चीन के नेतृत्व एआईआईबी विकास बैंक की आधिकारिक तौर पर शुरूआत China-Led AIIB Development Bank Officially Launched

चीन के नेतृत्व वाले एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) की शनिवार को औपचारिक शुरुआत हो गई। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इसका उद्घाटन किया। भारत सहित 57 देश इसके संस्थापक सदस्य हैं। भारत की ओर से वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव दिनेश शर्मा ने भारतीय दल का प्रतिनिधित्व किया।

एआईआईबी की औपचारिक स्थापना 25 दिसंबर, 2015 को हुई थी। चीन के वित्त मंत्री लू जिवेई को आईआईबी परिषद का पहला चेयरमैन व पूर्व वित्त मंत्री जिन लीकुन को प्रेसीडेंट चुना गया था। बैंक का मुख्यालय बीजिंग में है और यह ऊर्जा, परिवहन, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निवेश करेगा।

ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के साथ एआईआईबी इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में फाइनेंसिंग का दायरा बढ़ाएगा। इसे विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के प्रतिस्पर्धी के तौर पर देखा जा रहा है।

समझौते के मुताबिक एआईआईबी की प्राधिकृत पूंजी 100 अरब डालर होगी। इस समूची पूंजी में एशियाई देशों की भागीदारी 75 प्रतिशत होगी। समझौते के मुताबिक हर सदस्य को उनके आर्थिक आकार के आधार पर कोटा आवंटित किया जाएगा।

चीन, भारत और रूस इसमें तीन सबसे बड़े हिस्सेदार हैं। बैंक में चीन की 30.34 फीसद, भारत की 8.52 फीसद और रूस की 6.66 फीसद हिस्सेदारी है। इनकी वोटिंग हिस्सेदारी क्रमशः 26.06 फीसद, 7.5 फीसद और 5.92 फीसद है। शेयरहोल्डिंग पैटर्न के आधार पर भारत को वाइस प्रेसीडेंट पद मिलने की उम्मीद है।

 भारत समेत 50 संस्थापक देशों के प्रतिनिधियों ने चीन के नेतृत्व वाले 100 अरब डालर के बहुपक्षीय एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) की स्थापना से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस 60 अनुच्छेदों वाले समझौते में हर सदस्य की हिस्सेदारी और बैंक संचालन ढांचे तथा नीति निर्माण प्रणाली का ब्योरा है जिसकी स्थापना बुनियादी ढांचा क्षेत्र को ऋण देने के लिए की गई है। इन 50 संस्थापक देशों के शिष्टमंडल यहां गेट्र हॉल आफ द पीपुल में समझौते पर हस्ताक्षर के लिये आयोजित समारोह में एकत्रित हुए। आस्ट्रेलिया इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पहला देश रहा जिसके बाद 49 अन्य सदस्यों ने हस्ताक्षर किये। सात अन्य देश साल के अंत तक हस्ताक्षर करेंगे। अमेरिका और जापान इस बैंक में शामिल नहीं है।

एआईआईबी का प्रस्ताव अक्तूबर 2013 में चीन के राष्ट्रप्ति शी चिनफिंग ने किया था। साल भर बाद चीन, भारत, मलेशिया, पाकिस्तान और सिंगापुर समेत 21 एशियाई देशों ने इस बैंक की स्थापना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।


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