पदार्थ के अवयवी कण: अणु और परमाणु Elemental Particles of Matter: Molecules and Atoms

अणु (Molecule): किसी पदार्थ (तत्व या यौगिक) का वह सूक्ष्मतम कण जो स्वतंत्र अवस्था में रह सकता है, परन्तु रासायनिक अभिक्रियाओं (प्रतिक्रियाओं) में भाग नहीं ले सकता है, तथा जिसमें उस पदार्थ के सभी गुण विद्यमान रहते हैं, अणु कहलाता है।

एक पदार्थ के सभी अणु हर प्रकार (द्रव्यमान, आकार, गुण आदि) से एक-दूसरे के सदृश होते हैं। इसके विपरीत, किन्हीं दो पदार्थों के अणु एक-दूसरे से सर्वथा भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए, जल (H2O) के सभी अणु सदृश होते हैं। जल के प्रत्येक अणु का सापेक्ष द्रव्यमान 18 होता है। इसके अणुओं के भौतिक एवं रासायनिक गुण, इनके आकार आदि पूर्णतया समरूप होते हैं। इसी प्रकार नमक (NaCI) के सभी अणु सदृश होते हैं। नमक के प्रत्येक अणु का सापेक्ष द्रव्यमान 58.5 होता है तथा इसके सभी अणु आकार, गुण आदि में सदृश होते हैं, परन्तु जल के अणु तथा नमक के अणु एक-दूसरे से पूर्णतया भिन्न होते हैं।

अणुओं के बीच लगने वाले आकर्षण बल को अंतर आण्विक आकर्षण बल कहा जाता है। इसी बल के कारण पदार्थ के अनगिनत अणु ठोस एवं द्रव अवस्था में एक साथ जुड़े रहते हैं, परन्तु, पदार्थ को गैसीय अवस्था में बदल देने पर प्रत्येक अणु एक दूसरे से अलग हो जाते हैं।

अणु दो प्रकार के होते हैं: तत्व के अणु एवं यौगिक के अणु। जब एक ही तत्व के एक से अधिक परमाणु मिलकर उसके सूक्ष्मतम स्वतंत्र कणों का निर्माण करते हैं, तो ये कण तत्व के अणु कहलाते हैं। उदाहरण के लिए- हाइड्रोजन का अणु (H2) हाइड्रोजन के दो परमाणुओं से मिलकर बना होता है। जब एक से अधिक तत्वों के परमाणु परस्पर मिलकर सूक्ष्मतम स्वतंत्र कणों का निर्माण करते हैं, तो ये कण यौगिक के अणु कहलाते हैं। उदाहरण के लिए, मिथेन (CH4) का प्रत्येक अणु कार्बन के एक परमाणु तथा हाइड्रोजन के चार परमाणुओं से मिलकर बना होता है।

परमाणु (Atom): किसी पदार्थ (तत्व) का वह संभव सूक्ष्मतम कण जो स्वतंत्र अवस्था में नहीं रह सकता है, परन्तु रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेता है तथा जिसमें उस पदार्थ के सभी गुण विद्यमान रहते हैं, परमाणु कहलाता है।

डाल्टन के अनुसार परमाणु अविभाज्य था, परन्तु आधुनिक आविष्कारों से यह ज्ञात हो चुका है कि परमाणु भी सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है, जिनमें इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन मुख्य हैं। किसी तत्व के सभी परमाणु समरूप एवं सदृश होते हैं, किन्तु वे दूसरे तत्व के परमाणुओं से बिल्कुल भिन्न होते हैं। एक तत्व के परमाणु का भार भी दूसरे तत्व के परमाणु के भार से भिन्न होता है। उदाहरण के लिए, हाइड्रोजन के सभी परमाणु समरूप एवं सदृश होते हैं और कार्बन के सभी परमाणु समरूप एवं सदृश होते हैं, किन्तु हाइड्रोजन और कार्बन के परमाणु एक दूसरे से पूर्ण रूप से भिन्न होते हैं।


परमाणु द्रव्यमान इकाई एवं मोल संकल्पना


परमाणु द्रव्यमान इकाई (AtomicMass Unit): कार्बन (जिसका परमाणु द्रव्यमान 12 होता है) के एक परमाणु के द्रव्यमान के 12वें भाग को परमाणु द्रव्यमान इकाई कहते हैं।

परमाणु द्रव्यमान (Atomic Mass): किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान एक संख्या है, जो यह बतलाती है कि उस तत्व के एक परमाणु का द्रव्यमान कार्बन (परमाणु द्रव्यमान =12) के एक परमाणु के द्रव्यमान के 12वें भाग से कितना गुना भारी है।

मोल (Mole): मोल किसी पदार्थ के परमाणु, अणु अथवा आयन की निश्चित संख्या को व्यक्त करता है। यह संख्या 6.022 × 1023 है। संख्या 6.022 × 1023 जो मोल को प्रकट करता है, को एवोगाड्रो संख्या भी कहते हैं। अतः मोल पदार्थ के कणों की एवोगाड्रो संख्या भी व्यक्त करता है।

एवोगाड्रो संख्या (Avogadro Number): किसी तत्व के एक ग्राम परमाणु (1 मोल) में उपस्थित परमाणुओं की संख्या 6.022 × 1023 होती है या किसी पदार्थ (तत्व या यौगिक) के 1 ग्राम अणु (1 मोल) में उपस्थित अणुओं की संख्या भी इतनी ही अर्थात् 6.022 × 1023 होती है। इस संख्या को एवोगाड्रो संख्या कहते हैं। इसे प्रायः N द्वारा सूचित किया जाता है। अत: N = 6.022 × 1023

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