पुनर्निर्माण एवं विकास हेतु यूरोपीय बैंक European Bank for Reconstruction and Development – EBRD

यह बैंक मध्य एवं पूर्वी यूरोपीय देशों तथा भूतपूर्व सोवियत राज्यों की परियोजनाओं और निवेश कार्यक्रमों के वित्तीय पोषण को सरल बनाता है।

औपचारिक नाम: बैंके यूरोपिनी पोउर ला रिकंस्ट्रक्शन एट ला डेवलपमेंट (Banque Europeenne pour la Reconstructionet la Developpement–BERD)।

मुख्यालय: लंदन (यूनाइटेड किंगडम)।

सदस्यता: 64 देश, यूरोपीय संघ और यूरोपीय निवेश बैंक।

उद्भव

पुनर्निर्माण एवं विकास हेतु यूरोपीय बैंक (European Bank for Reconstruction and Development-EBRD) की स्थापना 1990 में पश्चिमी और पूर्वी यूरोपीय देशों तथा गैर-यूरोपीय प्रमुख आर्थिक शक्तियों के द्वारा एक संधि पर हस्ताक्षर के साथ हुई। बैंक का उद्घाटन 15 अप्रैल, 1991 को हुआ।

2006 में ईबीआरडी ने बताया कि वह 2010 तक बाल्टिक और मध्य यूरोपीय राष्ट्रों में विस्तार 2010 में, महामंदी के कारण, इस प्रक्रिया को 2015 तक स्थगित कर दिया गया।


उद्देश्य

इस बैंक का मुख्य उद्देश्य मध्य एवं पूर्वी यूरोपीय देशों (पूर्व सोवियत राज्यों तथा यूगोस्लाविया सहित) में, जो बहुदलीय प्रजातंत्र, बहुलवाद तथा बाजार अर्थव्यवस्था के प्रति समर्पित हैं, निजी एवं उद्यमशील अभिक्रम (initiative) को प्रोत्साहन देना है। बैंक ऐसे देशों को, जो बहुदलीय प्रजातंत्र और बाजार अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों का सम्मान करते हैं तथा उन पर अमल करते हैं, सलाह, ऋण, सहभागिता निवेश और ऋण गांरटी प्रदान करता है।

सरंचना

गवर्नर बोर्ड को पूर्ण प्रबंधकीय अधिकार प्राप्त हैं। इसके अध्यक्ष को चार वर्षों के लिये चुना जाता है। निदेशक बोर्ड में कुल 23 निदेशक होते हैं। इन निदेशकों को तीन वर्षों के लिये चुना जाता है। निदेशक बोर्ड बैंक के दैनिक कार्यक्रमों का पर्यवेक्षण करता है।

गतिविधियां

ईबीआरडी की 1991 का नीति-प्रपत्र (policy statement) इन बातों पर बल देता है-मौलिक ढांचे के सृजन और मजबूती में सहायक सिद्ध होने वाले कार्यक्रम; वित्तीय क्षेत्र का निजीकरण और सुधार (पूंजी बाजार के विकास और व्यावसायिक बैंकों के निजीकरण सहित); लघु और मध्यम आकार वाले निजी उद्यमों, कृषि और सेवाओं में सृजनात्मक प्रतिस्पर्द्धा का विकास; औद्योगिक क्षेत्रों को स्पर्द्धात्मिक आधार प्रदान करने के लिए उनका पुनर्गठन; विदेशी निवेश को प्रोत्साहन, तथा; स्थायी एवं पर्यावरण की दृष्टि से स्वस्थ विकास को प्रोत्साहन। ईबीआरडी मुख्यतया तकनीकी सहयोग से जुड़ी परियोजनाओं से संबंध रखता है। 1996 की वार्षिक बैठक में बैंक की अभिदत्त (subscribed) पूंजी को दोगुणा करने का निर्णय लिया गया।

बैंक के निधिकरण (funding) नियमों के अनुसार, बैंक की कुल निधि का कम-से-कम 60 प्रतिशत उन निजी या सरकारी उपक्रमों के लिए निर्दिष्ट होगा, जो निजी नियंत्रण/स्वामित्व स्थापित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं, तथा; अधिकतम 40 प्रतिशत लोक/सरकारी मौलिक सरंचनाओं या अन्य परियोजनाओं के लिये निर्दिष्ट होगा। बैंक धनराशि का आवंटन बाजार दर के आधार पर करता है न की सहायता (subsidised) या रियायती (concessionary) आधार पर।

