केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण Central Zoo Authority – CZA

भारत में, चिड़ियाघरों के कृत्यों का विनियमन वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत गठित केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। प्राधिकरण में एक अध्यक्ष, दस सदस्य एवं एक सदस्य सचिव होता है। प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य वन्य जीव के संरक्षण में राष्ट्रीय प्रयास को पूरा करना है।

प्राधिकरण की भूमिका विनियामक की अपेक्षा सुसाध्य बनाने की है। इसलिए, यह ऐसे चिड़ियाघरों को तकनीकी एवं वित्तीय मदद प्रदान करता है जिनमें वन्य जीव प्रबंधन के इच्छित मानक प्राप्त करने की क्षमता है।

प्राधिकरण ने इसके गठन के समय से कुछ मुख्य कदम उठाए हैं जिसमें जैव-प्रौद्योगिकी में अनुसंधान जारी रखने के लिए हैदराबाद में संकटापन्न जीवों के संरक्षण हेतु एक प्रयोगशाला की स्थापना करना, लाल पांडा की नियोजित प्रजनन एवं वनों में इसकी संख्या फिर से सामान्य करना, कुछ खास पशु संस्थानों में रोगों की पहचान हेतु रोग पहचान सुविधाओं का उन्नयन करना।

प्राधिकरण के कृत्य

  • चिड़ियाघर में रखे जाने वाले जीवों की देखभाल के लिए उनके आवासों के न्यूनतम मानकों को विशिष्टीकृत करना
  • संस्तुत मानकों एवंमापदंडों के संदर्भ में चिड़ियाघरों के कार्यकरण का मूल्यांकन एवं आकलन करना
  • चिड़ियाघरों को मान्यता प्रदान करना या उनकी मान्यता रद्द करना
  • निरंतर संकटापन्न जीवों के प्रजनन के उद्देश्य को पूरा करने हेतु उनकी पहचान करना और इसकी जिम्मेदारी चिड़ियाघर को सौंपना
  • प्रजनन उद्देश्य हेतु पशुओं के प्रापण, विनिमय, एवं लोनिंग का समन्वय करना
  • चिड़ियाघर में रखे गए जानवरों के प्रदर्शन से सम्बद्ध प्राथमिकताओं एवं थीम्स की पहचान करना
  • भारत में एवं भारत के बाहर चिड़ियाघर कार्मिकों के प्रशिक्षण का समन्वय करना
  • चिड़ियाघरों के उद्देश्य से संरक्षा प्रजनन और शैक्षिक कार्यक्रमों म अनुसधान का समन्वय करना।

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