तेल व वसा Oil and Fat

तेल व वसा उच्च वसीय अम्लों (Higher Fatty Acids) व असंतृप्त अम्लों के ग्लिसरॉल के साथ बनने वाले एस्टर हैं। अधिकतर तेल व वसा पामिटिक, स्टिऐरिक, व औलिइक अम्लों के ग्लिसरॉल के मिश्रण के फलस्वरूप बनते हैं। वास्तव में तेल व वसाओं में मुख्य अंतर इनकी भौतिक अवस्थाओं में पाया जाता है तथा ये दोनों एक ही वर्ग के सदस्य हैं। साधारण ताप पर जो ग्लिसराइड ठोस अवस्था में पाये जाते हैं, वसा (Fat) कहलाते हैं व जो ग्लिसराइड द्रव अवस्था में पाये जाते हैं, तेल (Oil) कहलाते हैं। तेल व वसा में अंतर उनके गलनांकों के आधार भी किया जाता है। इसके अनुसार जिन ग्लिसराइडों का गलनांक 20°C से कम होता है, वे तेल (oil) कहलाते हैं तथा जिनका गलनांक इससे अधिक होता है, वसा (Fat) कहलाते हैं।

कुछ वनस्पति तेलों जैसे खजूर का तेल आदि में असंतृप्त ग्लिसराइडों की मात्रा अधिक पायी जाती है। जब इन तेलों में हाइड्रोजन गैस किसी उचित उत्प्रेरक की उपस्थिति में प्रवाहित करते हैं, तो ये ग्लिसराइड ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं। वनस्पति घी इसी प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है। खाद्य वसा का गलनांक मानव शरीर के ताप (37°C) से कम होना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *