प्राकृतिक वनस्पति Natural Vegetation

  • भारत मेँ हिमालय तथा प्रायद्वीपीय क्षेत्रोँ मेँ स्थानिक वनस्पति पाई जाती है।
  • भारत में पाए जाने वाले पेड़-पौधों की 40 प्रतिशत जातियां तिब्बत तथा चीन से लाकर विकसित की गई हैं। इन्हें बोरियल वनस्पति कहते हैं।
  • पार्थेनियम नाम की वनस्पति भारत के विभिन्न भागोँ मेँ खूब फैली है यह एक प्रकार की घास है, जिससे स्वास्थ्य तथा चर्म रोग होते हैं।
  • जो वन जलवायु की दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं, उन्हें आरक्षित वन कहते हैं। इन वनोँ का क्षेत्रफल 54 प्रतिशत है, इसके अंतर्गत अधिकांश राष्ट्रीय पार्क एवं अभ्यारण भी आते हैं।
  • उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन अंडमान निकोबार द्वीप समूह, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा एवं पश्चिम बंगाल तथा पश्चिमी घाट की पश्चिमी ठालों पर पाए जाते हैं। ये वन आर्थिक दृष्टि से अधिक उपयोगी नहीँ हैं।
  • पौधों की जातियां एक शाखा के रुप मेँ रखी जाती हैं, जैसे बोरियल (Boreal)।
  • उष्ण कटिबंधीय शुष्क वन की लकडी बहुत मूल्यवान होती हैं, जैसे-शीशम, बबूल, कीकर महुआ, आदि।
  • डेल्टाई वनो को मैंग्रोव, दलदली अथवा ज्वारीय वन भी कहते हैं। ये वन गंगा, ब्रहमपुत्र, महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी आदि नदियों के डेल्टाओं मेँ उगते हैं।
  • हिमालय के गिरिपादों मेँ पर्णपाती प्रकार के वन पाए जाते हैं।
  • नीलगिरी, अन्नामलाई और पालनी पहाडियोँ पर शीतोष्ण कटिबंधीय वनोँ को शोला कहते हैं। मैग्नोलिया लॅारल, यूकेलिप्टस, सिनकोना, ठाठर आदि प्रमुख वृक्ष हैं। ये तेल एवं औषधि के लिए प्रयुक्त होते हैं।
  • भारत की समस्त भूमि का मात्र 20.64 प्रतिशत भाग वनाच्छादित है।
  • भारत मेँ 75,000 प्रकार के जीव जंतु तथा 2500 प्रकार की ताजे व खारे पानी की मछलियां पाई जाती हैं।
  • विश्व मेँ 45000 हजार तरह की वनस्पतियां पाई जाती हैं। इनमें से 5000 प्रकार की वनस्पतियां या सिर्फ भारत मेँ हैं।
  • भारत मेँ 23.38 % भाग पर वन हैं। वन संरक्षण नीति 1988 के तहत देश मेँ 33 % भाग पर वन होने चाहिए।
  • राष्ट्रीय कृषि आयोग ने सामाजिक वानिकी को तीन वर्गो मेँ बाटा है – शहरी वानिकी, ग्रामीण वानिकी और फॉर्म वानिकी।
  • देश मेँ 92 राष्ट्रीय उद्यान और 500 वन्य प्राणी अभ्यारण हैं और ये 1.57 करोड़ हैक्टेअर भूमि पर फैले हैं।
  • 1973 से चलाई जा रही राष्ट्रीय बाघ परियोजना के अंतर्गत कुल 33 उद्यान हैं।
  • भारत विश्व के 17 बडे पारिस्थितिकी विविधता वाले केंद्रोँ मेँ से एक है।

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