लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पी.ए. संगमा निधन Former Lok Sabha Speaker P.A. Sangma Passes Away

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा (Purno Agitok Sangma) का 4 मार्च, 2016 को हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया है। वह 68 साल के थे।

श्री संगमा दिग्गज सांसद और कुशल प्रशासक थे जिन्होंने विभिन्न परिस्थितियों में देश की सेवा की थी। आठ बार लोकसभा सदस्य और मेघालय के मुख्यमंत्री रहे श्री संगमा ने मेघालय के कई क्षेत्रों में तेजी से विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सह-संस्थापक हैं। संगमा 11वीं लोकसभा में स्पीकर चुने गए थे। वे आठ बार लोकसभा-सदस्य रह चुके हैं। फरवरी, 1995 में संगमा को कैबिनेट स्तर का मंत्री बनाया गया। इस स्तर पर पहुंचने वाले वह पहले आदिवासी व्यक्ति थे।

सोनिया गांधी के नेतृत्व को चुनौती देने के कारण उन्हें शरद पवार और तारिक अनवर के साथ कांग्रेस पार्टी से 1999 में निकाल दिया गया था। संगमा नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से थे, हालांकि बाद में शरद पवार से मतभेदों के चलते उन्होंने अलग पार्टी नैशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) बना ली थी। वाजपेयी सरकार के समय गठित किए गए संविधान समीक्षा आयोग में भी संगमा एक सदस्य थे।

संगमा के परिवार में उनकी पत्नी सारोदिनी, बेटे कोनराड और जेम्स और बेटी अगाथा हैं। कोनराड मेघालय के पूर्व वित्त मंत्री हैं, जेम्स एक निवर्तमान विधायक हैं और अगाथा 2009 में मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल की सबसे युवा मंत्री बनी थीं।

पी. ए. संगमा ने सन 2012 में भारत के राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ा जिसमें वह प्रणब मुखर्जी से हार गये।

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष, केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री, केन्द्रीय राज्यमंत्री और केन्द्रीय उपमंत्री के तौर पर उनकी विशिष्ट सेवाएं हमेशा याद रखी जाएंगी।


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