कांच Glass

सर्वप्रथम कांच का निर्माण प्राचीन काल में मिस्र (Egypt) में हुआ था। कांच विभिन्न क्षारीय धातुओं के सिलिकेटों का एक अक्रिस्टलीय पारदर्शक या अल्प पारदर्शक समांगी मिश्रण होता है। साधारण कांच बनाने के लिए सिलिका, विरंजक पदार्थ, क्षारीय धातु के ऑक्साइड, कैल्सियम ऑक्साइड आदि पदार्थों की आवश्यकता पड़ती है। इन सभी पदार्थों में आपस में पीसकर चूर्ण में परिवर्तित करके भट्टियों में पिघलाया जाता है। जब चूर्ण पिघलकर द्रव अवस्था में परिणत हो जाता है, तो उसे द्रव कांच (Liquid Glass) कहते हैं। इस द्रव कांच को बर्तन बनाने वाले विभिन्न सांचों में डालकर धीरे-धीरे ठंडा किया जाता है। अतः अक्रिस्टलीय ठोस रूप में कांच एक अतिशीतित द्रव है।

कांच का अनीलीकरण (Annealing of Glass): कांच की बर्तन बनाने वाले विभिन्न सांचों में डालकर धीरे-धीरे शीतलन करने की प्रक्रिया को कांच का अनीलीकरण अथवा कांच का तापानुशीतलन कहते हैं।

सीमेंट का संघटन
CaO 60-70%
SiO2 20-25%
Al2O3 5-10%
Fe2O3 2-3%

 

कांच के प्रकार

  1. जल कांच (water Glass): सोडियम कार्बोनेट व सिलिका को गर्म करने पर सोडियम सिलिकेट प्राप्त होता है, जो जल में विलेय होता है। इसे जल कांच कहते हैं।
  2. फोटोक्रोमेटिक कांच (Photochromatic Glass): यह एक विशेष प्रकार का कांच होता है, जो तीव्र प्रकाश में काला हो जाता है, अतः इसका उपयोग धूप परिरक्षक के रूप में किया जाता है। सिल्वर क्लोराइड की उपस्थिति के कारण ही इस प्रकार के कांच धूप में स्वतः काला हो जाने का गुणधर्म प्राप्त करते हैं।
  3. पायरेक्स कांच (Pyrex Glass): इसे बोरोसिलिकेट कांच (Borosilicate Glass) भी कहते हैं। पायरेक्स कांच की रासायनिक चिरस्थायित्व तथा तापीय प्रघात प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है।
  4. लेड क्रिस्टल कांच (Lead Crystal Glass): लेड क्रिस्टल कांच निर्मित वस्तुओं की सतहों को अलंकारिक ढंग से काटने पर इन सतहों से प्रकाश का परावर्तन प्रचुर मात्रा में होता है। फलस्वरूप इस प्रकार के कर्तित कांच अद्भुत झिलमिलाहट पैदा करते हैं।
  5. सोडा कांच (Soda Glass): सोडा कांच भंगुर होता है, जिस कारण यह सुगमतापूर्वक टूट जाता है, साथ ही साथ ताप में अचानक परिवर्तनों के फलस्वरूप इनमें दरारें भी पड़ जाती हैं। यह सबसे सस्ता व सर्वनिष्ठ कांच होता है। सोडा कांच को मृदु कांच या Soft Glass भी कहते हैं।
  6. जेना कांच (Xena Glass): यह सर्वोत्तम श्रेणी का कांच होता है। रासायनिक पात्रों को बनाने व अन्य वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह र्जिक तथा बेरियम बोरो सिलिकेट का मिश्रण होता है।
  7. फ्लिण्ट कांच (Flint Glass): यह मुख्य रूप से सोडियम, पोटैशियम एवं लेड सिलिकेटों का मिश्रण होता है। इसका उपयोग उत्तम कलात्मक वस्तुओं एवं कांच के महँगे उपकरणों के निर्माण में होता है। इससे बिजली के बल्ब, दूरबीन, सूक्ष्मदर्शी, कैमरों आदि के लेंस एवं प्रिज्म बनाये जाते हैं।
  8. क्राउन कांच (Crown Glass): यह सामान्यतः सोडा-चूना सिलिका कांच है। इसके उपयोग से चश्मों के लेंस बनाए जाते हैं।
  9. क्रुक्स कांच (Crookes Glass): इस कांच में सिरियम ऑक्साइड (CeO2) मिला रहता है, जो हानिकारक पराबैंगनी किरणों को शोषित कर लेता है। इस कारण इससे चश्मों के लेंस बनाए जाते हैं।
  10. क्वार्ट्ज कांच (Quartz Glass): इसे सिलिका कांच भी कहते है। इसे सिलिका को पिघलाकर प्राप्त किया जाता है। इसमें से पराबैंगनी किरणे निकल जाती हैं। अतएव यह पराबैंगनी लैम्पों के बल्ब बनाने एवं रासायनिक अभिकर्मकों को रखने के लिए पात्र बनाने के काम आता है। इसका उपयोग प्रयोगशाला उपकरणों के बनाने में भी होता है।

