भौतिक विज्ञान के प्रमुख नियम सिद्धांत Important Rules and Principles of Physics

नियम/सिद्धांत व्याख्या
न्यूटन के गति के नियम गति के तीन नियम हैं –
  a. प्रथम नियम- कोई भी वस्तुतब तक अपनी विरामावस्था में रहती है जब तक कि कोई बाह्य बल न आरोपित किया जाये।

b. द्वितीय नियम- संवेग में परिवर्तन की दर, आरोपित बल के समानुपाती होती है एवं परिवर्तन उसी दिशा में होता है, जिस दिशा में बल आरोपित किया जाता है।

c. तृतीय नियम- प्रत्येक क्रिया के विपरीत और बराबर प्रतिक्रिया होती है एवं भिन्न-भिन्न वस्तुओं पर क्रिया करती है। यदि वे एक ही वस्तुपर क्रिया करती हैं तो परिणामी बल शून्य होगा।

संवेग संरक्षण सिद्धांत जब दो या दो से अधिक वस्तुयें एक-दूसरे के साथ परस्पर क्रिया करती हैं एवं कोई भी बाह्य बल नहीं लग रहा होता है तो उनका कुल संवेग, सर्वदा संरक्षित रहता है। उदाहरण – राकेट की उड़ान
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम किन्हीं दो पिण्डों के बीच कार्य करने वाले बल का परिणाम, पिण्डों के द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती तथा उनकी बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
पास्कल का नियम संतुलन में द्रव का दबाव चारों तरफ बराबर होता है।
हुक का नियम प्रत्यास्थता सीमा के अन्दर प्रतिबल सदैव विकृति के समानुपाती होता है।
आर्किमिडीज का सिद्धांत किसी द्रव में डूबे किसी ठोस पर लगा उपरिमुखी बल, ठोस द्वारा हटाये गये द्रव के भार के बराबर होता है।
बॉयल का नियम किसी निश्चित तापक्रम पर किसी गैस की दी गई मात्रा का आयतन उसके दाब के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
चार्ल्स का नियम दाब नियम हो तो, गैस का आयतन तापक्रम का समानुपाती होता है।
गैसों का गतिज सिद्धांत यदि किसी को घनाकार बर्तनों में रखा जाये तो गैस का दाब, गैस के द्वारा उत्पन्न दाब के बराबर होता है, जो गैर द्वारा बर्तन की दीवार की इकाई क्षेत्रफल पर इकाई सेकेंड में उत्पन्न की जाती है।
किरचौफ का ताप नियम किसी विकिरण के लिये ऊष्मा का अच्छा शोषक, उसी विकिरण के लिये ऊष्मा का अच्छा विकिरक भी होता है। ऊष्मा की इकाई जूल है।
न्यूटन का शीलतन नियम किसी वस्तु के शीतलन की दर, उस वस्तु के औसत ताप तथा वातावरण के ताप के अंतर के अनुक्रमानुपाती होती है, बशर्ते तापमान का अन्तर कम हो। उदाहरणार्थ ठंडे मौसम एवं छिछली प्याली में किसी द्रव का जल्दी ठंडा होना न्यूटन के शीतलन नियम की पुष्टि करता है।
जूल थॉमसन प्रभाव किसी गैस के प्रवाह को किसी दबाव के अंदर किसी छिद्रयुक्त माध्यम में मुक्त रूप से फैलने दिया जाये तो गैस के तापमान में अंतर जूल-थॉमसन प्रभाव कहलाता है। यह प्रभावी शीतलन में प्रयुक्त होता है।
ऊष्मा गतिकी के नियम प्रथम नियम- एक यांत्रिक क्रिया में उत्पन्न ऊष्मा,किये गये कार्य के समानुपाती होती है। ऊष्मा गतिकी का प्रथम नियम, ऊर्जा संरक्षण नियम को दर्शाता है।

द्वितीय नियम- इस नियम के अनुसार उपलब्ध ऊष्मा के सम्पूर्ण भाग को यांत्रिक कार्य में बदलना संभव नहीं है, परन्तु इसके एक निश्चित भाग को कार्य में बदला जा सकता है। अर्थात् उष्मा अपने आप निम्न ताप की वस्तु से उच्च ताप की वस्तु की ओर प्रवाहित नहीं हो सकती।

डॉप्लर का नियम यदि ध्वनि स्रोत तथा श्रोता को मध्य सापेक्ष गति हो रही हो तो श्रोता को ध्वनि की आवृत्ति, तारत्व से भिन्न प्रतीत होती है। ध्वनि में होने वाले इस आभासी परिवर्तन की घटना को डाप्लर प्रभाव या डाप्लर का नियम कहते हैं।
कूलॉम का चुम्बकीय नियम समान आवेश परस्पर प्रतिकर्षित व असमान आवेश आकर्षित होते हैं। दो आवेशों के बीच क्रियाशील आकर्षण तथा प्रतिकर्षण का बल उनके गुणनफल के समानुपाती एवं उनके बीच की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है।
ओम का नियम यदि किसी चालक की भौतिक अवस्थायें अपरिवर्तित रहें तो उसे सिरों पर लगाये गये विभवांतर तथा उसमें प्रभावित विद्युत धारा की निष्पत्ति नियत रहती है।

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