावित करते हैं। भारत में जनसंख्या का स्थानिक वितरण एकरूप नहीं है। मैदानों में अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक जनसंख्या दिखाई देती है।


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2011 में देश की कुल जनसंख्या विश्व की जनसंख्या का 17.5 प्रतिशत है। अब भारत की जनसंख्या अमेरिका, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान, बांग्लादेश और जापान की कुल जनसंख्या (1,214.3 मिलियन) के बराबर है। राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों में उत्तर प्रदेश 19.98 करोड़ लोगों के साथ सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। इसके बाद 11.23 करोड़ की जनसंख्या के साथ महाराष्ट्र का दूसरा स्थान है। वहीं सबसे कम जनसंख्या (64,473) लक्षद्वीप में है।

देश की 42 प्रतिशत के आस-पास की जनसंख्या उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान में रहती है। जबकि उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल एवं आंध्र प्रदेश ने जनसंख्या के संदर्भ में 2001 की तुलना में 2011 में सर्वोच्च पांच राज्यों में अपनी रैकिंग बनाई है। मध्य प्रदेश अपने सातवें पायदान से छठे पर आ गया है और तमिलनाडु को सातवें स्थान पर धकेल दिया है। 10 में से कम से कम 6 भारतीय इन सातों में से किसी एक राज्य में रहते हैं।

दूसरे छोर पर देखें तो सिक्किम राज्य एवं अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव तथा लक्षद्वीप में से कोई भी 10 लाख की जनसंख्या तक नहीं पहुंच पाया है, और मिलकर भारत की कुल जनसंख्या का 0.14 प्रतिशत हैं।

उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक ग्रामीण जनसंख्या 155.3 मिलियन (देश की ग्रामीण जनसंख्या का 18.6%) रहती है जबकि महाराष्ट्र में देश की सर्वाधिक शहरी जनसंख्या 50.8 मिलियन (देश की शहरी जनसंख्या का 13.5 प्रतिशत) निवास करती है।

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