नोट:

  • कांच में क्यूलेट (Cullet) मिला देने से गलने में सुविधा होती है।
  • कांच को कठोर बनाने के लिए पोटैशियम क्लोराइड का उपयोग करते हैं।
  • कांच की न तो किसी प्रकार की क्रिस्टलीय संरचनr होती है और न ही उसका कोई निश्चित गलनांक होता है।
  • कांच का कोई निश्चित रासायनिक संघटन या सूत्र नहीं होता है, क्योंकि कांच एक प्रकार का मिश्रण है।
  • ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग दूरसंचार एवं शल्य-क्रियाओं (Endoscopy) में होता है।
प्रमुख कांच, उनके संघटन एवं उपयोग
कांच संघटन उपयोग
1. सोडा कांच (soda glass) सोडियम कार्बोनेट, कैल्सियम कार्बोनेट व सिलिका ट्यूबलाईट, बोतलें, प्रयोगशाला के उपकरण, व दैनिक प्रयोग के बर्तन
2. फिलण्ट कांच (Flint glass) पोटैशियम कार्बोनेट, ऑक्साइड व सिलिका लेड विद्युत् बल्ब, कैमरा व दूरबीन के लेंस
3. क्रुक्स कांच (Crooks glass) सिरियम ऑक्साइड व सिलिका धूप-चश्मों के लेंस
4. पोटाश कांच (Potash glass) पोटैशियम कार्बोनेट, कैल्सियम कार्बोनेट व सिलिका अधिक ताप तक गर्म किये जाने वाले कांच के बर्तन व प्रयोगशाला उपकरण
5. पाइरेक्स कांच (Pyrex glass) बेरियम सिलिकेट व सोडियम सिलिकेट प्रयोगशाला उपकरण एवं फॉर्मास्यूटिकल पात्र
6. क्राउन कांच (Crown glass) पोटैशियम ऑक्साइड बेरियम ऑक्साइड व सिलिका चश्मों के लेंस
7. सीसा क्रिस्टल कांच (Lead crystal glass) पोटैशियम कार्बोनेट, ऑक्साइड व सिलिका लेड महँगे कांच पात्र

 

कांच में रंग देने वाले पदार्थ: संगलित कांचों में धात्विक ऑक्साइडों जैसे कुछ योगशील पदार्थों (Additives) को मिश्रित करके रंगीन कांच प्राप्त किया जाता है। भिन्न-भिन्न योगशील पदार्थ अलग अलग रंग के कांच उत्पन्न करते हैं। उदाहरणार्थ; फेरिक ऑक्साइड मिश्रित करने के फलस्वरूप भूरे रंग का कांच प्राप्त होता है। इसी प्रकार क्रोमिक ऑक्साइड, मैंगनीज डाइऑक्साइड एवं कोबाल्ट ऑक्साइड को अलग-अलग संगलित कांचों में मिश्रित करने के फलस्वरूप क्रमशः हरे, लाल एवं नीले रंगों के कांच प्राप्त होते हैं। कांच में रंग देने के लिए उसमें अल्प मात्रा में धातुओं के यौगिक मिलाए जाते हैं। धात्विक यौगिक का चुनाव वांछित रंग पर निर्भर करता है।


रंग देने वाले पदार्थ कांच का रंग
1. कोबाल्ट ऑक्साइड गहरा नीला
2. सोडियम क्रोमेट या फेरस ऑक्साइड हरा
3. सिलेनियम ऑक्साइड नारंगी लाल
4. फेरिक लवण या सोडियम यूरेनेट प्रतिदिप्तिशील पीला
5. गोल्ड क्लोराइड या परपिल ऑफ कासियस रूबी जैसा लाल
6. क्यूप्रस ऑक्साइड, कैडमियम सल्फाइड चटक लाल
7. क्यूप्रिक लवण पीकॉक नीला
8. पोटैशियम डाइक्रोमेट हरा और हरा पीला
9. मैंगनीज डाइऑक्साइड बैंगनी से हल्का गुलाबी
10. क्यूप्रस लवण लाल
11. कैडमियम सल्फाइड नींबू जैसा पीला
12. कार्बन कहरूवा

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