राष्ट्रीय जांच एजेंसी National Investigation Agency – NIA

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का गठन राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 के तहत् भारत में केंद्रीय आतंकवाद विरोधी कानून कार्यान्वयन एजेंसी के तौर पर किया गया।

एनआईए का उद्देश्य पूरी तरह से सर्वोच्च अंतरराष्ट्रीय मानकों वाली एक पेशेवर जांच एजेंसी बनना है। मौजूदा एवं ताकतवर आतंकी समूहों पर रोक लगाना भी इसका उद्देश्य है। इसका लक्ष्य एक ऐसा संग्रह विकसित करना है जिसमें सभी आतंकी संबंधी सूचना हो।

एनआईए अधिनियम के अनुसार, एजेंसी, को सहवर्ती अधिकार क्षेत्र है जिसमें केंद्र सरकार को अपराधों पर रोक लगाना, देश के किसी भी हिस्से में आतंकी हमलों की जांच करना, जिसमें देश की प्रभुसत्ता एवं अखंडता के लिए चुनौती, बम धमाके, वयुयानों एवं जहाजों का अपहरण, और परमाणु अवस्थापनाओं पर हमले भी शामिल हैं।

एनआईए के कार्य

  • तीव्र, त्वरित एवं प्रभावी ट्रायल सुनिश्चित करना।
  • अद्यनूतन वैज्ञानिक जांच पद्धतिका प्रयोग करते हुए अनुसूचित अपराधों की गहन पेशेवर जांच करना और इस प्रकार के मानक स्थापित करना जिससे सुनिश्चित हो कि एनआईएको सौंपे गए सभी मामले जांच लिए गए हैं।
  • वैयक्तिक गरिमा एवं मानवाधिकारों के संरक्षण को महत्व देते हुए भारत के संविधान एवं विधि के साथ पूरी तरह से पेशेवर एवं परिणामोन्मुख संगठन बनाना।
  • निरंतर एवं नियमित प्रशिक्षण द्वारा एक पेशेवर कार्यबल विकसित करना।
  • दिए गए कर्तव्य के निर्वहन के समय वैज्ञानिक प्रवृत्ति एवं विकासपरक उत्साह प्रस्तुत करना।
  • एजेंसी की गतिविधियों के प्रत्येक क्षेत्र में आधुनिक पद्धति एवं नूतन प्रविधि शामिल करना।
  • एनआईए अधिनियम के कानूनी उपबंधों से प्रासंगिक रहते हुए राज्य सरकारों एवं संघ प्रदेशों तथा अन्य विधि प्रवर्तन एजेंसियों के साथ पेशेवर एवं मधुर संबंध बनाए रखना।
  • आतंकी मामलों की जांच में सभी राज्यों एवं अन्य अन्वेषण एजेंसियों की मदद करना।
  • सभी आतंकवादी सम्बद्ध सूचनाओं का एक डाटाबेस तैयार करना और उपलब्ध डेटाबेस को राज्यों एवं अन्य एजेंसियों से साझा करना।
  • अन्य देशों में आतंकवाद संबंधी कानूनों का अध्ययन एवं विश्लेषण करना और भारत में मौजूदा कानून की पर्याप्तता का मूल्यांकन करना।
  • निस्वार्थ एवं निर्भय उद्यम द्वारा भारत के नागरिकों का विश्वास हासिल करना।

एनआईए की बाधाएं

आतंकी मामलों की जांच करने वाली भारत की अग्रणी एजेंसी की कार्यशैली एवं निष्पादन संतुष्टि प्रदायक एवं आशानुरूप नहीं रहा है। आंतरिक मामलों पर संसदीय स्थायी समिति ने एक सम्मेलन में ऐसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी के कार्यों में बाधाएं उत्पन्न करते हैं। समिति के एक सदस्य के अनुसार, एजेंसी संभार तंत्र एवं ढांचागत लिहाज से कमजोर है। इससे प्रतीत होता है कि सरकार इसे गंभीर रूप से नहीं ले रही है। ऐसी परिस्थितियों में एक विशिष्ट एजेंसी किस प्रकार कार्य कर सकती है?

एजेंसी में स्वीकृत 650 पद हैं, जबकि मात्र 450 कर्मी ही एजेंसी में हैं, इस प्रकार संस्था में मानव शक्ति की कमी है। इसके अतिरिक्त इसमें अन्य संरचनात्मक कमियां भी हैं। एजेंसी के लिए पूरे भारत से आतंकी मामलों की जांच में अनुभवी एवं दक्ष अधिकारियों को नियुक्त किया गया, लेकिन सरकार उन्हें उचित व्यवस्था एवं प्रबंध नहीं दे पा रही है। इतना ही नहीं, एजेंसी के पास स्वयं की कारों का काफिला नहीं है और आतंकी मामलों की जांच के लिए उसे किराए की टैक्सी का प्रबंध करना पड़ता है।


स्थायी समिति ने न केवल अधिक केंद्रों की आवश्यकता महसूस की अपितु सभी शाखा कार्यालयों में अधिक संसाधन मुहैया कराए जाने की जरूरत पर भी बल दिया। स्थायी समिति ने देश के अन्य हिस्सों में भी एनआईए के अधिक केंद्रों की स्थापना पर भी विचार-विमर्श किया। वर्तमान में, एनआईए का दिल्ली में मुख्यालय के अतिरिक्त मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद, केरल, लखनऊ, गुवाहाटी एवं कोच्चि में शाखा कार्यालय हैं।

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