आनुवंशिकी एवं जैव विकास से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य Important Facts Related to Genetics and Evolutionary Biology

  • जनन के समय उत्पन्न विभिन्नताएँ वंशानुगत हो सकती हैं।
  • इन विभिन्नताओं के कारण जीव की उत्तरजीविता में वृद्धि हो सकती है।
  • लैंगिक जनन वाले जीवों में एक अभिलक्षण के जीन के दो प्रतिरूप होते हैं। इन प्रतिरूपों के एक समान न होने की स्थिति में जो अभिलक्षण व्यक्त होता है, उसे प्रभावी लक्षण तथा अन्य को अप्रभावी लक्षण कहते हैं।
  • विभिन्न लक्षण किसी जीव में स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं। संतति में नए संयोग उत्पन्न होते हैं।
  • विभिन्न स्पीशीज में लिंग निर्धारण के कारण भिन्न होते हैं। मानव में संतान का लिंग इस बात पर निर्भर करता है कि पिता से मिलने वाले गुणसूत्र ‘X’ (लड़कियों के लिए) अथवा ‘Y’ (लड़कों के लिए) किस प्रकार के हैं।
  • स्पीशीज में विभिन्नताएँ उसे उत्तरजीविता के योग्य बना सकती हैं अथवा केवल आनुवंशिक विचलन में योगदान देती हैं।
  • कायिक ऊतकों में पर्यावरणीय कारकों द्वारा उत्पन्न परिवर्तन वंशानुगत नहीं होते।
  • विभिन्नता संबंधों को जीवों के वर्गीकरण में ढूंढ़ा जा सकता है।
  • काल में पीछे जाकर समान पूर्वजों की खोज से हमें अंदाजा होता है कि समय के किसी बिंदु पर अजैव पदार्थों ने जीवन की उत्पत्ति की।
  • जैव-विकास को समझने के लिए केवल वर्तमान स्पीशीज का अध्ययन पर्याप्त नहीं है, वरन् जीवाश्म अध्ययन भी आवश्यक है।
  • अस्तित्व लाभ हेतु मध्यवर्ती चरणों द्वारा जटिल अंगों का विकास हुआ।
  • जैव-विकास के समय अंग अथवा आकृति नए प्रकार्यों के लिए अनुकूलित होते हैं। उदाहरण के लिए पर, जो प्रारंभ के ऊष्णता प्रदान करने के लिए विकसित हुए थे, कालांतर में उड़ने के लिए अनुकूलित हो गए।
  • विकास को निम्न अभिरूप से उच्चतर अभिरूप की प्रगति नहीं कहा जा सकता। वरन् यह प्रतीत होता है कि विकास ने अधिक जटिल शारीरिक अभिकल्प उत्पन्न किए हैं, जबकि सरलतम शारीरिक अभिकल्प भलीभाँति अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं।
  • मानव के विकास के अध्ययन से हमें पता चलता है कि हम सभी एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं, जिसका उदय अफ्रीका में हुआ और चरणों में विश्व के विभिन्न भागों में फैला।
  • जीवों के जैव विकास के इतिहास को बायोजेनी (Biogeny) कहते हैं।
  • जावा कपि मानव के जीवाश्त को डुबोयस (Dubois) ने खोजा।
  • हेन्किंग ने सर्वप्रथम 1892 कीटों के शुक्राणु में X काय नामक रचना देखी। यह लिंग गुण सूत्र (Sex Chromosme) था।
  • मनुष्य में लगभग 50 लिंग सहलग्न जीन्स पाये जाते हैं। मनुष्य के महत्वपूर्ण X-सहलग्न जीन्स निम्नलिखित हैं-
  1. वर्णान्धता
  2. हीमोफीलिया
  3. एन्हाइड्रोटिक एक्टोडर्मा या क्रियारहित स्वेद ग्रन्थियां
  4. रतोंधी
  5. मायोपिया या निकट दृष्टिदोष
  6. नेत्रगलिक का कड़ापन (Juvenile Glaucoma)
  7. बहुअंगुलिता (Polydactyly)

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