भारत का संविधान – भाग 22 संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिंदी में प्राधिकॄत पाठ और निरसन

भाग 22

संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, [1][हिंदी में प्राधिकॄत पाठ] और निरसन

393. संक्षिप्त नाम–इस संविधान का संक्षिप्त नाम भारत का संविधान है ।

394. प्रारंभ–यह अनुच्छेद और अनुच्छेद 5, 6, 7, 8,9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392 और 393 तुरंत प्रवॄत्त होंगे और इस संविधान के शेष उपबंध 26 जनवरी, 1950 को प्रवॄत्त होंगे जो दिन इस संविधान में इस संविधान के प्रारंभ के रूप  में निर्दिष्ट किया गया है।

[2][394क. हिंदी भाषा में प्राधिकॄत पाठ–(1) राष्ट्रपति —

(क) इस संविधान के हिंदी भाषामें अनुवाद को, जिस पर संविधान सभा के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे, ऐसे उपान्तारणों के साथ जो उसे केंद्रीय अधिनियमों के हिंदी भाषामें प्राधिकॄत पाठों में अपनाई गई भाषा, शैली और शब्दावली के अनुरूप बनाने के लिए  आवश्यक हैं, और ऐसे प्रकाशन के पूर्व किए गए इस संविधान के ऐसे सभी संशोधनों को उसमें साम्मिलित करते हुए, तथा

(ख) अंग्रेजी भाषा में किए गए इस संविधान के प्रत्येक संशोधन के हिंदी भाषा में अनुवाद को, अपने प्राधिकार से प्रकाशित कराएगा।


(2) खंड (1) के अधीन प्रकाशित इस संविधान और इसके प्रत्येक संशोधन के अनुवाद का वही अर्थ लगाया जाएगा जो उसके मूल का है और यदि ऐसे अनुवाद के किसी भाग का इस प्रकार अर्थ लगाने में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है तो राष्ट्रपति उसका उपयुक्त पुनरीक्षण कराएगा।

(3) इस संविधान का और इसके प्रत्येक संशोधन का इस अनुच्छेद के अधीन प्रकाशित अनुवाद, सभी प्रयोजनों के लिए, उसका हिंदी भाषा में प्राधिकॄत पाठ समझा जाएगा।

395. निरसन–भारत स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 और भारत शासन अधिनियम, 1935 का, पश्चात् कथित अधिनियम की, संशोधक या अनुपूरक सभी अधिनियमितियों के साथ, जिनके अंतर्गत प्रिवी कौंसिल अधिकारिता उत्सादन अधिनियम, 1949 नहीं है, इसके द्वारा निरसन किया जाता है।

 


[1] संविधान (अठावनवां संशोधन) अधिनियम, 1987 की धारा 2 द्वारा अंतःस्थापित।

[2] संविधान (अठावनवां संशोधन) अधिनियम, 1987 की धारा 3 द्वारा अंतःस्थापित।

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