भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभिसमय Convention against Corruption – UNCAC

संयुक्त राष्ट्र ने जबरदस्त भ्रष्टाचार-रोधी संधि को जिसे भ्रष्टाचार अभिसमय के नाम से जाना जाता है, नवम्बर 2003 में अपनाया।

सहमति से महासभा के 191 सदस्यों द्वारा अपनाई गई संधि ने इसकी पुष्टि करने वाले देशों के लिए यह आवश्यक कर दिया कि वे चोरी की गई संपत्तियों एवं नियम विरुद्ध रिश्वत को वापिस करे और राजनेताओं को प्रचार अभियानों पर होने वाले खर्चे की घोषणा करने की कहे। संधि ने लोक वित्त के गबन को और मनी लांड्रिग को आपराधिक घोषित किया। दो वर्ष के तैयार करने के समय में, 30 सरकारों द्वारा पुष्टि करने के बाद संधि 90 दिनों में प्रवृत्त हो जाएगी। इसे मैक्सिको में 9 से 11 दिसंबर, 2003 तक हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया गया।

इसने प्रावधान किया कि भ्रष्टाचार के समर्थन में अधिनियम या जो भ्रष्टाचार अन्वेषण में न्याय को बाधित करता है, को भी अपराध समझा जाना चाहिए और अभिसमय के सहभागियों की भ्रष्टाचार आरोपों की जांच में सहयोग करने की कहा गया तथा दोषियों के अभियोग तय करने को कहा गया। इसके अतिरिक्त, इसने निजी एवं सार्वजनिक दोनों ही क्षेत्रों में भ्रष्टाचार को रोकने के उपायों की व्यापक किया।

संयुक्त राज्य अमेरिका, जिसने संधि का समर्थन आंतकवादी समूहों द्वारा मनी लांड्रिंग के खिलाफ हथियार के तौर पर इसका समर्थन किया, ने सफलतापूर्वक तर्क दिया कि निजी उद्योग द्वारा रिश्वत पर अनिवार्य रूप से प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।

यह अभिसमय एक अन्य उपकरण यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन अगेंस्ट ट्रांसनेशनल ऑर्गेनाइज्ड क्राइम के पूरक के तौर पर सिद्ध हुआ, जो अक्टूबर 2003 में लागू हुआ।

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