आलोचना: कुछ गैर-सरकारी संगठन इस बात की ईबीआरडी की आलोचना करते हैं कि जिन परियोजनाओं को वह पर्यावरणीय और सामाजिक तौर पर नुकसानदेह मानते हैं, ईबीआरडी उनका वित्तपोषण करता है। यद्यपि इसने ऊर्जा दक्षता और सतत् ऊर्जा के क्षेत्र में, हाल के वर्षों में, अपने निवेश को बढ़ाया है। एनजीओ का मानना है कि कोयला, तेल एवं गैस उत्पादन, परिवहन एवं सृजन, मोटरमार्गों एवं वायुपत्तनों जैसे कार्बन-गहन विकास के वित्तपोषण द्वारा बैंक इन ग्रीन निवेशों के प्रभाव को निरंतर क्षीण कर रहा है। इन विरोधी परियोजनाओं में क्रोएशिया में ओम्बला पावर प्लांट, मंगोलिया में कमटीर गोल्ड माइन्स, और स्लोवेनिया में सोस्तांज लिग्नाइट, पावर प्लांट शामिल हैं।

गैर-सरकारी संगठन ईबीआरडी की इस बात के लिए भी आलोचना करते हैं कि इसने अपने मुख्य अभियानों में प्रगति नहीं दिखाई है और मुक्त एवं लोकतांत्रिक बाजार अर्थव्यवस्थाओं के प्रति संक्रमण की गति बेहद धीमी रही है। उदाहरणार्थ, ईबीआरडी के 67 प्रतिशत लोगों का अपने देशों में प्रचालन यह संकेत करता है कि भ्रष्टाचार 1989 की तुलना में 2006 में भी मात्रात्मक रूप से उतना ही और बेहद भयानक बना हुआ था।

ईबीआरडी द्वारा वित्तपोषित क्षेत्रों में शामिल हैं- कृषि आधारित उद्योग, ऊर्जा दक्षता, वित्तीय संसथान निर्माण, नगर अवसंरचना, जिसे लोक निर्माण (जिसमे परिवहन, विद्यालय, जलापूर्ति, अपशिष्ट निपटान, एवं प्रदूषण नियंत्रण सेवाएं आती हैं) के नाम से भी जाना जाता है, प्राकृतिक संसाधन, ऊर्जा एवं शक्ति, संपदा, पर्यटन, दूरसंचार, सूचना-प्रौद्योगिकी।

1991 में इसकी स्थापना के समय से, अभी तक मात्र चेक गणराज्य ही उधारकर्ता से हिस्सेदार (शेयरहोल्डर) बन पाया है।

गैर-सरकारी संगठन यूरोप परिषद् (कौंसिल ऑफ यूरोप) के आईएनजीओ कॉफ्रेंस में भागीदारी कर सकते हैं। चूंकि 19 नवम्बर, 2003 को मंत्रियों की समिति ने एक प्रस्ताव स्वीकार किया, जिससे उन्हें ‘पार्टिसिपेटरी दर्जा दिया गया।

स्ट्रॉसबर्ग में अपने मुख्यालय के अतिरिक्त कौंसिल ऑफ यूरोप अन्य शहरों एवं देशों में भी मौजूद है। कौंसिल ऑफ यूरोप डेवलपमेंट बैंक की पेरिस में सीट है। कौंसिल ऑफ यूरोप का उत्तर-दक्षिण केंद्र लिस्वन (पुर्तगाल) में, और आधुनिक भाषा केंद्र ग्रेज (ऑस्ट्रेलिया) में है। यूरोपियन यूथ सेंटर बुडापेस्ट (हंगरी) और स्ट्रॉसबर्ग में है।

निरंतर बजट की कमी के चलते, यूरोपीय परिषद् ने अपनी कई सारी गतिविधियों में महत्वपूर्ण कटौती की हैं, और इस प्रकार वर्ष 2011 से कई कर्मचारियों की छंटनी की है। यह निश्चित रूप से स्ट्रॉसबर्ग शहर की अर्थव्यवस्था को उल्लेखनीय रूप से प्रभावित करेगा, जहां कुल 2,321 लोग (1 जनवरी 2010 को) कौंसिल ऑफ यूरोप के लिए वेतन पर काम कर रहे हैं। विदेशों के अधिकतर कार्यालयों के बंद हो जाने की भी संभावना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *